तीर्थराजप्रयाग-महाकुम्भदर्शन– तीन
● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय(वैयाकरण एवं भाषाविज्ञानी), प्रयागराज।•••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• संक्रान्ति का अर्थ है, ‘एक स्थान से दूजे स्थान मे पहुँचना वा एक-दूसरे का मिलना ‘संक्रान्ति’ कहलाती है। ‘संक्रान्ति’ की व्युत्पत्ति पर विचार करेँ तो ज्ञात होता […]