ऐसे कर्मयोगी और हिन्दी पत्रकारिता के हस्ताक्षर को मेरा सलाम
शाश्वत तिवारी : जिस दौर की पत्रकारिता की प्रामाणिकता और विश्वसनीयता पर ढेरों सवाल हों, ऐसे समय में हेमन्त शर्मा की उपस्थिति हमें आश्वस्त करती है कि सारा कुछ खत्म नहीं हुआ है। सही मायने […]
शाश्वत तिवारी : जिस दौर की पत्रकारिता की प्रामाणिकता और विश्वसनीयता पर ढेरों सवाल हों, ऐसे समय में हेमन्त शर्मा की उपस्थिति हमें आश्वस्त करती है कि सारा कुछ खत्म नहीं हुआ है। सही मायने […]
★ आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय जिस भारतीय जनता पार्टी का समूचे उत्तरप्रदेश में राजनैतिक वर्चस्व रहा, अब वह ध्वस्त होती दिख रही है। इसे हाल ही में सम्पन्न उत्तरप्रदेश के ज़िलापंचायत-चुनावों के परिणामों ने उजागर […]
आदित्य त्रिपाठी (मानद प्रबन्ध-निदेशक IV24 NEWS) भारत का युवा जब तक जागेगा नहीं तब तक ये सत्तालोलुप, बिन पेंदी के लोटे अपनी तानाशाही चलाते रहेंगे । जो भी सत्ता में आया उसने हमें ( आम- […]
डॉ॰ निर्मल पाण्डेय (इतिहासकार/व्याख्याता)– ‘जाओ और उनसे कह दो, चंद्रशेखर एक दिन में तीन बार अपने विचार नहीं बदलता….’ चन्द्रशेखर को इस्तीफ़ा वापस लेने के लिए मनाने आए शरद पवार यह बात अपनी आत्मकथा ‘ऑन […]
(शाश्वत तिवारी) यह सर्वविदित है कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई एकजुटता से ही जीती जानी संभव है। इसके लिए जितनी गंभीरता योगी सरकार दिखा रही है, उतना ही अस्पताल प्रबंधन, स्वास्थ्य कर्मियों, फ्रंटलाइन वर्कर और […]
(शाश्वत तिवारी)आज हम सबके प्रगतिशील सोच वाले एक ‘न्यू इंडिया’ में जी रहे हैं। लेकिन महिलाओं की सामाजिक स्थिति, इस नए भारत पर भी सवाल खड़े करती है। मौजूदा समाज में भी महिलाओं की स्थिति […]
लखनऊ : 25 मार्च 2021 (By P. C. GUPTA) लखनऊ की नामचीन आरटीआई एक्टिविस्ट ने 02 अगस्त 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके प्रमुख सचिव नृपेन्द्र मिश्र के मार्फत 53 पेज के प्रमाणों के साथ पत्र लिखकर यूपी कैडर के आईपीएस अमिताभ […]
शांतनु त्रिपाठी : 15 मार्च, नई दिल्ली। क्वाड्रीलेटरल सिक्योरिटी डायलॉग यानी क्वाड के राष्ट्राध्यक्षों का पहला वर्चुअल शिखर सम्मेलन 12 मार्च को संपन्न हुआ। इस दौरान भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे […]
भारत विरोधी एजेंडा चलाने वाले देशों को विदेश मंत्री एस० जयशंकर ने दिया करार जवाब हम संविधान पर हाथ रखकर शपथ लेते हैं, किसी धार्मिक किताब पर नहीं : एस० जयशंकर शान्तनु त्रिपाठी (स्वतंत्र पत्रकार) […]
एक जीवन शैली के रूप में हर हिन्दुस्तानी में हिन्दुत्व की मौजूदगी उस नमक की तरह ही है, जिसके बिना जीवन का बेस्वाद होना तय है। नमक? जी हाँ… यहाँ इस आबोहवा में कुछ नहीं […]
आज अन्तरराष्ट्रीय महिला-दिवस है और बौद्धिक वर्ग का मंच ‘सर्जनपीठ’, प्रयागराज की ओर से उस वर्ग की स्थिति के प्रति अपनी मुखरता व्यक्त की गयी है, जो दीर्घकाल से असमानता का व्यवहार झेलता आ रहा […]
नशे पर विशेष अवनीश मिश्रा (सह सम्पादक, अवध रहस्य) तंबाकू से कैंसर होता है। शराब सेहत के लिए हानिकारक होती है । इन बातों को आज के समाज में रहने वाले बच्चे से लेकर बुजुर्ग […]
डॉ० निर्मल पाण्डेय (व्याख्याता/लेखक) ‘ये जीवन राष्ट्र का है, राष्ट्र को ही अर्पित है, ये मेरा नहीं है’ राष्ट्र को समर्पित । ऐसे मन्त्र के प्रणेता परम् पूज्य माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर की आज जयन्ती है […]
● आज (१५ फ़रवरी) सुभद्रा कुमारी चौहान की पुण्यतिथि है । -डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय (भाषाविद्-समीक्षक) सुभद्रा कुमारी चौहान : एक दृष्टि में जन्म— १६ अगस्त, १९०४ ई० को निहालपुर, इलाहाबाद मृत्यु-– १५ फ़रवरी, १९४८ ई० […]
डॉ० निर्मल पाण्डेय (इतिहास-व्याख्याता) : चौरी चौरा की घटना सौ सालों बाद आज भी इतिहास में अपने सही स्थान की बाट जोह रही है। 1922 में घटी इस घटना के साथ तत्कालीन ब्रिटिश सत्ता के […]
डॉ० निर्मल पाण्डेय (इतिहास-व्याख्याता/लेखक) विद्रोह दरअसल ‘विरोध की वृत्ति/प्रवृत्ति’ की उन्नत अभिव्यक्ति है। विरोध करना सही मायनों में हमारे-आपके जीवित होने का प्रमाण है। और जो व्यवस्था ‘बिना किसी तर्क’, ‘बिना किसी बहस’ के विरोध […]
‘सर्जनपीठ’, प्रयागराज का राष्ट्रीय आन्तर्जालिक बौद्धिक परिसंवाद बौद्धिक, शैक्षिक, सांस्कृतिक, सामाजिक तथा साहित्यिक मंच ‘सर्जनपीठ’, प्रयागराज के तत्त्वावधान आज (३० जनवरी) एक राष्ट्रीय आन्तर्जालिक बौद्धिक परिसंवाद ‘काश! आज ‘गांधी’ होते’ विषय पर आयोजन किया गया, […]
एक तरफ सरकार नशा मुक्त भारत का दिखावा करता है वहीं दूसरी तरफ नशा रूपी ज़हर को बेचने के लिए लाखों रूपए लेकर लाइसेंस देकर नशे को वैध बनवाकर बेंचने को प्रेरित भी कर रहा […]
डॉ० निर्मल पाण्डेय (इतिहास-व्याख्याता/लेखक) : ‘आपने कभी अपने घोड़े पर मुग़लिया सल्तनत का शाही दाग़ नहीं लगने दिया, आपने अपनी पगड़ी कभी नहीं झुकायी, ना ही आपने अपने घोड़े पर शाही मोहर नहीं लगने दी। […]
1 जनवरी 2021 से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के गलियारे में भारतीय तिरंगा एक बार फिर से लहराने लगा है। इसके साथ ही सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य के रूप में भारत ने अपना आठवां […]
— आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय उत्तरप्रदेश, उत्तराखण्ड, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखण्ड तथा राजस्थान के किसान ‘रजाई’ में क्यों दुबके हुए हैं? लज्जा नहीं आती, सिंघु बॉर्डर पर पंजाब-हरियाणा के बूढ़े-बच्चे-जवान, महिलाएँ एक पैर पर खड़ी […]
‘सिदो कान्हु मुर्मु विश्वविद्यालय’, दुमका (झारखंड) की ओर से ‘वातायन’ अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मान 2020 के संदर्भ में डॉ. निशंक का रचना-संसार’ विषय पर द्विदिवसीय आन्तर्जालिक (ऑन-लाइन) अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी (23-24 दिसम्बर) प्रयागराज के शंकराचार्य आश्रम में […]
भाषा शिक्षण संस्थान हाजीनगर (कलकत्ता), अन्तरराष्ट्रीय भाषा संस्थान सूरत द्वारा प्रायोजित और लखनऊ विश्वविद्यालय तथा ‘इंदु संचेतना’एवं भाखा के संयुक्त तत्त्वावधान में प्रयोजनमूलक हिंदी के परिप्रेक्ष्य में प्रोफेसर सूर्य प्रसाद दीक्षित के प्रदेय पर अन्तर्जालीय […]
● आज (२४ दिसम्बर) व्याकरणाचार्य पं० कामता प्रसाद गुरु की १४६ वीं जन्मतिथि है। व्याकरणाचार्य पं० कामता प्रसाद गुरु की एक सौ छियालीसवीं जन्मतिथि के अवसर पर ‘सर्जनपीठ’ प्रयागराज की ओर से २४ दिसम्बर को […]
‘सिदो कान्हु मुर्मु विश्वविद्यालय’, दुमका (झारखंड) की ओर से ‘वातायन’ अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मान 2020 के संदर्भ में डॉ. निशंक का रचना-संसार’ विषय पर द्विदिवसीय ऑन-लाइन अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी 23 दिसम्बर को अपराह्न 4- बजे से आयोजित […]
— आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय सरकारी प्राथमिक शालाओं में ‘ऑन-लाइन’ पढ़ाई के नाम पर बच्चों के साथ छलावा किया जा रहा है; क्योंकि ऐसी पाठशालाओं में अधिकतर वे बच्चे पढ़ रहे हैं, जिनके माँ-बाप किसी […]
शान्तनु त्रिपाठी (स्वतन्त्र पत्रकार) बीते 6 दिसंबर को भारत और बांग्लादेश ने अपने द्विपक्षीय संबंधों की 49वीं वर्षगांठ मनाई। यह वही दिन है, जब वर्ष 1971 में भारत ने बांग्लादेश को एक संप्रभु राष्ट्र के […]
‘मुक्त मीडिया’ का ‘आज’ का सम्पादकीय ★ आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय आज यदि किसान-आन्दोलन-वार्त्ता का पाँचवाँ दौर परिणामरहित रहा। ऐसे में, सरकार को चाहिए कि वह किसानों के लिए बनाये गये अधिनियम को निरस्त कर, […]
—- आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय हमारे हिन्दीशब्दकोशकारवृन्द ने हिन्दीशब्दकोश के नाम पर उसे ‘कबाड़ख़ाना’ बनाया है। इसका मुख्य कारण है कि उन्होंने उद्देश्यपरक कोश तैयार नहीं किये हैं। उद्देश्यपरक का प्रश्न इसलिए कि कौन-सा शब्द […]
‘मुक्त मीडिया’ का आज का सम्पादकीय — आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय देश के स्नातक-उपाधि-प्राप्त समस्त अनियोजित (बेरोज़गार) युवाओं के लिए सरकार प्रति युवा १० हज़ार रुपये प्रतिमाह ‘मानधन’ देने की व्यवस्था करे, अन्यथा युवावर्ग दिग्भ्रमित […]
● भाषाविद्-समीक्षक आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय ने चिन्ता जतायी परीक्षा नियामक प्राधिकारी, उत्तरप्रदेश की ओर से 6 अक्तूबर को करायी गयी द्वितीय सेमेस्टर– 2020 के हिन्दी-विषय की परीक्षा; प्रश्न-पुस्तिका ‘।।-6’ में ऐसी-ऐसी अशुद्धियाँ देखने को […]
— आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय साहित्य सभी के लिए है। साहित्य के साथ दलित-पतित, अगड़ा-पिछड़ा लगाकर साहित्य को कतिपय लोग एक खाँचे तक सीमित रखना चाहते हैं। अरे! साहित्य को ‘साहित्य’ ही रहने दो, उसका […]
राघवेन्द्र कुमार त्रिपाठी ‘राघव’ ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट की, जिस पर विचार-विमर्श भी किया गया । आप भी इस विचार-विनिमय में प्रतिभाग कर सकते हैं । प्रस्तुत है विमर्श की संक्षिप्त बातें… राघवेन्द्र […]
— आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय संयुक्त राज्य अमेरिका में इन दिनों राष्ट्रपति-पद के लिए चुनाव हो रहे हैं। चुनाव में रिपब्लिक पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प और डेमोक्रटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बिडेन/बाइडेन के मध्य […]
डॉ० निर्मल पाण्डेय (इतिहासकार और लेखक) : अपना देश, धरित्री अपनी, अपने खेत, पहाड़ जगाएं ।सावधान हो घर-घर जाकर जयतु स्वदेशी नाद गुंजाएं ।। रमाशंकर अग्निहोत्री उपरोक्त पंक्तियों के माध्यम से जिस स्वदेशी की जय का उद्घोष […]
शाश्वत तिवारी : लखनऊ : डॉ0अम्बेडकर को भारत रत्न दिलाने और सेंट्रल हाल में अम्बेडकर की प्रतिमा लगवाने में रामविलास पासवान की अहम भूमिका रही। रामविलास पासवान जैसा दिग्गज दलित नेता आज हमारे बीच नही […]
जन्मतिथि विशेष : लाल बहादुर शास्त्री (पूर्व प्रधानमंत्री) अवधेश कुमार शुक्ल ‘मूरख हिरदय’ बात तब की है, जब शास्त्रीजी इस देश के प्रधानमंत्री के पद को सुशोभित कर रहे थे। एक दिन वे एक कपड़े […]
● इलाहाबाद में गांधी जी का प्रथम आगमन — आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय प्राय: देखा गया है कि जीवन में ‘आकस्मिक’ और ‘अप्रत्याशित’ गमनागमन की विशेष भूमिका होती है; जैसा कि महात्मा गांधी जी के […]
— आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय यह कृति निजी डाकसेवान्तर्गत आज (२९ सितम्बर) ही हस्तगत हुई है। प्रथम दृष्ट्या श्रद्धेय डॉ० किरन पाल सिंह जी (कार्यक्रम निदेशक– भारतीय राजभाषा विकास संस्थान, देहरादून (उत्तराखण्ड) के कुशल सम्पादकत्व […]
आत्मचिन्तन — आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय आज़ादी के बाद से पिछले छ: वर्षों में जिस नीति के अन्तर्गत ‘न्यू इण्डिया की मोदी-सरकार’ ने प्रत्येक स्तर पर प्रत्येक क्षेत्र में जिस तरह से खोखला कर आत्म-समृद्धि […]
— आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय धिक्कार है, देश के सभी समाचार चैनलों के स्वामियों और उनके महिला-पुरुष कर्मचारियों (निदेशक, कार्यकारी निदेशक, सम्पादक, समाचार-सम्पादक, संवाददाता, सूत्रधार आदिक) को, जो ‘हिन्दी’ की दी हुई रोटी तो तोड़ […]
आदित्य त्रिपाठी ( प्रबंध सम्पादक आई.वी.24 न्यूज ) सत्ता के लिए महाराष्ट्र में रात 1 बजे राष्ट्रपति शासन हट जाता है । सरकार बनाने के लिए रात में कोर्ट भी लग जाती है, आनन-फानन फैसले […]
डॉ॰ निर्मल पाण्डेय (इतिहासकार/लेखक) जहां मैं पढ़ा-बढ़ा उस बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की अलुम्नाई, कला और सौंदर्यशास्त्र की एक प्रतिष्ठित विद्वान, संसद की पूर्व सदस्य और सांस्कृतिक अनुसंधान के एक दिग्गज हस्ती पद्म विभूषण डॉ. कपिला […]
■ हिन्दी के मानकीकरण के लिए विद्वज्जन को सामने आना होगा बौद्धिक-वैचारिक संस्था ‘सर्जनपीठ’, प्रयागराज के तत्त्वावधान में हिन्दी-दिवस की पूर्व-सन्ध्या पर ‘हिन्दी के मानकीकरण की समस्या’ पर एक आन्तर्जालिक अन्तरराष्ट्रीय बौद्धिक परिसंवाद का आयोजन […]
डॉ. निर्मल पाण्डेय (इतिहासकार/लेेेखक) : राष्ट्रवादी विचारक, प्रख्यात मनीषी, सुपरिचित इतिहासकार, अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना के संस्थापक सदस्यों में से एक प्रो. सतीश चंद्र मित्तल (1938 -2019) राष्ट्रवादी दृष्टिकोण से इतिहासलेखन के महत्वपूर्ण हस्ताक्षर […]
— आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय योगी आदित्यनाथ एक गम्भीर राजनेता लगते हैं। वे उत्तरप्रदेश राज्य के मुख्यमन्त्री भी हैं। क्या यह विषय उनके संज्ञान में नहीं है कि आज राज्य में प्राथमिक, माध्यमिक तथा उच्च […]
शाश्वत तिवारी : लखनऊ : राष्ट्रीय शिक्षा नीति की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें बालिकाओं एवं दिव्यांगों की शिक्षा के मद्देनजर सकारात्मक निर्णय लिये गये हैं, वहीं सामाजिक समस्याओं के निराकरण एवं शिक्षा […]
डाॅ. निर्मल पाण्डेय (इतिहासकार/लेखक) शिक्षा का सही उद्देश्य बताते एक उद्बोधन में, जिसे डॉ. राधाकृष्णन ने 23 जनवरी 1957 को कलकत्ता विश्वविद्यालय शताब्दी वर्ष में उपाधि-वितरण-समारोह के अवसर पर दिया था, कहते हैं: ‘पुराने विश्वविद्यालयों […]
— आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय एक वह समय था, जब अध्यापक की सम्पूर्ण समाज में सर्वाधिक मान-प्रतिष्ठा हुआ करती थी, तब यह उदात्त शब्दावली शोभा देती थी, “आचार्य देवो भव।” एक समय आज का है, […]
— आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय दु:ख है, इन दिनों भारतीय समाज के कुछ लोग किसानों-बेरोज़गारों (जातिरहित) की बात न कर, संकीर्ण स्वार्थ की बात कर रहे हैं; समूह बना रहे हैं। मत भूलिए, वही लोग […]
शाश्वत तिवारी : लखनऊ/ अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ, शिक्षक व समाज के कई वर्ग इस बात से बहुत उत्साहित हैं कि लगभग 34 वर्षों के बाद देश को एक नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 […]
— आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय सोनिया गांधी ने काँग्रेस के राष्ट्रीय कार्यकारीअध्यक्ष-पद का त्याग करने का निर्णय किया है।★ हम इसका स्वागत करते हैं।★ पिछले १० अगस्त को ही उनका कार्यकाल समाप्त हो चुका था, […]
‘मुक्त मीडिया’ का ‘आज’ का सम्पादकीय — आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय सुशान्त-आत्महत्या-प्रकरण में सी०बी०आइ० की ओर से जाँच-विलम्ब का कारण क्या है? ऐसी स्थिति में, साक्ष्य समाप्त किये जा सकते हैं; साक्षियों की हत्या भी […]
— आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय इस्लाम-सम्प्रदाय को माननेवाले राष्ट्रगायन न करने के प्रति आग्रहीजन! दशकों से यह तथ्य संज्ञान कराता आ रहा है कि आप लोग को निम्नांकित ‘राष्ट्रगान’ में सम्मिलित किन्हीं दो शब्दों के […]
(अगस्त क्रान्ति दिवस पर विशेष):- राजनाथ शर्मा, समाजवादी चिन्तक/लोकतंत्र सेनानी, (अध्यक्ष गांधी जयन्ती समारोह ट्रस्ट) “मैं आपको एक ही मंत्र देता हूं ‘करो या मरो।’ आज़ादी डरपोकों के लिए नहीं है। जिनमें कुछ कर गुजरने […]
— आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय फ्रांस से जब पाँच युद्धक विमान ‘राफैल’ भारत लाये जा रहे थे तब भारत का मीडिया-तन्त्र ऐसा विवरण प्रस्तुत कर रहा था, जिससे लग रहा था, मानो चीन का सर्वनाश […]
— आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय आपकी लेखनी यदि ‘पराधीनता’ की ओर बढ़ने के लिए मचल रही हो तो उसे पहले दुलराइए-पुचकारिए- समझाइए; उसके बाद भी उस धृष्ट की अक्खड़पना दूर न हो तो झट उसे […]
डॉ॰ निर्मल पाण्डेय (व्याख्याता/इतिहासकार और लेखक) : 1921 से ही स्वतंत्रता की चाह रखने वाले योद्धा की तरह डॉ. वासुदेव शरण अग्रवाल ने भारतीय राष्ट्र की एकता और नैतिकता को प्रभावित करने वाले हर सूत्र […]
— आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय गुरु ‘गुरु’ ही है। जैसे ही कोई शिष्य यह विचार कर विद्या ग्रहण करता है कि वह अपने ‘गुरु’ की सिद्धि का अतिक्रमण कर स्वयं को सिद्ध करेगा, वैसे ही […]
● पं० बालकृष्ण भट्ट की साहित्यिक-सामाजिक चेतना देखते ही बनती थी प्रख्यात निबन्धकार-पत्रकार- संस्कृतिधर्मी पण्डित बालकृष्ण भट्ट की पुण्यतिथि पर आज (२० जुलाई) ‘सर्जनपीठ’ की ओर से ‘पं० बालकृष्ण भट्ट का साहित्यिक और पत्रकारीय जीवन’ […]
● नेल्सन मण्डेला की आज जन्मतिथि है। — आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय आज १८ जुलाई है। १८ जुलाई, १९१८ ईसवी को दक्षिणअफ़्रीका में रंगभेद के विरुद्ध अप्रतिम क्रान्ति करनेवाले रोलिहलाहला नेल्सन मण्डेला का जन्म हुआ […]
‘मुक्त मीडिया’ का ‘आज’ का सम्पादकीय — आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय विगत दो दशकों से जिस तरह से शिक्षा परिषदों में अधिकतर विद्यार्थियों को ८० से १०० प्रतिशत अंक दिये जाते रहे हैं, उससे उतने […]
— आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय ‘दो-तिहाई’ शब्द देश में सत्ता-सुख भोगने के लिए है; राजधर्म से वंचित रखने के लिए है तो ‘निरंकुशता’ का चरित्र जीने के लिए है। हाँ, दो-तिहाई बहुमत प्राय: पूर्णत: विश्वसनीय […]
‘मुक्त मीडिया’ का ‘आज’ का सम्पादकीय —आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय आज के अधिकतर गुरु अर्थात् तथाकथित ‘सर’ अपने गर्हित आचरण की स्थापना ‘स्वयं’ कर चुके हैं। वे स्वयं को बाज़ार में ‘विक्रेता’ के रूप में […]
‘मुक्त मीडिया’ का ‘आज’ का सम्पादकीय — आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय आज भारत की अर्थ-व्यवस्था उन बन्दरों के हाथों में है, जो उस्तरा लेकर देश की सामान्य जनता की कटौती में सेंध लगाकर ‘कतर-ब्योंत’ करने […]
आदित्य त्रिपाठी ‘यादवेन्द्र’ (प्रबन्ध निदेशक, IV24): अपराध के विकास दुबे नामक अध्याय का अन्त… पर क्या यह वाकई अपराध का अन्त है, यह विचारणीय है? भले देर से ही सही परन्तु यूपी पुलिस ने एक […]
— आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय लगभग तीन दशकों तक उत्तरप्रदेश में ‘आतंक’ का पर्याय बना रहा, कानपुर के आठ पुलिसकर्मियों की निर्मम हत्या का मुख्य आरोपित कानपुर का विकास दुबे एक बहुत ही नाटकीय अन्दाज़ […]
— आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय मध्यप्रदेश की पुलिस का कहना है– हमने विकास दुबे को आधिकारिक रूप से गिरिफ़्तार नहीं किया है। ऐसे में, प्रश्न है– विकास दुबे को गिरिफ़्तार किया गया था अथवा शासन […]
— आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय विकास दुबे की माता जी सरला दुबे कहती हैं– मेरा बेटा अपराधी है; आतंकी है, उसका ‘एनकाउण्टर’ कर दीजिए। मैंने उसे बहुत समझाया कि अपराध की दुनिया छोड़कर शरीफ़ का […]
‘मुक्त मीडिया’ का ‘आज’ का सम्पादकीय —आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय (प्रयागराज) कोरोना-काल अभी समाप्त नहीं हुआ है। वास्तव में, जो कोरोना योद्धा हैं, उनका कहीं-कोई सम्मान नहीं और जो ‘छद्म’ कोरोना योद्धा हैं, उन्हें नाना […]
‘मुक्त मीडिया’ का ‘आज’ का सम्पादकीय — आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय भारत-चीन-सीमा पर आज (३ जुलाई) जाकर प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी का सीमा पर डटे भारत के सैनिकों से मिलना; घायल भारतीय सैनिकों को सुखद आश्वासन […]
★ आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय देश के पाँच प्रतिशत लोग भी ‘प्लाज़्मा’ के बारे में नहीं जानते। वे मीडियाकर्मी भी नहीं जानते, जो समाचार-चैनल और समाचारपत्र-पत्रिकाओं के माध्यम से इस शब्द को सार्वजनिक कर रहे […]
‘मुक्त मीडिया’ का ‘आज’ का सम्पादकीय — आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय ‘हिन्दी’ विषय कितना आसान है, इसे उत्तरप्रदेश का एक ‘कुकुर’ भी जानता है; लेकिन वह ‘देवनागरी लिपि’ में भौंक नहीं पाता। हमारे देश जाना-माना […]
‘मुक्त मीडिया’ का ‘आज’ का सम्पादकीय — आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय एक वह समय था, जब पिंजरे में बैठा ‘भारत’ के गुरु-आश्रम का तोता संस्कृत के शताधिक श्लोकों को कण्ठस्थ कर लेता था; आतिथ्य/आतिथेयी का […]
आरती जायसवाल (साहित्यकार, समीक्षक) इधर भारत में पतञ्जलि ने वैश्विक महामारी ‘कोरोना’ की आयुर्वेदिक औषधि बनाई और उधर हो-हल्ला। हो भी क्यों न? अभी विश्व के वैज्ञानिक/चिकत्सक खोज में लगे हैं और हमारे योग बाबा […]
– डॉ. निर्मल पाण्डेय (इतिहासकार) आपातकाल भारतीय लोकतंत्र का न मिटाया जा सकने वाला काला अध्याय है, जिसपर कांग्रेस और उन्ही के धन-यश-सुविधा पर पलने वाले कम्युनिस्टों-सोशलिस्टों से इतर आज भारतवर्ष के लिए कृतसंकल्पित मानस […]
आरती जायसवाल (साहित्यकार, समीक्षक) परीक्षा और परीक्षा परिणामों से निराश हुए बिना प्रतिभा के आधार पर अपने लक्ष्य का निर्धारण करें क्योंकि“परीक्षा परिणाम बच्चों द्वारा दी गई परीक्षा का आकलन होता है न कि उनके […]
डॉ॰ निर्मल पाण्डेय (लेखक/इतिहासकार) महाप्रयाण से महीने भर पूर्व 11 मई 1940 को हुयी एक बैठक में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के आद्य सरसंघचालक डॉ. हेडगेवार ने समाज में कार्यकर्ताओं को किस प्रकार बर्ताव करना चाहिए […]
त्वरित टिप्पणी—— —आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रभाव में काम करनेवाले अति महत्त्वपूर्ण सैन्य गठबन्धन नाटो/नैटो– N.A.T.O. (नॉर्थ एटलाण्टिक ट्रीटी ऑर्गनाइज़ेशन) ने चीन की अतिवादी साम्राज्यवादी नीति को ध्वस्त करने के लिए […]
‘मुक्त मीडिया’ का ‘आज’ का सम्पादकीय आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय आम जनता गऊ है, जैसा चाहो, दूहो, सोखो, नोचो-बकोटो और विरोध करने पर ‘राष्ट्रद्रोह’ का केस ठोंकवाकर जेल में ठूँसवा दो। देश की सरकार के […]
एक ‘विद्रोही’ की डायरी ”डंके की चोट पर” अन्त:करण से निकले शब्द महासागर के तटप्रान्त के निभृत निलय (एकान्त स्थान) पर जब स्वयं को खड़ा पाता हूँ तब जीवन का सच्चा पक्ष मेरे समक्ष आ […]
‘मुक्त मीडिया’ का ‘आज’ का सम्पादकीय — आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय देश के किसी भी सिद्धपीठ मन्दिर के देवी-देव से वरदान माँगने पर यदि उसकी पूर्णता हो जाती तो आज देश में कोई ग़रीब नहीं […]
राम वशिष्ठ (युवा चिन्तक व फिल्म निर्देशक) : यह ब्रह्मांड बहुत बड़ा है लेकिन जीवन केवल पृथ्वी पर है । सभी ग्रहों में पृथ्वी का पर्यावरण जीवन के अनुकुल है इसलिए इस ग्रह पर जीवन […]
◆ यह तथ्यपरक विचार उन सफ़ेदपोश आई० ए० एस० और पी० सी० एस० अधिकारियों के लिए है, जो वातानुकूलित और ऐश्वर्यमय कक्ष में बैठकर अनेक विशिष्ट सुविधाओं का भोग करते हुए, देश की शिक्षा-परीक्षानीति का […]
‘मुक्त मीडिया’ का ‘आज’ का सम्पादकीय —- आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय श्रमिक-वर्ग की बेकारी उतना चिन्त्य नहीं है जितना कि शिक्षित-वर्ग की। श्रमिक-वर्ग कहीं-न-कहीं सामयिक काम पाकर अपना जीवन-यापन कर लेता है; परन्तु शिक्षित-वर्ग जीविका […]
‘मुक्त मीडिया’ का आज का सम्पादकीय — आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय सुनियोजित ढंग से कोई भी निर्णय नहीं लिया गया है। किस विषय को किस रूप में प्राथमिकता दी जाये, इस पर सुनियोजित ढंग से […]
डॉ॰ निर्मल पाण्डेय (इतिहासवेत्ता) (एक वर्ष पूर्व लिखा गया किन्तु प्रासंगिक लेख) नक्सलबाड़ी जिस दार्जिलिंग लोकसभा में आता है, दो दिन पहले ही भारतीय जनता पार्टी के राजू बिस्ता उसके सांसद चुने गए हैं, उन्होंने […]
‘मुक्त मीडिया’ का ‘आज’ का सम्पादकीय — आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय– अब समय आ गया है कि देश में एक ऐसा ‘वास्तविक राष्ट्रवादी’ संघटन तैयार हो, जो चुनाव के समय किसी भी राजनीतिक दल के […]
राघवेन्द्र कुमार त्रिपाठी ‘राघव’- समाजवाद रो रहा है । मानवाधिकार मिट गये । ऊपर वाले तेरी कायनात बंट गयी । हमारे लिए संस्कृति की दीवार बनाने वाला वह कर्म का पुजारी आज दुर्दिनों में है […]
आदित्य त्रिपाठी (प्रबन्ध सम्पादक IV24 NEWS) : छात्रों के नाम पर राजनीति की रोटी सेंकने वालों क्या अब छात्रों का दर्द दिखाई नहीं देता ? विभिन्न शहरों में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले […]
Mahendra Nath Maharshi (Retd Sr. Officer DD) : The concept ‘Nation ’ is perhaps wrongly identified and defined by us. In fact our, after partition Code Book, The Constitution of India, recognised us as Federation […]
डॉ. नरेन्द्र शुक्ल नेहरू (शोध प्रमुख – मेमोरियल म्यूज़ियम एण्ड लाइब्रेरी, नई दिल्ली) हम अपने घरों में खुद को छुपाये बैठे हैं। लाखों सेल्फ आइसोलेशन में हैं,और हजारों क़वारेन्टीन में हैं। पूरी दुनिया जब एक […]
नरेन्द्र शुक्ल (शोध प्रमुख : नेहरू मेमोरियल म्यूज़ियम एण्ड लाइब्रेरी, दिल्ली)- शहर, जिसने खराब समय में उन्हें बोझ की तरह फटक दिया था, अपने जबड़े साफ कर फिर आमंत्रित करेगा। वो आएंगे, वो आने के […]
‘मुक्त मीडिया’ का ‘आज’ का सम्पादकीय पृथ्वीनाथ पाण्डेय– आज हमारी देवनागरी लिपि और हिन्दीभाषा अपने मौलिक अभिज्ञान (परिचय/पहचान) से सुदूर होती जा रही हैं, जिसके प्रति किसी को चिन्ता तक नहीं। सच तो यह है […]
महेन्द्र नाथ महर्षि (से.नि. वरिष्ठ अधिकारी दूरदर्शन)- कभी नहीं सोचा होगा कि बुराई की भी ‘धूम’ मच सकती है। कभी उम्मीद की है कि एक रोगाणु आएगा और संगीत का अंतरराष्ट्रीय विषय बन कर विभिन्न […]
‘मुक्त मीडिया’ का ‘आज’ का सम्पादकीय ‘यश बैंक’ की असलीयत जानें और विषय-केन्द्रित ही प्रतिक्रिया करें। इन सभी समूह और इनके अतिरिक्त जो नाम यहाँ दिख नहीं रहे हैं, उनके विरुद्ध भी कठोर दण्डात्मक काररवाई […]
राघवेन्द्र कुमार त्रिपाठी ‘राघव’ : वसंत ऋतु में रंगों की रंगीन फ़िजा के बीच होली का यह त्यौहार भारतीय बड़े ही उल्लास के साथ मनाते हैं । यह पर्व हिंदू पञ्चाङ्ग के अनुसार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है । यह पर्व दो दिवसीय […]
● डोनाल्ड ट्रम्प की ‘कूटनीतिक’ भारत-यात्रा डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय आज (२४ फ़रवरी) विश्व के सर्वाधिक बलशाली कहे जानेवाले देश संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का भारत आना और सीधे अहमदाबाद (गुजरात) पहुँचकर बतायी […]
डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय– ग़द्दार ओबैसी के मंच से जिस महिला से ‘पाकिस्तान ज़िन्दाबाद’ के नारे लगवाये गये हैं, उस पर शीघ्र काररवाई हो। वहीं देशद्रोही वारिस पठान देश में नफ़रत का बीज बो रहा है। […]