नारी के भीतर-बाहर का समूचा सच

March 8, 2024 0

आज ८ मार्च है; आइए! हम भी गाल बजा लें ● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय•••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• “आ बैल! ले मार” को चरितार्थ करनेवाला संवैधानिक अधिकार ‘लिव-इन रीलेशन’ भारतीय विधान की हवा निकालता आ रहा है। नारी […]

हम मतदान क्यों करें?

March 8, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय•••••••••••••••••••••••••••••••••••• हम जिन्हें चुनकर संसद् और विधानमण्डल मे बैठने-योग्य बनाते हैं, वे हमारे साथ विश्वासघात करके चन्द टुकड़ों के लोभ मे दल-बदलू बनते जा रहे हैं। ऐसे ही धूर्त्तों और मक्कारों […]

वैलेंटाइन डे, मीडिया और ऐय्याशी का तमाशा

February 15, 2024 0

“रोने से और इश्क़ में बेबाक हो गए,धोए गए हम इतने कि बस पाक हो गए।” प्रेम एक दैवीय गुण है। अपूर्णता में पूर्णता का भाव प्रेम है। प्रेम एक भाव है, एक सुंदर सा […]

न्यायालय के निर्णय आते ही बिलकिस बानो के अपराधी फ़रार!..?

January 12, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• देश मे सत्ताधारी राजनेताओं के प्रश्रय पाकर अपराधियों के हौसले बलन्द देखे जा रहे हैं। इसका जीता-जागता नमूना गुजरात का है, जहाँ कुछ गुण्डे बिलकिस बानो के परिवार के सात […]

भारत का हर नागरिक ₹१ लाख ४० हज़ार से अधिक का क़र्जदार बना!..?

December 24, 2023 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय•••••••••••••••••••••••••••••••••••••• क़र्ज़ तब लिया जाता है जब मन और हृदय मे उसे चुकाने की मंशा भी हो। यही कारण है कि उस क़र्ज़ को लेकर ‘अन्तरराष्ट्रीय मुद्रा कोष’ (आइ० एम० एफ०) […]

वापस होने की आस

October 13, 2023 0

जिन दिनों मैं हमेशा की तरह एक यात्रा करती हुई अपने गंतव्य पर पहुंचने की आशा में प्रयागराज से ट्रेन पकड़ रही थी । सारनाथ ट्रेन आने वाली थी सभी यात्री अपने सामान के साथ […]

मृत्यु भोज

October 10, 2023 0

बाबा की पीढ़ी के समय हमारे परिवार में लगभग 50 लोग एक साथ बरी गांव के कच्चे घर में रहा करते थे। पापा की पीढ़ी के लोग पढ़ लिखकर बाहर निकल गए। जिसको जहां रोजगार […]

दक्षिण भारत, उत्तर भारत से कई मामलों में बेहतर है

August 19, 2023 0

मुझे अच्छी तरह याद है कि 1996 में जब मैं तांबरम ट्रेनिंग करने के लिए गया था, तब चेन्नई (मद्रास) के उस छोटे से कस्बे में हर तीसरी दुकान पर ₹1 डालकर लोकल में बात […]

बिहारी होना कउनो अपराध है का

August 9, 2023 0

बिहारियों के साथ ज्यादा दोस्ती रखने का नुकसान यह है कि आप ‘सिर’ को ‘माथा’ और ‘सड़क’ को ‘सरक’ बोलने लगते हैं। फायदा यह है कि दही चूड़ा और लिट्टी-चोखा जैसे नए व्यंजनों से परिचित […]

प्रतिदिन मंदिर जाने से क्या होता है?

August 9, 2023 0

आचार्य राजीव शुक्ला– मंदिर जाने के वैज्ञानिक कारण: कई लोग किसी व्रत या त्योहार पर मंदिर जाते हैं, कई लोग माह में एक बार मंदिर चले जाते हैं, बहुत से लोग साप्ताह में एक बार […]

नूँह काण्ड की पारदर्शितापूर्ण जाँच करायी जाये

August 5, 2023 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय नूँह (हरियाणा) मे मणिपुर के बाद सर्वाधिक भयावह हिंसा और विध्वंसक-काण्ड किया गया था। सामूहिक हत्या, महिलाओं के साथ शारीरिक दुष्कर्म, अग्निकाण्ड, तोड़-फोड़, चोरी-डक़ैती आदिक किये जाने से पहले सबसे […]

नामचीन लोग की हक़ीक़त यहाँ है, पहचानिए!

August 5, 2023 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय “नाम बड़े, पर दर्शन थोड़े” तब चरितार्थ होता है जब वस्तुस्थिति का प्रत्यक्षीकरण होता है। हम अपने ‘मुक्त मीडिया’ (सोसल/सोशल मीडिया) के माध्यम से उन लोग का भाषा, साहित्य, व्याकरण, […]

केन्द्र और मणिपुर सरकार ने इस मानवीय त्रासदी को मूकदर्शक बन कर होने दिया– आशीष तिवारी

July 27, 2023 0

लखनऊ– मणिपुर में महिलाओं के साथ जो घटना घटित हुई है वह मानवता को शर्मसार करने वाली हैं। केन्द्र सरकार और मणिपुर सरकार ने इतनी बड़ी मानवीय त्रासदी को मूकदर्शक बनकर होने दिया, जिसने मणिपुर […]

आपका आशीर्वाद ही बहुत है मेरे लिए

July 10, 2023 0

वैसे तो मेरे बाबा (दादा) का नाम श्री हौसिला बख्स सिंह था। लेकिन घर, गांव, जंवार के सभी लोग उन्हें ‘भाई’ के नाम से पुकारते और जानते थे। हम लोगों के लिए वह ‘भाई बाबा’ […]

महाराष्ट्र के राजनैतिक इतिहास मे विश्वासघात का एक और ‘घिनौना’ अध्याय जुड़ता हुआ!..?

July 6, 2023 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय महाराष्ट्र की राजनीति इन दिनो देश की सभी समस्याओं को पीछे छोड़ चुकी है। नरेन्द्र मोदी के खेमे मे जश्न का माहौल है; क्योंकि शकुनि ने पाशा फेंककर बाज़ी अपने […]

बिना तलाक लिये 4 वर्ष की पुत्री और पति को छोड़कर रचाई दूसरी शादी, पति मांग रहा न्याय

July 5, 2023 0

मनोज तिवारी (मान्यताप्राप्त पत्रकार)— हरदोई– बेहटा गोकुल थाना क्षेत्र के हूसेपुर करमाया में एक महिला के द्वारा अपनी 4 वर्ष की पुत्री और पति को छोड़कर दूसरी शादी रचाने का मामला सामने आया है। हालांकि पुलिस इस […]

धार्मिक होने के मानवीय चार आधार स्तम्भ

July 5, 2023 0

ओशो के एक मित्र ने ओशो से कहा कि “मैं आपको अपने पिता से मिलवाना चाहता हूं क्योंकि मेरे पिता बहुत धार्मिक हैं।” ओशो ने कहा “ठीक है, मैं मिलता हूं आपके पिता से क्योंकि […]

सत्यं शरणं गच्छामि

July 2, 2023 0

“ध्यान रहे सावित्री सदैव सत्यवान को ही वरण करती है, शक्तिमान को नहीं।” प्रश्न-क्या कोई ऐसी भी स्थिति है मन की जब पॉजिटिव व नेगेटिव एक हो जायें।द्वैत अद्वैत में कोई भेद न हो?कृपया मार्गदर्शन […]

4Q’s PQ/IQ/EQ/SQ पर आधारित प्रशिक्षण एवं परीक्षण की अनिवार्यता हो लागू

June 26, 2023 0

प्रश्न:-देश की पुलिस चोर, गुंडे, बड़े-बड़े गुनहगारों को काबू करने के बजाय उनका उपयोग करके केवल सामान्य जनता पर अन्याय/अत्याचार करती है!ऐसा क्यों है…? उत्तर:-ऐसा इसलिए है क्योंकि वर्तमान केंद्र व राज्यों की शासनव्यवस्था अपात्र/कुपात्र […]

पर उपदेश कुशल बहुतेरे

June 26, 2023 0

जंबूद्वीप भारत खंड के उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले के बरी नामक गांव में एक बार भागवत कथा हो रही थी। गुरुजी प्रवचन कर रहे थे-भक्तों दारू से दिल ना लगाना। शराब सिर्फ मन ही […]

इसे दिल्ली मेट्रो समझ रखा है क्या?

June 23, 2023 0

एक दिन हुआ यूं कि हमारे रायबरेली जिले के सबसे बड़े कस्बे लालगंज के सब्जी मंडी में एक युवा जोड़ा एक दूसरे का हाथ पकड़े और एक दूसरे से लगभग चिपटा हुआ, कोई रोमांटिक सा […]

पुण्य और प्रेम

June 21, 2023 0

पुण्य और प्रेम????परोपकार तो पुण्य करवाता है प्रेम नहीं।पर (पराया) का उपकार ही पुण्य है।पर का स्वीकार ही प्रेम है।जब तक कोई पराया जैसा अनुभव हो तब तक प्रेम कहाँ..?पराए जब अपने लगें तभी प्रेम […]

आगजनी की सजा उम्रकैद

June 18, 2023 0

बहुत समय पहले की बात है। तब मैं शायद 6-7 साल का रहा होऊंगा। उन दिनों ज्यादातर घरों में भोजन पकाने के बाद आग को राख से ढक दिया जाता था। अगली बार भोजन पकाने […]

आत्मसंवाद के क्षण

June 18, 2023 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय मेरा-जैसा मनुष्य कभी इतना उदारवादी हो जाता है कि अब तक के जीवनकालखण्ड मे जितना कुछ सार्थक बोध कर पाया है, वह सब लुटाता जा रहा है; बिना विचार किये― […]

तुम्हारी जय-जय-हमारी भी जय-जय!

June 9, 2023 0

—- ० आत्ममन्थन ०—- ★आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय जयजयकारा कभी श्रद्धा-विश्वास के साथ होता था, अब तो वैसी आस्था किंवदन्ती बन चुकी है। यदि कोई बताता और सुनाता है तो ‘दन्तकथा’ से अधिक कोई आकार-प्रकार […]

हीरोगीरी मत किया करो, ये दिल्ली है

June 4, 2023 0

तब मैं वायुसेना से रिटायर होकर दिल्ली आया ही था। एक रोज वायु सेना स्टेशन तुगलकाबाद के सामने स्थित खानपुर बस स्टॉप के पास खड़ा हुआ था। तभी एक बस आकर रुकी और कुछ सवारियां […]

मानवजीवन-विकास पर आधारित प्रश्नोत्तर

June 2, 2023 0

(मानवजीवन विकास पर आधारित प्रश्नोत्तर अवश्य पढ़ें व मनन करें)1•प्रश्न;मित्र और मित्रता की परिभाषा क्या है?????उत्तर;वास्तव में प्रेम से ही मैत्री का उदय होता है।किसी का सहचर होना मैत्री का प्रथम चरण है।मित्र सहचर से […]

बुद्धम शरणं गच्छामि

May 5, 2023 0

एयर फोर्स अकादमी में मेरे एक मित्र थे-संतोष कुमार गुप्ता, जौनपुर वाले। संतोष शांत स्वभाव के संतोषी व्यक्ति थे। वह बहुत अच्छे कुक थे और हलवाई भी। भोजन तो वह लाजवाब बनाते ही थे, लौंगलता […]

जीवन ही शाश्वत और सनातन है

April 29, 2023 0

प्रश्न:-लोग कहते हैं मृत्यु एक सत्य है।तो जीवन को सत्य क्यों नही कहा जा सकता…?इस ब्रह्माण्ड में जीवन भी तो हैतो फ़िर जीवन क्यों नही सत्य है..?????उत्तर:-सत्य ही तो जीवन है।जीवन ही शाश्वत और सनातन […]

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय का संदेश

April 27, 2023 0

सहज और सरस आचरणसहित मनुष्य मे ही स्वभावत: ‘विनयशीलता’ रहती है। उसकी वही नमनशीलता कर्कश चरित्र को भी शीतल कर देती है। ऐसे ही लोग वस्तुत: ‘साधु’, ‘संत’, ‘महात्मा’, ‘पीर-फ़क़ीर’ इत्यादिक हैं; उनसे इतर साधु, […]

….फिर शिकायत क्यों और किसके लिए?

April 26, 2023 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय निस्संदेह, बिहार के कुख्यात राजनेता आनन्द मोहन की अनुचित तरीक़े से रिहाई पूरी तरह से ग़लत है; परन्तु इस पर ऐसे राजनेता विरोध कर रहे हैं, जिन्होंने अपने ऊपर लगायी […]

असत्य क्या है?

April 20, 2023 0

असत्य क्या है?प्लीज विस्तार से बताने की कृपा करें…! जो बातें यथार्थ नहीं, काल्पनिक हैं, वे असत्य हैं। जिन बातों में शाश्वतता, सनातनता, स्थिरता नहीं वे असत्य हैं। जो दृष्टि एक को दूसरे से भिन्न […]

सभ्य समाज के लिए जातिवाद भयङ्कर ज़ह्र के समान घातक

April 19, 2023 0

किसी मानवीय राष्ट्र या समाज की व्यवस्था में जातिवाद एक भयंकर जहर के समान घातक है। गुणानुसार कर्मो का अधिकार ही मानवीय व्यवस्था हो सकती है। ध्यान रहे जातिवादी व्यवस्था जंगली होती है जिसमें जन्म […]

मर्यादा पुरुषोत्तम के वंशज

April 10, 2023 0

हालांकि भगवान राम का रामत्व और रामायण की महिमा तो सर्वकालिक है। लेकिन चिर निद्रा में सोये और अपने महान इतिहास को लगभग विस्मृत कर चुके हम सनातनियों को जब कोई जामवंत आकर याद दिलाता […]

स्वीकारभाव ही प्रेम है

April 8, 2023 0

स्वीकारभाव ही प्रेम है।इस दुनिया में जो जैसा है उसको वैसा ही स्वीकार करना प्रेम का लक्षण है। जो अपने से निम्न है, छोटा है, न्यून है उसे स्नेहभाव से स्वीकार किया जाता है। और […]

अप्रैल इज लव!

April 4, 2023 0

आशा विनय सिंह बैस– इसी महीने बल्कि आज के ही दिन जैनियों के 24वें और अंतिम तीर्थंकर भगवान महावीर का अवतरण दिवस है।

मुखौटाधारियों को पहचानने की ‘क्षमता’ विकसित करें

April 1, 2023 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय “कहो उतना जितना ‘कर’ सको; रहो उतना जितना ‘रह’ सको; सहो उतना जितना ‘सह’ सको; बनो उतना जितना ‘बना’ सको; उड़ो उतना जितना पंख ‘सहन’ कर सके, अन्यथा तुम ‘उत्तर’ […]

गुप्ता जी ग्वालियर वाले

April 1, 2023 0

गुप्ता जी ग्वालियर वाले!! हमारे मित्र गुप्ता जी बहुत ही समझदार और कोमल प्रकृति के व्यक्ति हैं। वह किसी भी कार्य मे महिला-पुरुष का भेदभाव नहीं करते हैं। इसलिए गुप्ताजी सर्दियों के मौसम में लहसुन, […]

सभी विपक्षी सांसदों का सामूहिक त्यागपत्र लोकतन्त्र के हित मे

March 28, 2023 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय अब भारतीय लोकतन्त्र एक ख़तरनाक मोड़ पर पहुँच चुका है। भारत की सरकार, जो कि एक व्यक्ति-विशेष की सरकार बनती दिखती आ रही है, जन-जन के भविष्य के लिए संकटमयी […]

एक सवाल जनता के नाम

March 28, 2023 0

हे हिन्दुओं…!हे मुसलमानो..!!हे ईसाइयों, बहाईयों, जैनो, बौद्धों…!!!हे दुनिया के सारे धर्म के अनुयाइयों…!क्या तुम्हारे गुरुओं, आकाओं, मालिकों, नेताओं के पास तुम्हें शिक्षा देने की, तुम्हें रोजगार देने की, तुम्हें सुखसुविधा देने की, तुम्हें संरक्षण देने […]

क्या सचमुच यह “मेरे सपनो का भारत” है– महात्मा गांधी

March 27, 2023 0

क्या सचमुच यह “मेरे सपनों का भारत” है– महात्मा गांधी जी? मैं आपसे इसलिए पूँछ रहा हूँ क्योंकि मेरा भारत अब मुर्दों का शहर बन चुका है! मैं आपसे ही यह सवाल इसलिए कर रहा […]

प्रेम का प्रदर्शन कितना सही

March 25, 2023 0

एक मित्र का प्रश्न.. प्रश्न- प्रेम का प्रदर्शन कितना सही, कितना ग़लत है..?कथित प्रेमी/प्रेमिकाओं केअसफ़ल होकर आत्महत्या करने जैसे निर्णय पर भी प्रकाश डालें..! उत्तर- प्रेम में असफल कभी कोई हो ही नहीं सकता।असफलता केवल […]

‘मोदी हटाओ-देश बचाओ’ मे कौन-सा अपशब्द है?

March 23, 2023 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय मोदी हटाओ-देश बचाओ’― यह नारा ‘अपशब्द’ कैसे हो गया और उस पर दिल्ली-पुलिस-प्रशासन की तत्परता ग़ज़ब ढा रही है। जयप्रकाश नारायण की ‘समग्र क्रान्ति’ के समय नारा लगाया जाता था […]

तो क्या ‘करौली बाबा’ बहुरुपिया है?

March 23, 2023 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय कानपुर के ‘करौली बाबा’ उर्फ़ संतोष सिंह भदौरिया के गुण्डों-द्वारा एक चिकित्सक और उसके पिता के साथ गम्भीरतापूर्वक मारपीट किये जाने का जो वीडियो सार्वजनिक किया जा रहा है, उससे […]

ऐसे बेहूदे राजनेता देशद्रोही हैं; उनका बहिष्कार करें

March 17, 2023 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय “पहले लोग सोचते थे कि पिछले जनम मे हमने न जाने कौन-से पाप किये थे कि ‘भारत’ मे पैदा हुए थे।” जिस बेहूदे राजनेता ने विदेशी धरती पर जाकर ऐसा […]

हर फ़िक्र को धुएँ मे उड़ाता रहा नसीब…!

March 16, 2023 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय मै कल (१५ मार्च) को ब्रह्म मुहूर्त्त मे ४.२३ बजे गुवाहाटी (असम) रेलस्टेशन (‘रेलवे स्टेशन’ अशुद्ध है।) के प्लेटफ़ॉर्म-क्रमांक चार पर बैठा था, तभी एक वयोवृद्धा पर दृष्टि स्थिर हो […]

एक मित्र का प्रश्न

March 13, 2023 0

प्रश्न- राम गुप्ता जी भगवान होते है अथवा नहीं..?मंदिर में निर्जीव मूर्ति और पत्थरों की पूजा से भगवान का क्या तात्पर्य है..? उत्तर- भगवान होते हैं लेकिन जिन्दे में होते हैं, मुर्दे में नहीं।चैतन्यता में […]

क्या छापों या गिरफ़्तारियों से भ्रष्टाचार रुकेगा?

March 10, 2023 0

देशवासियों! यह बात उतनी ही सत्य व प्रामाणिक है जितने हमारे सनातनी वेद। नरेन्द्र मोदी जी का मकसद राजनैतिक या आर्थिक भ्रष्टाचार खत्म करना मकसद नहीं है, अगर उनका वास्तव में जड़ से भ्रष्टाचार खत्म […]

सत्य सभी को प्रिय है

March 10, 2023 0

सत्य सभी को प्रिय है।लेकिन जब असत्य व्यवहार को ही सत्य के रूप में अपनाया जाय तो प्रिय नहीं हो सकता।प्रियता का जन्म ही सत्य से हुआ है।किसी भी दूसरे को प्रिय मानना ही प्रेम […]

प्रेमनिवेदन आक्रमण नहीं आमन्त्रण है

March 5, 2023 0

प्रश्न:- स्त्री का प्रेम में पहल करना ओशो ने आक्रामक कहा है। क्या ये ठीक कह रहे हैं? उत्तर:- प्रेम आक्रामक नहीं होता।प्रेमनिवेदन आक्रमण नहीं आमंत्रण है।स्त्री का तो पूरा अस्तित्व ही आमंत्रण है।कहीं भी […]

हर सिक्के के दो पहलू होते हैं

March 5, 2023 0

मैंने किशोरावस्था में ही अपना होमटाउन लालगंज बैसवारा छोड़ दिया। इसका फायदा यह हुआ कि मुझे जल्दी नौकरी मिल गई और जिस उम्र में मेरे कुछ सहपाठी अभी भी TGT/PGT की तैयारी कर रहे थे, […]

एक बुद्धिजीवी की समस्या

February 28, 2023 0

#RenamingCommission हम आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। हमें धार्मिक और सांस्कृतिक आजादी चाहिए। राष्ट्रीय स्तर पर #नामकरण_आयोग बनाने और वहशी विदेशी लूटेरों और आक्रांताओं के नाम पर बने कस्बों और शहरों के नाम […]

सत्य क्या है?

February 24, 2023 0

सामान्यतः किसी भली या बुरी बात या घटना को ज्यों का त्यों कहने को ही लोग सत्य बोलना कहते हैं।लेकिन ऐसा बोलने वाला मामला तथ्य होता है सत्य नहीं।सत्य तो ज्ञान है, आत्मा है, ईश्वर […]

सदाचरण व सद्व्यवहार ही सत्धर्म

February 21, 2023 0

सदाचरण व सद्व्यवहार ही सत्धर्म है।यह सत्धर्म ही परस्पर शत्रुता के स्थान पर मित्रता को प्रतिष्ठित करता है।दुर्जन नहीं सज्जन बनने के लिए इसी शाश्वत एवं सनातन धर्म को स्वीकार किया जाता है ऐसे सनातन […]

समयसत्य विचार और प्रचार

February 19, 2023 0

◆ आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय चलो, हम मान लेते हैं, तुम ‘हिन्दूराष्ट्र’ बना लो; पर हमारे कुछ प्रश्न हैं :―● तथाकथित हिन्दू सनातनी सरकार की प्रतिशोधात्मक राजनीति समाप्त हो जायेगी?● “फूट डालो और राजनीति करो” […]

आप कुछ सोचें और उस सोच को दूसरा कोई बता सके, सम्भव ही नहीं

February 19, 2023 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय इस जगत् मे ऐसा कोई व्यक्ति नहीं है, जो आप कुछ सोचें और वह उस सोच को, आपसे बिना कोई प्रश्न किये, सीधे बता सके। आप जब कुछ सोचते हैं […]

कृष्ण जी की जिज्ञासा

February 7, 2023 0

प्रश्न-:न्याय तो सबकों चाहिए लेक़िन कोई भी जल्दी सत्यनिष्ठ बनने को तैयार नहीं हैं।लेकिन अगर उनके साथ अन्याय होता है तो उन्हें सत्य एवं न्याय की याद अवश्य आती है। उत्तर-:जी!अभी प्रायः लोगों को सत्यनिष्ठा […]

भयभीत, मूल्यहीन, दु:खग्रस्त मनुष्य का जीवन किसी अभिशाप से कम नहीं

February 5, 2023 0

तीन बातों का स्व आत्मनिरीक्षण कीजिए- यदि ये तीनों या इनमें से कोई भी दो या कोई भी एक ग्रंथि आपके हृदय में विद्यमान है तो आप उतनी ही मात्रा में विक्षिप्त रहते हैं..! इन […]

‘स्व’ और ‘पर’ के बीच के द्वैतबोध को हटाओ

February 2, 2023 0

प्रेम तो किसी से कोई आशा नहीं करता, प्रेम किसी को पीड़ा नहीं देता, फिर क्यो प्रेम को लोग स्वीकार नहीं कर पाते, जबकि प्रेम सबको स्वीकार करता है..? उत्तर- प्रेम जब किसी से कोई […]

सामाजिक चेतना हेतु अतिमहत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

January 26, 2023 0

प्रश्न–क्या साधारण मनुष्य बिना अधिकारों के किसी भीनिजी या व्यवहारिक/सामाजिक कर्तव्य करने हेतु उत्तरदायी है? उत्तर–नही, कोई भी मनुष्य अपने निजी कर्तव्यों हेतु पूर्णतः स्वतंत्र है वो भी तबतक जबतक कि व्यवहारिक/सामाजिक बाध्यता का हनन […]

प्रेम की तो पीड़ा भी आनंददायक है जबकि घृणा का आराम भी दुःखद है

January 22, 2023 0

प्रेम के बिना तुम कभी सुखी नहीं हो सकते।प्रेम ही तुम्हारे दुःखों-दर्दों की एकमात्र अचूक दवा है। यदि तुम इस विराट संसार में किसी एक सद्व्यक्ति से भी प्रेम करते हो तो समझ लो कि […]

एकला चलो रे….!

January 20, 2023 0

दुष्ट या अहंकारी मनुष्य एकला ही चलना चाहता है।जबकि पारस्परिकता के बिना मानवीय जीवन जीना सम्भव नहीं है। दूसरे से मिलकर जीना ही मानवीय सभ्यता है। समाजशास्त्र कहता है कि मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। […]

आप उतना ही कहें जितना अपने कहे हुए को पूरा कर सकें

January 15, 2023 0

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय का संदेश आप उतना ही कहें जितना अपने कहे हुए को पूरा कर सकें (कथनी-करनी एक-जैसी रहे और दिखे।) (सर्वाधिकार सुरक्षित― आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय, प्रयागराज; १५ जनवरी, २०२३ ईसवी।)

सरकारें को संवैधानिक दायित्व के निर्वहन मे पीछे क्यों

January 13, 2023 0

आखिर वर्तमान सरकारों को संवैधानिक दायित्व के रूप में चार काम (जनता के चार जनाधिकार – प्रतिव्यक्ति न्यायोचित रूप से पूर्ण शिक्षा-प्रशिक्षण/प्रतिपरिवार एक रोजगार के न्यायोचित अवसर व संसाधन/प्रति गाँव समानुपातिक सार्वजनिक सेवा-सुविधा व प्रत्येक […]

सत्य को जानो, मानो और जीयो

January 9, 2023 0

इस संसार में सब कुछ एकात्म है।एक ही मूल तत्त्व से सब कुछ रचा हुआ है, दूसरा कोई है ही नहीं।मैं-तू के बीच सभी संघर्ष व्यर्थ हैं।सब प्रकार की तूतू-मैंमैं निरर्थक है। संसार में जब […]

पवित्रता क्या है?

January 6, 2023 0

प्रश्न;क्या “पवित्रता” विषय पर हमें सटीक जानकारी मिल सकती है..? उत्तर;गतिशीलता ही पवित्रता है।पवित्रता का अर्थ शुद्धता से ही है। संस्कृत की ‘पव्’ धातु से ‘पवित्र’ शब्द बनता है।इसी धातु से ‘पवन’ और ‘पावक’ शब्द […]

सुख, सुरक्षा, सम्मान और उत्थान क्या है

January 5, 2023 0

सुख पाने के लिए इसे जरूर पढ़ें और आगे सभी को फॉरवर्ड भी करें…..! सारी दुनिया के लिए उलझा हुआ प्रश्न-सुख, सुरक्षा, सम्मान और उत्थान क्या हैं और कैसे प्राप्त हो सकता है, कृपया स्पष्ट […]

शिक्षा और रोजगार

January 4, 2023 0

इंसान का इंसान से हो भाईचारा।यही पैगाम हमारा, यही पैगाम हमारा।।और इस भाईचारे का न्यायोचित उपाय है- “शिक्षा और रोजगार”।अर्थात्-1● समाज में 25 वर्ष की आयु तक प्रत्येक नागरिक को मानवीय पात्रता के विकास हेतु […]

वर्ण, गोत्र, जाति और वंश

January 2, 2023 0

युवा जरूर पढ़ें यह आर्टिकल व अपनी प्रतिक्रिया भी लिखें…!! प्रश्न–जाति क्या है…?What is the caste…?उत्तर–जन्मतः प्राप्त उपाधि ही जाति है। जो जिससे जन्म लेता है वह उसी जाति की उपाधि वाला होता है। जैसे- […]

जड़-चेतन को विषैला करता दूषित जल– आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय

December 25, 2022 0

‘साहित्यांजलि प्रज्योदि’ की ओर से २५ दिसम्बर को ‘सारस्वत सभागार’, लूकरगंज, प्रयागराज मे ‘विषमय होता जल’ विषय पर महामना मदनमोहन मालवीय और अटलबिहारी वाजपेयी की स्मृति मे एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता […]

राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) में स्थायी सेवानिवृत्ति खाता संख्या (PRAN) आवंटन एवं कटौती को लेकर असमंजस की स्थिति और समाधान

December 20, 2022 0

राहुल पाण्डेय ‘अविचल’ भारत सरकार ने दिनांक 22 दिसंबर 2003 को अधिसूचना जारी करके दिनांक 1 जनवरी 2004 से सरकारी सेवा में आने वाले केंद्रीय कार्मिकों (सशस्त्र बलों को छोड़कर) के लिए पुरानी पेंशन की […]

इसलिए मुफ्त के चक्कर में कतई न पड़ें, परिणाम घातक होगा

November 30, 2022 0

एयर फोर्स अकैडमी हैदराबाद के मुख्य गेट यानी अन्नाराम की तरफ से अंदर प्रवेश करिए और अगर नाक की सीध में चलते जाइए तो आप ट्विन हैंगर के पास से गुजरते हुए डीएससी गेट पार […]

कैसा मन्दिर-कैसा मस्जिद-कैसा गिरजाघर-कैसा गुरुद्वारा?

November 27, 2022 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय स्वर्ग यहीं है और नरक भी यहीं। कर्म के सम्मुख किसी ‘भौतिक धर्म’ का कहीं कोई अस्तित्व नहीं। ‘श्रीमद्भगवद्गीता’ की यही निष्पत्ति है। जो भी इस विचार से असहमत हो, […]

संविधान-दिवस के अवसर पर प्रबुद्ध-वर्ग का विशेष आयोजन

November 26, 2022 0

■ देश की जनता संविधान मे बदलाव चाहती है ‘सर्जनपीठ’ की ओर से ‘संविधान-दिवस’ के अवसर पर २६ नवम्बर को अलोपीबाग़, प्रयागराज से एक आन्तर्जालिक राष्ट्रीय बौद्धिक परिसंवाद ‘संविधान मे परिवर्त्तन की माँग’ विषय पर […]

देश के संवेदनहीन समाचार-चैनलवालो! डूब मरो

November 23, 2022 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय देश के समाचार-चैनलवालो! गिर तो पूरी तरह से चुको हो; अब उठ-उठकर; सरक-सरककर कब तक और कितना गिरते रहोगे? गुजरात के मोरबी पुल के टूटने से सैकड़ों लोग मरे थे। […]

पुरुष कौन है?

November 19, 2022 0

बेटी के लिए ‘परफेक्ट मैन’, बेटे के लिए ‘सुपरमैन’, पत्नी के लिए ‘ही मैन’ और मां के ‘जेंटलमैन’ पुरुष है। बच्चों, पत्नी, मां-बाप, परिवार के लिए सामान खरीदने के बाद बचे हुए पैसों से अपना […]

दिल्ली मॉडल

November 11, 2022 0

आज से एक दशक पूर्व तक दिल्ली में डीडीए का फ्लैट निकलना लॉटरी लग जाने जैसा होता था। आज ड्रा में फ्लैट निकला और कल से ब्रोकर पीछे पड़ जाते कि इतने लाख लेकर इसे […]

हर साल नवंबर के महीने में यह साबित करना पड़ता है कि मै जिंदा हूँ : रिटायर्ड फौजी

November 5, 2022 0

जंगल वाले टाइगर के साथ तो ऐसी कोई मजबूरी नहीं है लेकिन फौज वाले रिटायर्ड टाइगर्स को हर साल नवंबर के महीने में यह साबित करना पड़ता है कि वह जिंदा हैं। तभी उनकी पेंशन […]

हम अपने भीतर का रावण क्यों नहीं जला पाते?

October 6, 2022 0

‘सर्जनपीठ’, प्रयागराज का आन्तर्जालिक राष्ट्रीय बौद्धिक परिसंवाद-समारोह (पुनः प्रेषित– यह समारोह दो वर्ष पूर्व 27 अक्टूबर, 2020 ईसवी मे आयोजित हुआ था)। ‘बौद्धिक, शैक्षिक, सांस्कृतिक, साहित्यिक तथा सामाजिक संस्था ‘सर्जनपीठ’, प्रयागराज के तत्त्वावधान में एक […]

हमारे दो गोई बैल!

September 26, 2022 0

हमारे गांव बरी वाले घर में दो गोई (जोड़ी) यानी कुल चार बैल हुआ करते थे। बड़ी वाली गोई ‘बछौना’ (जब बछवा यानी बच्चा था, तभी खरीदा गया था इसलिए बछौना ) और ‘बड़ौना’ (थोड़ी […]

अपना अतीत किसे याद नहीं रहता?

September 25, 2022 0

चिंतन:- सधी नर्तकी नचति नटी सी।रुचि- रुचि मनन कियो।आजु लौं एकु न प्रश्न कियो ।। अपना अतीत किसे याद नहीं रहता? वर्तमान में भविष्य की सुखद कल्पनाओं के संगम में उठती ऊर्ध्व-पतन की लहरों में […]

अविश्वसनीय जन्म कुण्डली के साथ जन्मी भारतीय लड़की ने एलियंस की सच्चाई का किया खुलासा

September 17, 2022 0

ज्योतिषी अटलांटा कश्यप कहती हैं पृथ्वी पर हमारे पास मुख्यरूप से 03 स्थानों पर एलियंस हैं, भारत उनमें से एक है। अटलांटा ने वैज्ञानिक को उसे गलत साबित करने की खुली चुनौती दी है। सूत्रों […]

विश्वास ही सबसे कारगर इलाज़ है, डॉक्टर और दवाएं तो निमित्त मात्र हैं

September 11, 2022 0

लगभग तीन दशक पहले की बात है। मैं 12 वीं कक्षा में पढ़ता था। हमें लालगंज बैसवारा में रहते हुए 4-5 साल हो गए थे। इसलिए अब तक सब कुछ तय सा हो गया था। […]

पुरस्कार-सम्मान का यथार्थदर्शन

August 4, 2022 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय दशकों पहले आधिकारिक विद्वान् और विषयज्ञाता को पुरस्कार से समलङ्कृत किया जाता था, तब उसके कर्तृत्व-विषय के प्रति एक जिज्ञासा उत्पन्न हो जाती थी; क्योंकि तब चयनकर्त्ता आधिकारिक हस्ताक्षर हुआ […]

उद्योगपति गौतम अडाणी पर ‘न्यू इण्डिया की मोदी-सरकार की मेहरबानी

August 3, 2022 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय नीचे दिख रहे चित्र मे जिन महापुरुष का चेहरा दिख रहा है, वे हैं, देश के महान् उद्योगपति गौतम अडाणी/ अडानी। इन्होंने भारतीय बैंकों से २९ खरब ९३ अरब ९८ […]

हवलदार साहब का पानी!

July 31, 2022 0

घटना आज से लगभग 20 वर्ष पहले की है। उस समय लोग रेलगाड़ियों में यात्रा करते समय मिल्टन, गोदरेज आदि कंपनियों की अपारदर्शी बोतलों में पानी भरकर अपने साथ ले जाते थे क्योंकि तब तक […]

चिन्तन-अनुचिन्तन

July 28, 2022 0

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय कोई मनुष्य महान् नहीं होता, उसकी ‘मनुष्यता ‘महान् होती है। कोई साधक महान् नहीं होता, उसकी ‘सिद्धि’ महान् होती है। कोई विदुषी अथवा विद्वान् महान् नहीं होता, उसका ‘वैदुष्य’ और उसकी […]

प्रयागराज मे काँवरियों को ‘सरकारी’ सुविधा देने के कारण यातायात अवरुद्ध!

July 25, 2022 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय आज (२५ जुलाई) प्रयागराज के प्रमुख सड़क-मार्ग जी०टी० रोड– झूसी, अलोपीबाग़, बैरहना, बाई का बाग, रामबाग़ आदिक क्षेत्रों मे कथित हिन्दू-भक्ति का प्रभाव गहराई के साथ अनुभव किया गया। मेरे […]

त्रेतायुग हो या कलियुग, लंका से हमे हमेशा सीख मिली है!

July 15, 2022 0

त्रेतायुग में यह सीख मिली कि:- अहंकार , महाबली और काल को पैरों तले रखने वाले रावण का भी नहीं टिक पाता है। प्रकांड विद्वान और शिव स्त्रोत का रचयिता भी अपने दुष्कर्मों से राक्षस […]

चिन्तन की एक कड़ी

July 10, 2022 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय आशा और निराशा के दोनों ध्रुवों के बीच ज़िन्दगी तैर रही है। जागरण में सुख के स्वप्न सँजोये वह पुतली की तरह चलती-फिरती है। उसका चम्पई तन सम्पर्कों की सारी […]

नूपुर शर्मा प्रकरण और इस्लामी हिंसा के सम्बन्ध मे सन्त समीर का गम्भीर विश्लेषण : न्यायपीठ पर हिन्दू-मुसलमान

July 2, 2022 0

माननीय न्यायाधीश महोदय (जस्टिस सूर्यकान्त, जस्टिस जे.बी. पारदीवाला वग़ैरह-वग़ैरह)! जैसा कि मैं समाचारों में पढ़ रहा हूँ, उसके हिसाब से आपने कहा है—“जिस तरह से उन्होंने (नूपुर शर्मा) देशभर में भावनाएँ भड़काई हैं….जो कुछ हो […]

जड़ और विचार

June 18, 2022 0

0 चिन्तन के आयाम 0 ● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय यह विडम्बना ही है कि अद्वैतवादी सिद्धान्त और अभेदमूलक विचार की जन्मभूमि मे ही आरम्भ से भेदमूलक समाज रहा है। यहाँ सिद्धान्त और व्यवहार के […]

अग्निपथ योजना

June 15, 2022 0

विश्व की तमाम सेनाओं में भर्ती दो तरह से की जाती है- अनिवार्य सैन्य सेवा, 2. स्वैच्छिक सैन्य सेवा नागरिकों के लिए अनिवार्य सैन्य सेवा: इसमें हर नागरिक को एक खास उम्र के दौरान सेना […]

कोई भी सम्मान ‘हमसे’ है, हम सम्मान से नहीं

June 15, 2022 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय सर्जक (‘सृजन’ निरर्थक शब्द है। सृज् धातु+ल्युट् प्रत्यय = सर्जन– रचना करनेवाला) की एक स्थिति ऐसी आ जाती है, जहाँ उसे बड़ी-बड़ी धनराशिवाले सम्मान भी डिगा नहीं पाते; क्योंकि उसकी […]

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