आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

May 7, 2021 0

••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••कल (८ मई) ‘शनिवार’ रहेगा और आपको ‘दैनिक जागरण’ के ‘सप्तरंग’ पृष्ठ पर ‘दैनिक जागरण-परिवार’ की शनिवासरीय भाषिक प्रस्तुति ”हिंदी हैं हम’ के अन्तर्गत ‘भाषा की पाठशाला’ में पाँच उपयोगी शब्दों को सोदाहरण समझने को […]

आवर्त्तन और दरार

May 3, 2021 0

★ आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय एक–आग आग से कह रही, दु:ख में भी है सुख।सुख तो औरों के लिए, बाँध लो गठरी दु:ख।।दो–तिनका-तिनका जोड़कर, महल बनाया एक।आधी घड़ी न सुख मिला, रहने लगे अनेक।।तीन–कष्ट मिटाओ […]

उन्हें औक़ात पर अब लाइए साहिब!

May 1, 2021 0

★ आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय उनकी बातों में मत आइए साहिब!उनकी घातों में मत आइए साहिब !हर गोट के मिज़ाज से वाक़िफ़ हैं वे,भूलकर धोखा मत खाइए साहिब!ख़ैरात भी माँगे तो मत दीजिए उन्हें,उन्हें औक़ात […]

आज़ाद क़लम

April 30, 2021 0

★ आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय एक–चपटी धरती है कहीं, कहीं दिखे है गोल।आँख उठाकर देखिए, सब हैं पोलमपोल।दो–तुलसी औ’ कबीर सूर, सदा हमारे संग।क़लम आज हैं बिक रहे, दिखते नंग-धड़ंग।तीन–शिथिल पड़ी संवेदना, कपट हुई मन-बात।पहचानो! […]

अव्यक्त सत्ता जोड़ लो समष्टि से

April 30, 2021 0

★ आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय हो रहा है जो, जहाँ सो हो रहा।व्यर्थ ढपली, बज रही कर्त्तव्य की,भार भारी लग रहा, सब दिख रहे।गात शिथिल स्पष्ट सब लक्षित हुए,कौन जाने कौन-सा पल क्या रहे!बयार हलकी […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

April 15, 2021 0

यहाँ उन शब्दों के प्रयोग के लिए अनुरोध किया गया है, जो शुद्ध हैं और उपयुक्त भी। कृपया अपने लेखन में उन शुद्ध शब्दों को स्थान देकर, समाज का भाषिक मार्गदर्शन करें। ★ ‘प्रावधान’ के […]

“जमूरा-जमूरा, जमूरा-जमूरा, जमूरा-जमूरा”

April 15, 2021 0

★ आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय जमूरे!बोल ओस्ताद।अबे! कहाँ मर गया तू?यहीं तो हूँ ओस्ताद! तेरे पिच्छू।कोरोना से अब तक लाखों लोग मर चुके हैं।फिर ओस्ताद!अबे हरामख़ोर!तुझे क्यों रखा है?’मन की बात’ सुनाऔर यहाँ बटोरी गयी […]

Awakening and sleep

April 12, 2021 0

★ Acharya Pt Prithvi Nath Pandey On the dense road of AllahabadOld-fashioned sleeping adult,Co-ordinates livelihoods;Amazingly collected and segregatedDemonstrate a civilization of conduct;Interviewing the subconscious,As if far from worldlyA dreamed beauty in a closed ventricleShreya-Preya, with […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

April 12, 2021 0

अशुद्ध वाक्य का शुद्धीकरण (‘शुद्धिकरण’ अशुद्ध शब्दप्रयोग है।) वाक्य– होली की आपको हार्दिक/ अनन्त अनन्त/बहुत/बहुत बहुत/ढेर सारी शुभ कामना/ शुभकामनाएं। होलिकोत्सव (होलिका+उत्सव) पिछले दिनों सम्पन्न हुआ था। ‘मुक्त मीडिया’ (सोसल मीडिया) नामक मंच पर बहुसंख्या […]

मौसम वाणी बोलता, होंगे अबकी पस्त

April 10, 2021 0

★ आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय एक–आस्तीन के साँप सब, मत जाओ अब पास।कदाचार है दिख रहा, कर दो अबकी साफ़।।दो–कितने चतुर-सुजान हैं, हवाबाज़ी में दक्ष।सच की गरदन दाबकर, पाप का रखते पक्ष।।तीन–पाप घड़ा का भर […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

April 9, 2021 0

••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••कल (१० अप्रैल) ‘शनिवार’ रहेगा और आपको ‘सप्तरंग’ पृष्ठ पर ‘दैनिक जागरण-परिवार’ की शनिवासरीय भाषिक प्रस्तुति ‘भाषा की पाठशाला’ के अन्तर्गत पाँच शब्दों को सोदाहरण समझने को मिलेगा। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की पाठक-पाठिकाएँ ‘नव दुनिया’ […]

जो बैठे हैं तेरे साथ, वे बेईमान लिये फिरते हैं

April 9, 2021 0

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय बेजान हुस्न की, अदा लिये वे फिरते हैं,चश्मे पुरनम की, अदा लिये वे फिरते हैं।कज़ा लौट घर उनके, दस्तक दे आती है,साथ ज़िन्दगी का, सामान लिये वे फिरते हैं।तल्ख़ अन्दाज़ में, […]

‘बेटी’ ने कुछ कहने के लिए ‘मौक़ा’ दे दिया

April 5, 2021 0

★ आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय २ अप्रैल, २०२१ ईसवी को मेरी बड़ी बेटी कंजिका ने अकस्मात् कहा था, “बाबू जी! जितना आपने ‘हिन्दी’ पर ध्यान दिया है उतना परिवार पर दिये रहते तो क्या बात […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

March 31, 2021 0

हमारी पाठशाला के विद्यार्थी ‘पानी’ शब्द का प्रयोग प्राय: पेय-अपेय जल के रूप में करते आ रहे हैं और बहुत हुआ तो दो-चार कहावतों-मुहावरों के रूप में या फिर ‘पर्यायवाची’ के रूप में पढ़-लिखकर अपने […]

भोजपुरी बोली के रस पीहीं सभे बुझाइल कि ना हो?

March 25, 2021 0

★ आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय अझुराहि, गेंगाहि, नखराहि, बुदबुदाहि, फेकराहि, झोकराहि, बकलोल आ तिरछोल मेहरारू केहू के भेंटाइ गइल त जिनगी के ताक् धिना धिन सुरू हो गइल। एहुसे घेलुओ में केहू ओइसन मेहराऊ थमावे, […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

March 20, 2021 0

निम्नांकित वाक्य को कारणसहित शुद्ध करें :– वाक्य– वह महिला अत्यन्त विद्वान महिला है जिसकी विद्वता की चरर्चायें यत्र तत्र सर्वत्र अनुगूंज रही है अब आप ‘सकारण’ उत्तर ग्रहण करें, जो आपको ‘कहीं भी’ प्राप्त […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

March 12, 2021 0

कल (१३ मार्च) शनिवार होगा और आप प्रति सप्ताह की भाँति ‘दैनिक जागरण’, ‘नई दुनिया’ तथा ‘नव दुनिया’ के सप्तरंग पृष्ठ पर ‘हिंदी हैं हम’ के अन्तर्गत हमारी शनिवासरीय ‘भाषा की पाठशाला’ में यह ज्ञान […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

March 11, 2021 0

निम्नांकित दोहावली भारतेन्दु हरिश्चन्द की प्रसिद्ध कविता ‘निज भाषा’ से उद्धृत की गयी है। हिन्दी के अधिकतर भक्तगण हिन्दी-विषयक आयोजनों में “निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल, बिन निज भाषा-ज्ञान के मिटत न […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय का काव्य-वैभव

March 10, 2021 0

एक–‘राम’-भाव से शून्य हैं, ‘श्री’ से भी हैं हीन।भाड़े के ‘जय’ दिख रहे, मानो कोई दीन।।दो–देश तोड़ना रह गया, जिनके जिम्मा काम।हृदय हलाहल है भरा, बोलें जय श्री राम।।तीन–नारी! तू नारायणी, कवि कहता चहुँ ओर।अबला-सबला […]

हिन्दी-अंकों को ‘शब्दों’ में लिखना सीखें

March 10, 2021 0

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला देश के ९९.९९ प्रतिशत विद्यार्थी-अध्यापक, साहित्यकार, भाषाकार, राजभाषाधिकारी, हिन्दी-अधिकारी, अनुवादक, भाषाविद्, वैयाकरण, व्याकरणाचार्य, प्रकाण्ड भाषापण्डित, भाषाशास्त्री, साहित्यकार, आलोचक, समालोचक, समीक्षक, टीकाकार, भाष्यकार, हिन्दी-संस्थानों-निदेशालयों के अध्यक्ष-निदेशक, समाचारपत्र-पत्रिकाओं और समाचार-चैनलों के […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

February 25, 2021 0

आप नीचे एक कोश के आवरण-पृष्ठ और उसके आरम्भिक पृष्ठ के क्रमश: दो चित्रों को ध्यानपूर्वक देखें। इसे देश के प्रसिद्ध प्रकाशन-प्रतिष्ठान ‘डायमंड’ प्रकाशन, दिल्ली ने प्रकाशित किया है। यह हिन्दी का एक शब्दकोश है; […]

वक़्त-बेवक़्त

February 24, 2021 0

★ आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय हमने जब सोचा,चैन से कट जायेगाज़िन्दगी का हर पल।समय ने दस्तक दी;एक गह्वर में डाल दी गयी,बटोरी हुई साँस;फ़ज़ा में उड़ा दी गयीं,मेरी बची-खुची रातें।मैं ठगा-सा देखता रह गयावक़्त की […]

‘बाग़ी बलिया’ से प्रक्षेपित शब्दतीर : सियासत नंगी-जाहिल ज़ाहिर हो चुकी

February 16, 2021 0

★ आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय रिश्तों की अहम्मीयत अब जान जाइए,बुराई में अच्छाई अब पहचान जाइए।निगाहें ग़र तलाशी लेने पे उतर आयें,ज़बाँ को तसल्ली दे मुसकान लाइए।नज़रें इनायत हों तो एक बात मैं कहूँ,अपनी कथनी-करनी […]

बाग़ी बलिया से प्रक्षेपित शब्दतीर : जवाब देते हैं सवाल की तरह

February 16, 2021 0

★ आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय अब वे लगने लगे हैं, जंजाल की तरह,चेहरा दिखता, किसी कंगाल की तरह।बातों-ही-बातों में, कुछ राज़ छुपा गये,जवाब देते हैं, किसी सवाल की तरह।आँखों पर है हर्फ़१ की, पर्द:दारी अब,उनकी […]

एक अभिव्यक्ति

February 8, 2021 0

★आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय निरभ्र आकाश मेंमखमली वितान के नीचेगोटेदार चादर परविराजमान सितारेवसुन्धरा काश्रृंगार (शृंगार) कर रहे हैं।कुछ ऐसे अबूझ रास्ते हैं,जो पहाड़ों के दामन मेंवर्षों से सुस्ता रहे हैं।मीलों दूर विस्तृतरेत के सागर के […]

सरकार बहादुर की चड्ढी सरकती हुई

February 6, 2021 0

★ आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय भाइयों-बहनों-मितरों! फोर ट्वेंटी वेब ४२० पर यह खोखलीवाणी का ८४० झूमरी तलय्या का ढपोरशंखी-केन्द्र है। मैं लफ़्फ़ाज पण्डित लफ़्फ़ाजी का पिटारा लेकर ख़ुदा को हाज़िर-नाज़िर जानकर दरवाज़ातोड़ हाज़िर हूँ। जैसा […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

January 31, 2021 0

◆ प्रतियोगिता-प्रकोष्ठ ● प्रतियोगिता– एक ★ विषय– ‘प्रथम’ गत मास हमने इस आशय की सूचना सम्प्रेषित की थी कि इस पाठशाला की ओर से निकट भविष्य में एक ‘प्रतियोगिता-शृंखला’ का आयोजन किया जायेगा, जो कि […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

January 28, 2021 0

★उत्तरप्रदेश-विधानसभा समूह ‘ख’ की परीक्षा पर प्रश्नचिह्न★’हिन्दी-भाषा’ के प्रश्नपत्र तैयार करनेवालों की अयोग्यता सामने आयी विद्यार्थी किसी भी परीक्षा में इसलिए सम्मिलित होते हैं कि उनका परिश्रम सार्थक हो और वे परीक्षा की कसौटी पर […]

एक स्वछन्द अभिव्यक्ति

January 28, 2021 0

★ आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय एक–बनता-मिटता चित्र यहाँ, जीवन बन अभिशाप।मीठे फल सब चख रहे, बनकर के निष्पाप।।दो–भाँति-भाँति-जन हैं यहाँ, चतुर-चोर-चालाक।वाणी कोयल कूकती, मन से दिखते काक।।तीन–मन से दिखते दीन हैं, तन से स्वस्थ-मलंग।देश को […]

इहे ह भोजपूरी बाबू!

January 23, 2021 0

“अब देख ना हे भछनो के” — आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय (सर्वाधिकार सुरक्षित — आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय, प्रयागराज; २३ जनवरी, २०२१ ईसवी।)

क्रिमिनल बाबा की जय हो!

January 20, 2021 0

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय : परिदृश्य–‘क्रिमिनल बाबा’ का अय्याशीभरा दरबार सज गया है। क्रिमिनल बाबा ओल्हरे हुए हैं। उनके चारों ओर भगतिन क्रिमिनल बाबा के हाथ-पैर मीज रही हैं। धर्म-कर्म का ठीकेदार ‘क्रिमिनल बाबा’ ६५ […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

January 11, 2021 0

”देखिए! ये हसीं शाम ढलने को है,अब तो जाने की इजाज़त दे दो मुझे।” यह युगल गीत ‘राज़’ फ़िल्म का है, जिसे लता मंगेश्कर जी और मुकेश जी ने गाये हैं। यहाँ पर दो विचारणीय […]

ज़ेह्न में उसके फ़क़त ज़ह्र भरा रहता है

January 3, 2021 0

— आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय एक–किसे रोकूँ और किसे कहूँ, चले जाओ तुम सब,निगाहों की तलाशी में पाक-साफ़ कोई दिखता नहीं।दो–आज हवा में बला की शोख़ी नाच रही,कल तक खिंचे रहे, आज चले आ रहे।तीन–ज़ेह्न […]

आइए! आत्म-परीक्षण करें

December 31, 2020 0

— आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय वर्ष का वर्तमान ‘अतीत’ होनेवाला है। सहजतापूर्वक समय-चक्र गतिमान है। हम सब का बहुत कुछ कभी न खुलनेवाली एक गठरी में बाँध कर रख दी गयी है, जिसे हम याद […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

December 30, 2020 0

■ म्लेच्छ-भाषा– अर्थ, अभिप्राय तथा अवधारणा अस्पष्ट भाषा/अपभ्रंश भाषा ‘म्लेच्छ-भाषा’ है। जिन वर्णों के उच्चारण व्यक्त न हों, वे ‘म्लेच्छ-भाषा’ कहलाती हैं। किरात, खस, बर्बर, पह्लव, पौण्ड्र, द्रविड, शक, शबर, सिंहल, यवन इत्यादिक जातियाँ-जनजातियाँ-बर्बर जातियाँ […]

निगाहें नज़र से कह रहीं, डर है बहुत यहाँ

December 30, 2020 0

— आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय एक–मन्दिर-मस्जिद के शंख-अज़ान बजते रहे,इज़्ज़त नीलाम होती रही, इक शख़्स न उठा।दो–इस धर्म के इतिहास में, धर्मराज भी यहाँ,द्रौपदी की चीख़ भी, सुनकर न सुन सके।तीन–कैसी विडम्बना है, इस धर्म-देश […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय ने शोहरत-याफ़्ता शाइर अनवार अब्बास और साहित्यकार प्रो० सुरेशचन्द्र द्विवेदी को क्रमश: ‘साहित्यकोविद’ और ‘साहित्यभारती’ सम्मान से समलंकृत किया

December 25, 2020 0

प्रकृति-संरक्षण और साहित्यिक मंच ‘साहित्यांजलि प्रज्योदि’ के तत्त्वावधान में ‘ पं० महामना मदनमोहन मालवीय और कवि पं० अटल बिहारी वाजपेयी की जन्मतिथि के अवसर पर ‘सारस्वत सभागार’, लूकरगंज, प्रयागराज में आज २५ दिसम्बर को पूर्वाह्न […]

डॉ. निशंक की महनीय शब्द-सत्ता – आचार्य पं. पृथ्वीनाथ

December 22, 2020 0

‘सिदो कान्हु मुर्मु विश्वविद्यालय’, दुमका (झारखंड) की ओर से ‘वातायन’ अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मान 2020 के संदर्भ में डॉ. निशंक का रचना-संसार’ विषय पर द्विदिवसीय ऑन-लाइन अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी 23-24 दिसम्बर को अपराह्न 4- बजे से आयोजित […]

आवर्तन और दरार

December 20, 2020 0

–आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय एक–राजनीति में दिख रही, नहीं किसी की ख़ैर।तीर बात-बेबात के, करा रहे हैं बैर।।दो–तन-से-तन को दूर रख, मन-से-मन को जोड़।मानवता पहचान ले, मत कर तू अब होड़।।तीन–कपट रूप परहेज कर, माया […]

बुझी जलायी है तो यों ही नहीं

December 13, 2020 0

★ आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय लेखनी उठायी है तो यों ही नहीं,आस जगायी है तो यों ही नहीं।दुश्मनी हद से गुज़र जाने दो अब,दोस्ती निभायी है तो यों ही नहीं।राज़फाश करना ज़रूरी है अब,चादर उठायी […]

“सुधीर अग्निहोत्री सर्वहारा-वर्ग के प्रतिनिधि साहित्यकार थे”–आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय

December 1, 2020 0

प्रतिष्ठित साहित्यकार सुधीर अग्निहोत्री का आज (१ दिसम्बर) रसूलाबाद, प्रयागराज के श्मशानघाट पर साहित्यकारों-पत्रकारों तथा अन्य गण्यमान्यजन के बीच अन्तिम संस्कार कर दिया गया। स्मृति-शेष सुधीर अग्निहोत्री की धू-धू कर जलती चिता के मध्य ‘सर्जनपीठ’ […]

प्रतिष्ठित साहित्यकार-पत्रकार सुधीर अग्निहोत्री नहीं रहे!

November 30, 2020 0

भाषाविद् और समीक्षक आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय के ‘अपनी भाषा सुधारिए’ अभियान के प्रमुख स्तम्भ, अनेक प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में दायित्वपूर्ण पदों का निर्वहण करनेवाले, कुशल साहित्यशिल्पी, प्रखर कवि और मिलनसार, सभी के शुभचिन्तक ५४ वर्षीय […]

तलाश : एक नयी धरती की

November 26, 2020 0

★ आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय मेरे मन के पाँवविश्वास की धरती काएक टुकड़ा खोजने के लिए निकल पड़े :–रिश्तों का; धर्म काअहम् का; त्वम् काअपने का; पराये का;किन्तु हर बार :–एक ऐसा भूचाल आया;धरती का […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

November 26, 2020 0

निर्देश– नीचे दिये गये प्रश्नों में पाँच शब्द अंकित हैं और उत्तर के रूप में उनके विकल्प भी। आप प्रश्न-प्रकृति को समझते हुए, दिये गये शब्दों के शुद्ध और उपयुक्त अर्थ बताइए।१- परिरम्भ :–(क) गाढ़ […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

November 14, 2020 0

शुद्ध और उपयुक्त शब्द-प्रयोग :– दीपावली-दीवाली, दीया-दिया, प्रज्वलन, अधिकांश-अधिकतर, अवतरण-जन्म। ★ दीपावली-दीवाली– इन दोनों ही शब्द-प्रयोग को लेकर लोग भ्रम और संशय की स्थिति में रहते हैं। यही कारण है कि कुछ लोग ‘दीपावली’ तो […]

परीक्षा नियामक प्राधिकारी, उत्तरप्रदेश के हिन्दी-प्रश्नपत्र में लज्जाजनक अशुद्धियाँ!..?

November 9, 2020 0

● भाषाविद्-समीक्षक आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय ने चिन्ता जतायी परीक्षा नियामक प्राधिकारी, उत्तरप्रदेश की ओर से 6 अक्तूबर को करायी गयी द्वितीय सेमेस्टर– 2020 के हिन्दी-विषय की परीक्षा; प्रश्न-पुस्तिका ‘।।-6’ में ऐसी-ऐसी अशुद्धियाँ देखने को […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

November 7, 2020 0

◆ निम्नांकित शब्द उत्तरप्रदेश के आंचलिक बोली-व्यवहार के अन्तर्गत आते हैं। आंचलिक शब्दों का कोई ‘सर्वमान्य’ व्याकरण नहीं है, इसीलिए स्थानिक भाषा का कोई स्वतन्त्र व्याकरण नहीं होता और उन्हें ‘बोली’ का नाम दे दिया […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

November 5, 2020 0

किशोर अजनानी की ‘सौ बात की एक बात’ का सचये हैं, किशोर अजनानी। ये वही साहिब हैं, जो समाचार-चैनल ‘News 18 इंडिया’ पर प्रतिरात्रि-दिन ‘सौ बात की एक बात’ के अन्तर्गत विविध प्रकार के समाचार […]

स्मृति-वातायन : उत्तरप्रदेश पी०सी०एस० (प्रा०) परीक्षा २०१८ सामान्य अध्ययन और हिन्दी-भाषा के प्रश्नों और वैकल्पिक उत्तरों में अक्षम्य अशुद्धियाँ

November 2, 2020 0

■ आज ही की तारीख़ में इसे सार्वजनिक किया था । ● उत्तरप्रदेश लोकसेवा आयोग ने खड़ा किया ‘भयंकर अशुद्धियों’ का पहाड़! — आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय (भाषाविद्-समीक्षक) दशकों से उत्तरप्रदेश लोकसेवा आयोग की अयोग्यता […]

मुंगेर की ज़िलाधिकारी को ‘अनुसंधान’ का अर्थ मालूम है?

October 30, 2020 0

— आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय मुंगेर (बिहार) में दुर्गाभक्तों को वहाँ के पुलिसकर्मियों ने बुरी तरह से मारा है; उन पर गोलियाँ चलायी हैं और आरोप यह भी है कि लगभग ६० लोग को कारागार […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

October 23, 2020 0

◆ शब्द– अल्ला और अल्लाह। ★ अल्ला– यह ‘संस्कृत-भाषा’ का शब्द है, जो लिंग-निर्धारण के अन्तर्गत स्त्रीलिंग का शब्द है। अधिकतर कोशकार ‘अल्ला’ शब्द को ‘अरबी-भाषा’ बताते हैं, जो कि भयंकर दोष है। शब्दभेद की […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की भाषा की पाठशाला के उत्तर

October 22, 2020 0

उत्तर, प्रश्न-शृङ्खला के अन्त में अङ्कित हैं । निम्नांकित में से शुद्ध उत्तर का चयन कीजिए :—-(यदि आपको लगता है कि इनमें से कोई उत्तर शुद्ध नहीं है तो कृपया शुद्ध उत्तर अंकित करें।)१- परीक्षक […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय का मुक्त पत्र न्यू इण्डिया की मोदी-सरकार के नाम

October 22, 2020 0

‘न्यू इण्डिया’ की मोदी-सरकार! अब तुम्हीं बताओ, हमारी गृहस्थी कैसे जीवित रहेगी? हमें महँगाई से मारने से अच्छा होगा, अपने कट्टर हिन्दूवादियों को लगाकर हमें इस दुनिया से विदा करा दो या फिर तुम विदा […]

जीय भोजपुरी-जीय आ फटहन के सीय!

October 21, 2020 0

— आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय नीमन भा बाउरखइका के गोड़़ लाग।बिजुरी के ठेकान ना;पानी के मारामारी।हगे के मैदान ना।सरकार अपना बंसरी में फँसइले बियासोचालय (शौचालय) के चारा देके गरई मछरिया।आ लड़पोछना के पतोहियाबँसवारी में जाइ […]

सपरी त देखब, ना त राम-राम

October 21, 2020 0

इहे काहाला असलिका भोजपुरी — आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय ओइजा से केइजा?हेइजा कि होइजा?जगहि-जगहि के फरकअघाइ गइल जिनिगियादऊरत, भागत, हाँफत, खेदात।ना मनल–एगो टिटिम्हाओढ़ लेहल;सपरी त देखबना त राम-राम। (सर्वाधिकार सुरक्षित– आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय, प्रयागराज; […]

क्रिया की ‘प्रतिक्रिया’

October 20, 2020 0

★’हिन्दी साहित्य सम्मेलन’, प्रयागराज के सहायक मन्त्री श्यामकृष्ण पाण्डेय जी के नाम आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय का मुक्त पत्र सम्मान्य सहायक मन्त्री श्यामकृष्ण पाण्डेय जी!सादर अभिवादन। सस्ती लोकप्रियता बटोरने के उद्देश्य से अधम मनोवृत्ति का […]

आचार्य पृथ्वीनाथ पाण्डेय के प्रति रविनन्दन सिंह की की गयी आपत्तिजनक टिप्पणी का उत्तर

October 19, 2020 0

‘हिन्दुस्तानी एकेडेमी’ को अपनी जागीर समझनेवाला निरीह जीव रविनन्दन सिंह की चरित्रगाथा सुनिए! रविनन्दन सिंह की भाषाशैली बहुत अलग हटकर है। लगता नहीं कि अपने विद्यार्थीजीवन में मेरी किताबें पढ़कर अपना भविष्य उन्नत बनानेवाला रविनन्दन […]

जान है तो जहान है’ और ‘आरोपित एकान्त’ लोकार्पित

October 18, 2020 0

कोरोनाकाल के कृष्णपक्ष को उजागर करते मुखपृष्ठ– आचार्य पं० पृथ्वीनाथ ज्ञातव्य है कि उक्त दोनों सारस्वत कृतियाँ वैश्विक महामारी कोविड- १९ के प्रभावस्वरूप ‘लाॅकडाउन’ से उपजे सामाजिक आपातकाल में साहित्य-सर्जन के सन्दर्भ में समय-सत्य प्रयोग […]

बिहारवासियों के नाम आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की खुली चिट्ठी

October 17, 2020 0

बिहार के काका, चाचा, दादा, भाई लोगन!राम-राम। रऊवाँ सभे ख़ूब सोचबिचारि कइ लिहीं। आपना के ‘सुसासन बाबू’ कहेवाला नेतवा केतना चटकोर आ चाल्हाकु बावे। सुरू-सुरू में नितिसवा जब मुखमनतरी बनल रहुए तब ले नीमन-नीमन काम […]

उत्तरप्रदेश के मुख्यमन्त्री ‘आदित्यनाथ योगी’ के नाम ‘आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय’ का मुक्त पत्र

October 16, 2020 0

महोदय! उत्तरप्रदेश राज्य में जी रहे जनसामान्य का जीवन आज जितना आतंकपूर्ण है, उतना कभी नहीं रहा, यद्यपि उत्तरप्रदेश में जिस तिथि से समाजवादी और बहुजन समाज पार्टी की सरकारें गठित हुई थीं, तभी से […]

हम दरो दीवार में अपना नाम ढूँढ़ रहे हैं

October 15, 2020 0

— आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय मैकश मैकदा में परीशाँ, जाम ढूँढ़ रहे हैं,हम ज़ख़्म की ख़ातिर, आराम ढूँढ़ रहे हैं।चेहरा-पे-चेहरे लगा, रंग बदलते हैं जनाब,हम अधर्मियों के घर, अब ‘राम’ ढूँढ़ रहे हैं।किस हद तक […]

पलायनवादी आक्रोश और ‘इन्क़िलाब ज़िन्दाबाद’ का यथार्थ

October 14, 2020 0

‘मुक्त मीडिया’ का ‘आज’ का सम्पादकीय — आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय आज जिधर देखिए उधर, ‘पलायनवादी आक्रोश’। चेहरे निस्तेज; हथेलियों की आग बुझी हुई। दिखती है तो नितम्ब-प्रान्त में बाँस डालकर ख़ुद को सबसे अधिक […]

इस रचना की काव्यांग, व्याकरण आदिक के आलोक में खुलकर आलोचना करें

October 13, 2020 0

★ इस रचना की काव्यांग, व्याकरण आदिक के आलोक में खुलकर आलोचना करें, स्वागत है। शक्ति व्यंजना-लक्षणा, अभिधा करे कमाल — आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय एक–भाषा ले रसगागरी, चली पिया के देश।लिपि अगवानी में रही, […]

सीना ताने सत्य पर, खड़े रहो तुम एक

October 12, 2020 0

— आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय एक–हाथ जोड़कर हैं खड़े, कोई काम-न-धाम।नेता उनका नाम है, सबै बिगाड़ैं काम।।दो–चुनिए ऐसे लोग ही, जो जनता के पास।बाक़ी ठोकर मारिए, नहीं दिखे जो ख़ास।।तीन–कलियुगसमय-प्रभाव है, पाप पुण्य का रूप।छल-प्रपंच […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

October 12, 2020 0

१- निम्नांकित के अन्तर्गत प्रत्येक में से कौन-सा शब्द/वाक्य अशुद्ध नहीं है?(क) खिलाड़ी ने गेंद फेंका । (ख) खिलाड़ी ने गेंद फेंकी। (ग) खिलाड़ी ने गेंद फेकी।(घ) खिलाड़ी गेंद फेका। (ङ) खिलाड़ी गेंद फेकी।२- (क) […]

शुक्रिया करो भगत सिंह!

October 11, 2020 0

— आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय भगत सिंह!नोटों पर तुम्हारी फ़ोटोचस्पा नहीं हुई।मत भूलो!यह तुम पर मेहरबानी की गयी हैवरना मुन्नीबाई के कोठे परजिस्म के बदलेतुम्हारा भी सौदा किया जाता;मैख़ाने मेंमैकश के हाथों उछाले जातेऔर देश […]

चलो चलें ‘पृथ्वी’! इस बस्ती से अब दूर

October 8, 2020 0

— आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय ग़म-ख़ुशी का फ़र्क़ महसूस होता है,अपना यहाँ न कोई महसूस होता है।सौग़ात में पाता रहा नायाब इक दर्द,रिश्तों में दरार अब महसूस होता है।जवानी ने भी छीन लीं किलकारियाँ,बुढ़ापे का […]

न्याय-देवता कह रहे, लाओ! घर में सौत

October 2, 2020 0

— आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय एक–कैसा यह भगवान् है, चोर-चमारी भक्ति।मन्दिर में मूरत दिखे, उड़न-छू हुई शक्ति।।दो–पट्टी बाँधे आँख में, देश जगाता चोर।भक्त माल सब ले गये, कहीं नहीं अब शोर।।तीन–अजब-ग़ज़ब के लोग हैं, शर्म-हया […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

September 29, 2020 0

यहाँ उन शब्दों के प्रयोग के लिए अनुरोध किया गया है, जो शुद्ध हैं और उपयुक्त भी। कृपया अपने लेखन में उन शुद्ध शब्दों को स्थान देकर समाज का भाषिक मार्गदर्शन करें। ★ ‘प्रावधान’ के […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

September 28, 2020 0

हमारे महान् साहित्यकार, समीक्षक, कवि-कवयित्री, शाइर आदिक बहुत गर्व के साथ मंचों के माध्यम से कहते हैं :—० मैंने अभी-अभी एक ताज़ी कहानी लिखी है।० मैं एक ताज़ी ग़ज़ल पेश करती हूँ।० मैंने एक ताजा […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

September 27, 2020 0

यहाँ सबसे ऊपर एक चित्र दिया गया है। इस चित्र के अन्तर्गत दिखाये गये समाचारों का व्याकरण के निकष पर हम भाषिक परीक्षण करेंगे। आइए! चलते हैं, अपनी ‘प्रायोगिक भाषिक कर्मशाला में। अब हमने समाचार-चैनल […]

आओ! हौसले की एक बस्ती बना लें हम

September 24, 2020 0

—- आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय एक–चाँदनी ने चोरी की और रौशनी ने लूटा,बेचारे चाँद और सूरज की गिरिफ़्तारी क्यों?दो–बेरहम-बेमुरव्वत की दुनिया बहुत निराली है,अपनी ख़ुद्दारी की गठरी को सलामत रख।तीन–बेकसी-बेबसी-बेक़द्री की ज़िन्दगी क्यों?आओ! हौसले की […]

आइए! अपने ‘सात अभिन्न’ मित्रों से मिलवाऊँ

September 24, 2020 0

—- आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय एक : कर्म– पश्चात्ताप करने का अवसर नहीं देता।दो : दर्पण– असत्य सम्भाषण करने से रक्षा करता है।तीन : ज्ञान– आशंकित होने से बचाता है।चार : अध्यात्म– मोह-पाश में आबद्ध […]

सबके-सब धुत्त दिख रहे इस मैख़ाने में!

September 24, 2020 0

— आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय एक–सियासत लिपटी बदनामी की चादर में,सबके-सब धुत्त दिख रहे इस मैख़ाने में!दो–अजीब-सा सन्नाटा पसरा इधर और उधर,आग बो डालो अब, कहीं बीत न जाये पहर।तीन–बात आते-आते नज़र में ठहर आती […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

September 22, 2020 0

★’उत्तरप्रदेशलोक सेवा आयोग’ के दामन पर कब तक लगता रहेगा दाग़?★ आर०ओ०-ए०आर०ओ० के सामान्य हिन्दी/व्याकरण के प्रश्नपत्र में अशुद्धियाँ-ही-अशुद्धियाँ! एक अर्से से उत्तरप्रदेश लोक सेवा आयोग बदनामी की चादर ओढ़े हुए है। प्रतियोगी विद्यार्थियों का […]

‘यौन-शोषण’ के बदलते सन्दर्भ

September 22, 2020 0

‘मुक्त मीडिया’ का ‘आज’ का सम्पादकीय — आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय कोई भी जब ‘यौन-शुचिता’ पर बात करता है तब वह ‘यौन’ नाना प्रश्नों के घेरे में आ जाता है। अब ‘यौनशोषण’ करना और कराना, […]

देश ‘राष्ट्रद्रोहियों’ और तानाशाहों के शिकंजे में!

September 16, 2020 0

‘मुक्त मीडिया’ का ‘आज’ का सम्पादकीय — आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय विपक्ष के चरित्र पर थूकने की भी इच्छा नहीं होती। देश को बरबाद कराने में यदि किसी की भूमिका है तो वह है, देश […]

देश की संसद् में ‘आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला’ की प्रकारान्तर से जय-जयकार हुई

September 16, 2020 0

हमने सबसे पहले ‘सोसल डिस्टैंसिंग’ और ‘सामाजिक दूरी’ का मुखर विरोध करते हुए, स-तर्क ‘शारीरिक दूरी’ नामकरण किया था, जिसका हमारे ‘मुक्त मीडिया’ के सदस्यवृन्द ने स्वीकार भी किया था, वहीं अपने स्वभाव से विवश […]

दो मुँहे साँपों को बुरी तरह से कुचल डालो!

September 7, 2020 0

— आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय हमारे देश का शिक्षित बेरोज़गार सरकारी नौकरियों से हाथ धो रहा है। संघटित-असंघटित क्षेत्रों में भी नौकरी का टोटका सामने आ चुका है। रेलविभाग का निजीकरण आरम्भ हो चुका है। […]

देश की दु:खियारी जनता की आह व्यर्थ नहीं जानेवाली

September 6, 2020 0

— आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय जितने भी विपक्षी दल के नेत्री-नेता हैं, सभी हमारे लोकतन्त्र के लिए घातक सिद्ध हो चुके हैं। जैसे लक़्वाग्रस्त व्यक्ति क्रियाशील नहीं हो सकता, वैसे ही सभी विपक्षी राजनेताओं की […]

‘शिक्षक-दिवस’ पर विशेष : हम कैसे कह दें, “आचार्य देवो भव?”

September 5, 2020 0

— आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय एक वह समय था, जब अध्यापक की सम्पूर्ण समाज में सर्वाधिक मान-प्रतिष्ठा हुआ करती थी, तब यह उदात्त शब्दावली शोभा देती थी, “आचार्य देवो भव।” एक समय आज का है, […]

आइए! मन से संकल्प करें–

September 4, 2020 0

— आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय ★ इस विषय पर जनमत-संग्रह कराया जाये कि देशवासी कैसा नेता चाहते हैं।★ किसी भी प्रकार के राजनेता बनने के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता स्नातक रहेगी और वह किसी भी […]

सहर्ष घोषणा– आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की आन्तर्जालिक पाठशाला

September 3, 2020 0

अब हमारी पाठशाला आन्तर्जालिक (ऑन-लाइन) रूप में शीघ्र प्रसारित होगी, जो हमारे सुविधानुसार संचालित होगी। पहला विषय– मौखिक और लिखित भाषा (लेखन-पठन-पाठन तथा उच्चारण)। ★ आप लिखते कुछ हैं और उच्चारण कुछ करते हैं। आप […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय का देश के समस्त शिक्षित विद्यार्थियों के नाम सन्देश

September 2, 2020 0

मेरे प्रिय शिक्षित-सुशिक्षित विद्यार्थीवृन्द! पिछले माह मैंने ‘मैं भी बेरोज़गार’ को प्रचारित-प्रसारित करने का आह्वान किया था; अब वह रंग ला रहा है। आप भी ‘मैं भी बेरोज़गार’ का परचम लहराते हुए, केन्द्र और राज्य […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

September 2, 2020 0

समाचार-चैनल : ‘समाचार Plus’ का भाषिक अज्ञानइस चित्र को ध्यानपूर्वक देखिए। इसमें अंकित समाचार-शीर्षक को पढ़िए। पहली बात, यह समाचार-शीर्षक नहीं है, क्योंकि वही समाचार-शीर्षक उपयुक्त कहलाता है, जो क्रिया-रहित हो। यह तो एक वाक्य […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

September 1, 2020 0

★ ‘विज्ञानी’ और ‘वैज्ञानिक’ में अन्तर १- वह एक विज्ञानी है। √२- वह एक वैज्ञानिक है। ×३- वह वैज्ञानिक क्षेत्र का व्यक्ति है। √४- देवनागरी लिपि एक वैज्ञानिक लिपि है। √५- डॉ० होमीजहाँगीर भाभा एक […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

August 31, 2020 0

★ कोश और कोष ‘कोश’ नैसर्गिक है, जबकि ‘कोष’ अनैसर्गिक/ कृत्रिम। आप ‘कोशिका’ का प्रयोग करते हैं; क्योंकि वह निसर्ग/ प्रकृति-जन्य है। आप उसे ‘कोषिका’ नहीं कह सकते। ‘कोष’ द्रव्यादिक से सम्बद्ध है। द्रव्यादिक नैसर्गिक […]

भोजपूरी के पोंछिटा मत खींच…S..S..S

August 27, 2020 0

— आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय (भोजपूरी के हड़ाह लिक्खाड़), परियागराज भोजपूरी ‘चिनियाबादाम’ न हवे ए बाबू कि अँगुठवा दबाई के फोरि देहला आ मुँहवाँ में ढुकाइ लेहल। जेकरा फराकी ठोकला के बदिया……धोवे के सहूर ना […]

‘आनन्द’ क्या है?

August 24, 2020 0

— आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय हृदय में जब न ‘हर्ष’ हो और न ही ‘विषाद’ तब की स्थिति ‘आनन्द’ है। ऐसी मनोदशा ‘स्थितिप्रज्ञ’ की कोटि के अन्तर्गत रेखांकित होती है। एक वास्तविक संन्यासी (कदाचित् यत्र-तत्र […]

जय हो बरहम बाबा; जय हो काली माई! निसतनिया के अचके उलटाव

August 23, 2020 0

— आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय देख! बूढ़वा कइले बा अनेत, मुअला पर पनियो ना जुरी। ऊ दुरगतिया होखी ओकर, हेनर-बेनर सब होइ ओकर। ओकरा के जेतना सराप ओतने कम बा। अचक बान आई आ ओकरा […]

‘सच’ ‘सच’ ही होता है, कब तक भागते रहोगे?

August 21, 2020 0

— आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय ढाबों और अन्य प्रकार के शाकाहारी भोजनालयों में जब भी मैं भोजन करने के लिए जाता हूँ तब अधिकतर भोजनालयों में ‘व्यावहारिक समाजवाद’ देखता हूँ। मैं भोजन ग्रहण करने के […]

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के कुलपति राकेश भटनागर की निर्लज्जता!

August 21, 2020 0

‘मुक्त मीडिया’ का ‘आज’ का सम्पादकीय — आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय यों ही कोई महामना नहीं बन जाता। जिस व्यक्ति ने अपनी झोली फैलाकर जनसामान्य और जनविशेष से एक महत् सामाजिक उद्देश्य की पूर्ति के […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

August 19, 2020 0

ऊपर दी गयी संस्थान की टीन-पट्टिका को ध्यानपूर्वक देखें। वह संस्थान ‘भरद्वाज-आश्रम’, प्रयागराज के सामनेवाले मार्ग पर स्थित है। टीन की यह पट्टिका वर्षों से संस्थान के प्रवेशद्वार के ऊपर लगी हुई है। इस संस्थान […]

“न ख़ुदा ही मिला, न विसाले सनम!”

August 19, 2020 0

— आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय मुझे ऐसा कोई भी व्यक्ति पसन्द नहीं है, जो कहता कुछ हो और करता कुछ हो। ऐसों से मैं दूरी बना लेता हूँ। अधिकतर ‘लिक्खाड़’ और ‘वाचाल’ लोग ‘महिला- स्वातन्त्र्य’ […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय का ‘राष्ट्र के नाम सन्देश’

August 14, 2020 0

● स्वाधीनता-दिवस (१५ अगस्त) की पूर्व-सन्ध्या पर मातृभूमि की अर्चना, आराधना, वन्दना तथा सरकार की लोकघातक नीतियों की भर्त्सना जो लोग यह मानते हैं कि “वन्दे मातरम्” गाने से वे ‘काफ़िर’ की श्रेणी में आ […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

August 14, 2020 0

प्रिय शिष्यवृन्द! आप जब शोधप्रबन्ध अथवा निम्नांकित विषयगत आशय के कर्म कर रहे होते हैं तब शब्दप्रयोग के प्रति आपको सतर्क-सन्नद्ध-सावधान रहना होगा। ऐसा इसलिए कि शोधकर्म करने-कराने का अर्थ ही है कि सम्बद्ध विद्यार्थी […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

August 13, 2020 0

कृपया निम्न टंकित चार शब्दों को गम्भीरतापूर्वक समझें। १- बाह्य— बाहरी, बाहर का, बाहर की ओर२- वाह्य— वहन (ढोने) करने-योग्य; जैसे– वाहन, वाहक आदिक।३- अन्तर्राष्ट्रीय— अपने राष्ट्र में होनेवाला; अपने राष्ट्र की भीतरी बातों से […]

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