सई नदी की करुण कथा : पौराणिक और ऐतिहासिक नदी मर रही है

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की कर्मशाला सम्पन्न

March 16, 2023 0

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय ने असम के विद्यार्थियों को मूलभूत व्याकरण का ज्ञान कराया ‘राष्ट्रभाषा प्रबोध विद्यालय’, विश्वनाथ (असम) के एक कक्ष मे कल आयोजित शैक्षिक कर्मशाला मे अनेक शिक्षण-संस्थाओं की छात्र-छात्राओं की सहभागिता उपयोगी […]

“भारतीय भाषाओं को हिन्दीभाषा के साथ मिलकर चलना होगा”― आचार्य पं० पृथ्वीनाथ

March 15, 2023 0

सात बहनो के नाम से जाना जानेवाला और अपनी नैसर्गिक समृद्धि के लिए प्रसिद्ध पूर्वोत्तर-राज्यों के एक महत्त्वपूर्ण राज्य ‘असम’-स्थिति विश्वनाथ चारिआलि मे उत्तरप्रदेश हिन्दी-संस्थान एवं विश्वनाथ चारिआलि राष्ट्रभाषा प्रबोध विद्यालय परिचालना समिति के संयुक्त […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की व्याख्यान और कर्मशाला १२-१३-१४ मार्च को असम मे

March 7, 2023 0

भाषाविज्ञानी एवं समीक्षक प्रयागराज के आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय को ‘विश्वनाथ चारिआलि राष्ट्रभाषा प्रबोध विद्यालय, परिचालना समिति’, विश्वनाथ, असम की ओर से आयोजित द्विदिवसीय (१२-१३ मार्च) राष्ट्रीय संगोष्ठी मे सारस्वत अतिथि के रूप मे निमन्त्रित […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय का वर्धा मे व्याख्यान २६ फ़रवरी को

February 25, 2023 0

भाषाविज्ञानी एवं समीक्षक प्रयागराज के आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय को हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग की ओर से आयोजित वर्धा (महाराष्ट्र) के द्विदिवसीय (२५-२६ फ़रवरी) ७४वें राष्ट्रीय अधिवेशन मे विशिष्ट वक्ता के रूप मे आमन्त्रित किया […]

हिन्दी साहित्य सम्मेलन का राष्ट्रीय अधिवेशन महाराष्ट्र मे २५ फ़रवरी से

February 23, 2023 0

हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग का द्विदिवसीय ७४वाँ राष्ट्रीय अधिवेशन २५ फ़रवरी से २६ फ़रवरी तक शान्ती भवन, बापू कुटीर, सेवाग्राम, वर्धा (महाराष्ट्र) मे आयोजित किया जायेगा। उल्लेखनीय है कि सम्मेलन की ओर से यह आयोजन […]

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

February 22, 2023 0

यहाँ एक शब्द है, खेल। इसी शब्द से दो शब्द का सर्जन (‘सृजन’ अशुद्ध शब्द है।) होता है :―१– खिलाड़ी२– खेलाड़ी। इनमे से कौन-सा शब्द उपयुक्त है और क्यों? कहीं ऐसा तो नहीं, दोनो शब्द […]

आइए! उदात्त गुरु-शिष्य परम्परा की वापसी करायें

February 11, 2023 0

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय कभी-कभी प्रतीत होता है, ‘आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला’ अपने उसी पुराकाल की समृद्ध और सात्त्विक परम्परा की देन है, जहाँ कभी गुरु भौतिकता से परे आत्मिक परिवेश का सर्जन […]

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

February 11, 2023 0

‘लड़पोछन’ शब्द की सार्थकता? ‘लड़पोछन’ न तो कोई सार्थक शब्द है और न ही ‘अश्लीलता’ का बोध करानेवाला किसी भी प्रकार का शब्द है। ‘लड़पोछन’ मे दो शब्द दिख रहे हैं :― (१) लड़ (२) […]

कर्मशाला के माध्यम से विद्यार्थी और अध्यापक-वर्ग को शुद्ध हिन्दी-लेखन का बोध करना अपरिहार्य है– आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय

February 10, 2023 0

“हमे आज संदूषित किये जा रहे शब्दों को पकड़कर सारस्वत सुधारगृह मे रखना होगा, ताकि उनका समुचित परिष्कार हो सके और उनका सात्त्विक शब्दनिधि मे प्रवेश हो सके। वास्तविकता यह है कि हमारा अर्द्धशिक्षित-शिक्षित-सुशिक्षित समाज […]

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय का ‘शब्दरथ’ प्रयागराज से लखनऊ प्रस्थान करने के लिए तत्पर/सन्नद्ध

February 7, 2023 0

‘आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला और कर्मशाला’ विगत वर्षों मे देश के अनेक राज्यों मे प्रसार करती गयी है, जिसका एकमात्र उद्देश्य रहा है, सार्थक शब्दपथ से च्युत (पृथक्, अलग) व्यक्ति को सम्यक् शब्द-धारण […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की कर्मशाला का आयोजन लखनऊ मे ९ फ़रवरी को

February 7, 2023 0

प्रयागराज से पधारे भाषाविज्ञानी एवं समीक्षक तथा आयोजन मे मुख्य अतिथि आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की कर्मशाला का आयोजन ९ फ़रवरी को ‘दीनदयाल उपाध्याय राज्य ग्राम्य विकास संस्थान’, बख़्शी का तालाब, लखनऊ के सभागार मे […]

एक बार ‘व्यापमं’ के प्राश्निकों की अयोग्यता सामने आयी!

February 6, 2023 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय हाल ही मे ‘व्यापमं’ की ओर से आयोजित ‘सब-इंस्पेक्टर-परीक्षा’, छत्तीसगढ़ के सामान्य हिन्दी के प्रश्नपत्र मे नीचे दिये गये एक प्रश्न के उत्तर-विकल्प को लेकर इस समय अभ्यर्थी मुझसे लगातार […]

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

January 25, 2023 0

♀ हमे ‘इस पाठशाला’ से पूर्व ऐसा कोई भी स्रोत प्राप्त नहीं हुआ था, जिसमे किसी भी प्रकार के अशुद्ध-शुद्ध वाक्य को इतने विस्तार के साथ समझाते हुए, लेखन हुआ हो और समय-समय पर हमारा […]

‘परीक्षा पे/पर चर्चा’ वाक्यांश-प्रयोग का औचित्य?

January 21, 2023 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय इन दिनो एक वाक्यांश शिक्षाजगत् की शब्द-सम्पदा को खाने के लिए ‘जंगली कुत्ते’ की तरह से छोड़ दिया गया है। आश्चर्य है, उस कुत्ते को लठियाने की हिम्मत मरती हुई […]

शब्दों और अंकों का शुद्ध उच्चारण और लेखन करना सीखें

January 18, 2023 0

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला ♀ प्रथम― प्रत्युत्पन्नमति ♀ द्वितीय― शुश्रूषा ♀ तृतीय― ५९ ♀ चतुर्थ― पोषकतत्त्व ♀ पंचम― ९५ ♀ षष्ठ― वीणापाणि ◆ प्रत्युत्पन्नमति :― प्रथम शब्द है― प्रत्युत्पन्नमति।प्रति+उत्पन्न+मति― इसका शाब्दिक अर्थ है, […]

अटल बिहारी वाजपेयी चयन संग्रह : संसद में अटल जी का लोकार्पण 20 जनवरी 2023 को

January 17, 2023 0

डॉ० नरेन्द्र शुक्ल, प्रमुख नेहरू पुस्तकालय एवं संग्रहालय (प्रख्यात लेखक-इतिहासकार) लगभग तीन साल पहले अटल बिहारी वाजपेयी के अनन्य सहयोगी एन एम घटाटे हमारे तत्कालीन निदेशक श्री शक्ति सिन्हा मिले और उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी […]

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

January 15, 2023 0

◆ यहाँ प्रस्तुत है, एक वाक्य का सम्यक् और अनन्य विश्लेषण। ★ वाक्य है :― पुरुषार्थ से बढ़कर ‘कुछ’ भी नहीं।•••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• सब कुछ विस्मृत के गर्भ मे विलीन हो जाता है, जबकि पुरुषार्थ ‘अजर-अमर’-रूप/अजर-अमर के […]

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

January 6, 2023 0

◆ वे शब्द, जिनका विश्व-समाज अशुद्ध और अनुपयुक्त व्यवहार करता आ रहा है।■ शब्दप्रयोग― आभार; शुक्रिय:/शुक्रिया, धन्यवाद, साधुवाद तथा थैंक यू। आइए! ‘आभार’ शब्द को समझते हैं। ‘आभारी’ का समानार्थी शब्द ‘कृतज्ञता’ है। पढ़े-लिखे लोग […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

January 2, 2023 0

एक वाक्य के आधार पर व्याकरणीय सम्बोध/संज्ञान करें। वाक्य है :–★ हमारे जीवन मे एक ‘तिनके’ की उपयोगिता है और महत्ता भी। ◆ यह वाक्य ‘अनिश्चित वर्त्तमान/वर्तमानकाल/वर्त्तमान/वर्तमान-काल/ वर्तमान का काल/समय (‘वर्त्तमान/वर्तमान काल’ अशुद्ध है।) का […]

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

December 29, 2022 0

■ यदि आपको इसमे से किसी भी प्रकार की अशुद्धि दिखे तो हमारा समुचित मार्गदर्शन करें, स्वागत है।◆ यहाँ वे शब्द हैं, जिनका विश्व-समाज जाने-अनजाने (‘अंजाने’ और ‘अन्जाने’ अशुद्ध हैं।) अशुद्ध और अनुपयुक्त व्यवहार करता […]

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