विरामचिह्नो की उपयोगिता और महत्ता

December 5, 2024 0

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला•••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• इसी परिप्रेक्ष्य मे नीचे दिये गये कुछ उदाहरणो को देखा-समझा और अनुभव किया जा सकता है :–★ पूर्ण, अल्प तथा सम्बोधन विरामचिह्नो के प्रयोग१– उसे रोको मत जाने दो।२– […]

संविधान के बारे मे जाने

November 26, 2024 0

‘संविधान’ शब्द संस्कृत भाषा के दो शब्दों ‘सम’ तथा ‘विधान’ ( सम+ विधान) से हुई है। सम का अर्थ है – एकसमान, बराबर जबकि विधान का अर्थ है -नियम , कानून। अर्थात ऐसे नियम और […]

सीखिए और सिखाइए; जीवन व्यर्थ न गँवाइए!

November 26, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय•••••••••••••••••••••••••••••••••••••• आत्मीय आभासी-अनाभासी मित्रवृन्द! आपमे से बहुसंख्य मित्र (शाब्दिक) ऐसे हैँ, जो भयवश मेरे सम्प्रेषण पर कोई टिप्पणी नहीँ करते। उन्हेँ आशंका रहती है कि उनके अशुद्ध लेखन पर सीधे अँगुली […]

प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति एक वरदान मे बरगद के औषधीय गुण

November 17, 2024 0

राघवेन्द्र कुमार राघव (वैकल्पिक-प्राकृतिक चिकित्सक)— बरगद का पञ्चाङ्ग उपयोगी है। बरगद का प्रत्येक अंश अमृत के गुणो से भरा है। फल, पत्ते, दूध, छाल और जटा सबका आयुर्वेद मे रोगनाशक के रूप उपयोग होता है। […]

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

November 17, 2024 0

◆ प्रस्तुत वाक्य ऐसे हैँ, जिन्हेँ लेकर ९५ प्रतिशत से अधिक सुशिक्षितजन अशुद्ध लेखन करते आ रहे हैँ।◆ यह प्रतियोगिता १८-१९ नवम्बर, २०२४ ई० तक रहेगी। जिसका उत्तर सर्वशुद्ध रहेगा, उसे नीचे दी गयी कृति […]

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

November 16, 2024 0

अध: टंकित शब्दोँ मे से कौन-सा शब्द उपयुक्त है?१– बँटाधार२– बण्टाधार३– बण्टाढार४– बँटाढार५– इनमे से कोई नहीँ। (फिर कौन-सा शब्द है?) उत्तर– १– बँटाधार शब्द-विवेचन– जो शब्द सर्वत्र प्रचलित है, वह ‘बंटाधार’ और ‘बण्टाधार’ है। […]

‘परिक्षा’ शुद्ध शब्द है और परीक्षा भी

November 8, 2024 0

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला•••••••••••••••••••••••••• ★ परिक्षा– इस ‘परिक्षा’ शब्द की वर्तनी (अक्षरी) देखते ही कोई भी सुस्पष्ट शब्दोँ मे कह देगा– यह जो ‘परिक्षा’ शब्द दिख रहा है, पूरी तरह से ग़लत है; […]

शुद्ध शब्दप्रयोग के साथ शुचितापूर्वक ‘दीपमाला-उत्सव’ का आयोजन करेँ!

October 31, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय••••••••••••••••••••••••••••••••••••• हम दीर्घकाल से देखते-समझते आ रहे हैँ कि दीप-उत्सव ‘दीपावली’ के अवसर पर भारतीय समाज आज भी भ्रम की स्थिति मे बना हुआ है। इसका मुख्य कारण है, ‘दीपावली’ त्योहार […]

कानपुर, दैनिक जागरण-कार्यालय मे ‘पत्रकारीय शब्दबोध-कर्मशाला’ का आयोजन प्रेरक रहा

October 27, 2024 0

कानपुर-प्रवास की अवधि मे मेरे समय का सदुपयोग होता रहा। विगत २४ अक्तूबर को दैनिक जागरण के राष्ट्रीय सम्पादक विष्णुप्रकाश त्रिपाठी जी के सौजन्य से दैनिक जागरण, कानपुर-कार्यालय के एक सभागार मे समाचारपत्रोँ मे व्यवहृत […]

प्राकृतिक चिकित्सा आधारित राघव की सलाह : 1

October 25, 2024 0

प्राकृतिक चिकित्सा ही मूल चिकित्सा है जो रोग की जड़ को खत्म कर शरीर को निरोग करती है। यह चिकित्सा पद्धति शून्य नुकसान वाली है और लाइलाज बीमारियों को भी ठीक करने की इसमें क्षमता […]

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

October 24, 2024 0

अध: टंकित वाक्य को सकारण शुद्ध करेँ :–● मैं दो दिन से गांव पर/पे है।सकारण उत्तर–सर्वप्रथम हम अपने प्रश्नात्मक वाक्य पर विचार करेँगे। यह वाक्य अशुद्ध है; क्योँकि वाक्य से निर्देश की ध्वनि आ रही […]

न तो ‘मूसलधार’ शब्द शुद्ध है और न ही ‘मूसलाधार’

October 1, 2024 0

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला •••••••••••••••••••••••••••••• – आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय•••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• प्रश्न– अध: टंकित शब्दोँ मे से कौन-सा शब्द शुद्ध है और क्योँ?(क) मुसलधार (ख) मुसलाधार(ग) मूसलधार (घ) मूसलाधार ◆ यह ऐसा प्रश्न है, […]

वैल्हम गर्ल्स स्कूल मे राष्ट्रीय भाषिक कर्मशाला

September 19, 2024 0

देहरादून मे शुद्ध भाषा का अलख जगाते, आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय देश के शीर्षस्थ निजी शिक्षण-संस्थानो मे से एक देहरादून (उत्तराखण्ड) मे स्थित अँगरेज़ी-माध्यम के विद्यालय वैल्हम गर्ल्स स्कूल की ओर से गत दिवस उसके […]

‘केंद्रीय हिंदी निदेशालय’ अपनी ही मानकता को झुठलाता हुआ!..? (भाग– दो)

September 4, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय प्रिय पाठकवृन्द! आपने ‘केंद्रीय हिंदी निदेशालय’-द्वारा मानक शब्द, वर्तनी, विरामादिक चिह्नो से सम्बन्धित जारी की गयी लघु पुस्तिका मे अशुद्धियोँ और भ्रामक मानकीकरण को लेकर पहले भाग मे विरामचिह्नादिक से […]

‘केंद्रीय हिंदी निदेशालय’ अपनी ही मानकता को झुठलाता हुआ!..? (भाग– एक)

September 3, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय देश के जाने-माने सरकारी संस्थान ‘केंद्रीय हिंदी निदेशालय’, दिल्ली की ओर से हाल ही मे एक लघु पुस्तक जारी की गयी है, जिसमे किस शब्द, वर्तनी, विरामादिक चिह्नो को मानक […]

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

August 27, 2024 0

■ अधोटंकित वाक्य मे किसप्रकार की अशुद्धि/अशुद्धता है? आप इसे शुद्ध करते हुए, प्रस्तुत करेँ–● असफलताऐँ हमारे सोच को मन्द करता हो।■ हम ‘अधोटंकित’ शब्द का प्रयोग जाने कब से करते आ रहे हैँ, जोकि […]

हिन्दीभाषा/हिन्दी-भाषा-व्याकरण सीखने के प्रति ललक हो तो ऐसी!

August 17, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय हिन्दी-भाषा-व्याकरण एवं संरचना-खण्ड की समझ विकसित करने के प्रति तत्पर देश का एक ऐसा शिक्षण-संस्थान है, जिसने मेरी सहमति प्राप्त करने के अनन्तर शीघ्र ही ‘एलायंस एअर’ के गमनागमन (‘आवागगमन’) […]

यह रही, हमारी पाठशाला– दो सौ एक (समापन)

August 15, 2024 0

यह पाठशाला प्रकाशन की दृष्टि से यहीँ पर विराम लेती है; परन्तु इसका टंकण होता रहेगा; क्योँकि अभी एक सहस्र पाठशाला-प्रणयन करनेका लक्ष्य है, जो हमारे सुविधानुसार लक्ष्य की ओर अग्रसर रहेगा। दो सौ एक […]

स्वाधीनता-संग्राम के बहाने : आओ! याद करें कुछ चेहरे अनजाने

August 14, 2024 0

आदित्य त्रिपाठी (सहायक अध्यापक, बे०शि०वि०, प्रा०पा० प्रतापपुर, कोथावाँ, हरदोई) स्वतंत्रता कोई एक शब्द नहीं अपितु एक अप्रतिम विचारधारा है। स्वाधीनता वह है जैसे प्रकृति हर हाल मे प्राप्त करना चाहती है और सभी को स्वतंत्रता […]

साहित्य क्या है?

August 6, 2024 0

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला साहित्य क्या है? जिसमे जड़-चेतन का हित हो; कल्याण हो तथा भला हो, वह ‘साहित्य’ है। साहित्य जीवन का व्याख्याता है। साहित्य के परिशीलन से हृदय का परिष्कार होता […]

आइए! शब्दसंधान कर, भाषा को परिष्कृत करेँ

July 25, 2024 0

सम्मानित शुभेच्छुवृन्द! यह हमारी ‘आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला’ नामक प्रकाशनाधीन पुस्तक की भूमिका का आरम्भिक (अपूर्ण) अंश है। हमने इसे यहाँ इसलिए प्रस्तुत की है, जिससे आप सब बता सकेँ कि भूमिका कहीँ […]

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

July 8, 2024 0

निर्देश– शुद्धता की दृष्टि से अधोटंकित वाक्योँ पर विचार करेँ :– एक– एक से सौ तक की गिनती हमने सीख लीं हैं।दो– हमने एक से सौ तक की गिनतियाँ सीख ली है। विवेचन-विश्लेषण– दोनो वाक्य […]

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

July 5, 2024 0

◆ हमने समयाभाव के कारण सविस्तार नहीँ बताया है; क्योँकि इसकी विस्तृत जानकारी कराने मे लगभग एक हज़ार शब्द टंकित करने पड़ते। इसका पाठशाला-विषयक पुस्तक मे विश्लेषण किया जायेगा। ◆ जहाँ संशय वा भ्रम हो, […]

शुद्धाशुद्ध शब्दोँ पर आधारित ‘आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला’ नामक अभिनव एवं अनन्य कृति शीघ्र सार्वजनिक होगी

June 19, 2024 0

चिर-प्रतीक्षित कृति का यह ‘दूसरा प्रूफ़’ है। हम अतिशीघ्र उपर्युक्त कृति को सार्वजनिक करेँगे। इसप्रकार की कोई कृति अभी तक उपलब्ध नहीँ है। हमने अपनी इस कृति का प्रणयन करते समय पूर्ण मनोयोग से ‘शब्ददर्शन’ […]

आयुर्वेद चिकित्सा के आधार वात, पित्त और कफ

June 8, 2024 0

★वात, पित्त, कफ दोष के कारण , लक्षण , और इलाज★ ★वात क्या होती है ★वात या वायु तीनों दोषों में सबसे अधिक महत्वपूर्ण है | ‘वात’ या ‘वायु’ यह दोनों ही शब्द संस्कृत के […]

‘देवनागरी लिपि’ और ‘हिन्दीभाषा’ का समादर करना सीखेँ

May 12, 2024 0

● आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• भले ही किसी ने वा एक समूह ने उच्चकोटि की उपाधियाँ :– डी० फ़िल्, पीएच्० डी०, डी० लिट्०, विद्यावारिधि, महामहोपाध्याय, शिक्षा-विशारद, विद्यावाचस्पति इत्यादिक उपाधियाँ अर्जित कर ली होँ; उच्चपदस्थ होँ; […]

आम — कितना आम और कितना खास

May 11, 2024 0

ईश्वर ने हमें जो तमाम नेमते दी हैं, उनमें से पका हुआ आम मेरे लिए सबसे मनभावन, स्वादिष्ट और लजीज है। हम भारतीय इस मामले में कुछ अधिक ही भाग्यशाली हैं क्योंकि हमारे यहां विश्व […]

समझेँ ‘संघटन’ और ‘संगठन’ को

April 26, 2024 0

◆ हमारी ‘पाठशाला’ की किसी भी सामग्री को कोई भी व्यक्ति स्वतन्त्र और स्वच्छन्द होकर उपयोग करने का अधिकारी नहीँ है। यदि वह उपयोग करता है तो उसे सुस्पष्टत: उल्लेख करना होगा कि वह ‘किसके […]

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

March 19, 2024 0

अधोटंकित वाक्य को सकारण शुद्ध करें– ● उस जंगलों के भीतरी हिस्सों मे प्रवेश नहीं करें।जब भी इस प्रकार का वा इससे मिलता-जुलता वाक्य शुद्ध करने के लिए प्रस्तुत किया जाये तब आप उसे समझते […]

‘आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला’ नामक कृति–

March 11, 2024 0

पुस्तक के विषय मे :– ◆ पुस्तक की विक्रय-संख्या का एक अनुमान प्राप्त हो जाने के अनन्तर उसी संख्या मे पुस्तक का मुद्रण और प्रकाशन होगा।◆ पुस्तक मुद्रित हो जाने के बाद निबन्धित (रजिस्टर्ड) ‘डाकसेवा’ […]

Avadh Bihari : A charismatic and courageous figure

February 25, 2024 0

Aditya Tripathi (Writer-Teacher) Once upon a time, in the tumultuous era of India’s struggle for independence, there lived a man named Avadh Bihari. He was a charismatic and courageous figure, renowned for his unwavering dedication […]

आइए! अति संक्षेप मे ‘उर्दू’ शब्द की वास्तविकता से अवगत हों

February 8, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय•••••••••••••••••••••••••••••••••••••• जो लोग उर्दू को भारत की भाषा मानते हैं, उन्हें पहले ‘उर्दू’ शब्द का अर्थ समझ लेना चाहिए और यह भी कि उर्दू की उत्पत्ति किस शब्द से होती है […]

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

February 3, 2024 0

शब्द हैं :– रचयिता-रचयित्री। ★ रचयिता– ‘रचयिता’ पुंल्लिंग-शब्द है, जो किसी भी प्रकार की मौलिक रचना के लिए प्रयुक्त होता है। ‘रचयिता’ का अर्थ है, रचना/सर्जन करनेवाला वा रचनेवाला। ‘रचना’ करने के अर्थ मे ‘रच्’ […]

सहकल-बहकल-दहकल बबुनी

January 23, 2024 0

बाबू! इहे ह असलिका भोजपुरी– भोजपुरी-विशेषण आ क्रिया के बिस्तार से समझे के बा। ● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

January 20, 2024 0

हमने ऊपर दिख रही सामग्री मे अशुद्ध शब्द-व्यवहार को यथाशक्य सकारण शुद्ध किया है। इसमे जिसकी रुचि हो, वे ग्रहण कर सकते हैं; किसी प्रकार की कोई बाध्यता नहीं। वैसे भी शब्द मे शक्ति होती […]

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

January 19, 2024 0

शब्द हैं :– संकीर्ण, आकीर्ण, विस्तीर्ण, प्रकीर्ण तथा विकीर्ण। संकीर्ण– मूल शब्द ‘कीर्ण’ है, जिसका अर्थ ‘बिखरा हुआ’, ‘ढका हुआ’ तथा ‘ठहरा हुआ’ है। हम प्रयोग के आधार पर शब्दार्थ-चयन करेंगे। हम ‘संकीर्ण’ के अर्थ […]

भारतीय परम्परा से प्राप्‍त ज्ञान पूरी तरह वैज्ञानिक

January 6, 2024 0

पूज्य “सद्गुरुदेव अवधेशानन्द सरस्वती” जी ने कहा– “वेदोऽखिलो धर्ममूलं स्मृतिशीले च तद्विदाम्।आचारश्चैव साधूनां आत्मनस्तुष्टिरेव च॥” वेद शब्द “विद्” धातु से बना है, जिसका आशय जानने अर्थात् ज्ञान प्राप्त करने से है। वेद ज्ञान-विज्ञान के अप्रतिम […]

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

January 3, 2024 0

अब हमें देवनागरी लिपि के अन्तर्गत हिन्दीभाषा मे प्रयुक्त किये जानेवाले उन शब्दों पर विचार करना होगा, जो लुप्तप्राय हो चुके हैं तथा जो यदा-कदा व्यवहार मे लक्षित होते रहते हैं; और वह भी अशुद्धि-रूप […]

Velu Nachiyar : Warrior Queen Defies British

December 9, 2023 0

Aditya Tripathi (Teacher/Writer)– Once upon a time, in the vibrant kingdom of Ramnathpuram, a remarkable woman named Velu Nachiyar was born in the year 1730. Little did anyone know that she would go on to […]

‘पनौती’ शब्द का यथार्थ

November 29, 2023 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय (सर्वाधिकार सुरक्षित― आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय, प्रयागराज; २८ नवम्बर, २०२३ ईसवी।)

विद्यार्थी और अध्यापकों के लिए देशस्तर पर हिन्दी-भाषा की कर्मशाला हो― आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय

November 20, 2023 0

जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, बीसलपुर, पीलीभीत द्वारा ‘नयी शिक्षा-नीति एवं मातृभाषा के आलोक में शब्दसंधान’ विषय पर त्रि- दिवसीय (दिनांक २०, २१ तथा २२ नवम्बर) राष्ट्रीय कर्मशाला के प्रथम दिन का आयोजन किया गया। […]

‘आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला’ ‘गर्रा नदी’-तटप्रान्त की ओर

October 27, 2023 0

हमारी पाठशाला निकट भविष्य मे उत्तरप्रदेश मे रोहिलखण्ड-मण्डल के दक्षिण-पूर्व मे स्थित एक ‘जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण-संस्थान’ (‘डाइट) मे आयोजित की जानेवाली त्रिदिवसीय कर्मशाला मे अपनी भाषाशुचिता के साथ संलक्षित होगी। वह मण्डल ‘रुहेलखण्ड’ के […]

ज्ञान-विज्ञान और प्रौद्योगिकी-क्षेत्र में हिन्दी ससीम से असीम की ओर

September 25, 2023 0

‘हिन्दी-पक्ष’ (पखवाड़ा) के अवसर पर विशेष प्रस्तुति ★ आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय(भाषाविज्ञानी और समीक्षक) देश की बहुसंख्य जनता देवनागरी लिपि मे हिन्दी लिखना, पढ़ना तथा समझना जानती है। सम्पूर्ण देश मे साहित्य की दोनो विधाओं […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

September 21, 2023 0

आइए! आभासी और वास्तविक दुनिया के हम समस्त मित्रवृन्द समवेत स्वर मे संकल्प करें (‘संकल्प लें’ अशुद्ध है।) :–किसी भी महिला-पुरुष को ‘मैडम-सर’ के स्थान पर क्रमश: ‘महोदया’ और ‘महोदय’ शब्दों से ही सम्बोधित करेंगे। […]

‘राष्ट्रभाषा के प्रश्न पर’ देश-देशान्तर के हिन्दीसेवी और अनुरागी क्या सोचते हैं?

September 14, 2023 0

हिन्दी-दिवस की पूर्व-संध्या मे ‘सर्जनपीठ’ का अन्तरराष्ट्रीय आन्तर्जालिक आयोजन ‘सर्जनपीठ’, प्रयागराज के तत्त्वावधान मे हिन्दी-दिवस की पूर्व-संध्या मे ‘सारस्वत सदन-सभागार’, अलोपीबाग़, प्रयागराज से एक आन्तर्जालिक अन्तरराष्ट्रीय बौद्धिक परिसंवाद का आयोजन किया गया, जिसमे जर्मनी, फ्रांस, […]

महीयसी महादेवी की अविस्मरणीय सारस्वतधर्मिता

September 11, 2023 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय इलाहाबाद-आगमन और क्रॉस्थवेट स्कूल, इलाहाबाद मे प्रवेश करने के अनन्तर महादेवी वर्मा की साहित्य-साधना अबाध्य गति मे (‘गति से’ अशुद्ध है।) चलती रही। ‘माँ ने सुनी एक करुण कथा’ का […]

शिक्षा की दिव्यता शिक्षक से है

September 4, 2023 0

शिक्षक राष्ट्र का निर्माता होता है। भारत मे शिक्षकों का स्थान सदैव सर्वोच्च रहा है। सनातन धर्म में शिक्षक या गुरु को ईश्वर से भी बड़ा स्वीकार किया गया है। भगवद्गीता मे भगवान श्रीकृष्ण स्वयं […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

August 31, 2023 0

शब्दों मे (‘शब्दों के’ अशुद्ध है।) अन्तर को समझें― ◆ कोश और कोष‘कोश’ नैसर्गिक, स्वाभाविक तथा प्राकृतिक है, जबकि ‘कोष’ अनैसर्गिक, कृत्रिम तथा अस्वाभाविक है।आप ‘कोशिका’ का प्रयोग करते हैं; क्योंकि वह निसर्ग/ प्रकृति-जन्य है। […]

“जय हो बरहम बाबा; जय हो काली माई! हो निसतनिया के अचके उलटाव!”

August 30, 2023 0

इही काहाला असलिका भोजपुरी; एकर माजा लीहीं सभे ● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय आहि ए दादा! हो टुअरी क देख ना। हो मचनिया पर कौआ क हाँकत-हाँकत का-का कह तीया। बुझाता जइसे केहू सुतला मे […]

“तुलसीदास ईश्वरीय सत्ता की आवश्यकता को गहराई से समझते थे”– डॉ० रागिनी अवस्थी

August 23, 2023 0

गोस्वामी तुलसीदास की ५२६वीं जन्मतिथि के अवसर पर ‘सर्जनपीठ’ की विशेष प्रस्तुति यदि कोई जनकवि है तो वह हैं, ‘तुलसीदास’। ‘वैराग्य संदीपनी’, ‘श्री रामचरितमानस’, ‘विनयपत्रिका’, ‘गीतावली’, ‘कृष्णगीतावली’, ‘कवितावली’, ‘सतसई’, ‘दोहावली’, ‘रामाज्ञाप्रश्न’, ‘जानकीमंगल’, ‘पार्वतीमंगल’, ‘ ‘रामललानहछू’, […]

महान् कोशकार और हिन्दी-अनुरागी फ़ादर कामिल बुल्के की निधन-तिथि (१७ अगस्त) पर विशेष

August 18, 2023 0

‘सर्जनपीठ’ का राष्ट्रीय आयोजन हिन्दी के अनुकरणीय अनुरागी थे, फादर कामिल बुल्के ‘सर्जनपीठ’, प्रयागराज के तत्त्वावधान मे संस्कृत और हिन्दी के विद्वान् फादर कामिल बुल्के की निधनतिथि के अवसर पर ‘फादर कामिल बुल्के एवं उनका […]

‘हिन्दीभाषा और उसका मानकीकरण’ विषय पर वार्त्ता

August 11, 2023 0

आकाशवाणी, प्रयागराजसुनिए, शनिवार; १२ अगस्त, २०२३ ई० को :―सायं ७:३० बजे‘हिन्दीभाषा और उसका मानकीकरण’वार्त्ताकार :―आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेयप्रस्तुति :― आकाशवाणी आकाशवाणी, प्रयागराज की ओर से भाषाविज्ञानी आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय १२ अगस्त को ‘हिन्दीभाषा और […]

आकाशवाणी की हिन्दीभाषा-विषयक कार्यशाला ४ जुलाई को

July 3, 2023 0

आकाशवाणी, प्रयागराज की ओर से एक हिन्दीभाषा- कार्यशाला का आयोजन ४ जुलाई को अपराह्ण ३ बजे से आकाशवाणी-सभागार मे किया जायेगा। इस कार्यशाला मे भाषाविज्ञानी आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय ‘कार्यालयीय हिन्दीभाषा-प्रयोग एवं दोष-निवारण’ विषय पर […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय का ‘निबन्ध’ के प्रति दृष्टिबोध

May 24, 2023 0

◆ ‘निबन्ध-विषयक’ अवधारणा प्रकट करने से पूर्व यह अवश्य बलपूर्वक कहना चाहता हूँ कि ‘रचना’ और ‘लेखन’ एक सारस्वत तपस्वी का कर्म है। बहुसंख्य लोग प्रकाशकों को रुपये देकर दो-चार पुस्तकें प्रकाशित करा लेते हैं […]

पन्त के काव्य मे संलक्षित होता प्रकृति का मनोरम रूप

May 20, 2023 0

पन्त की १२३ वीं जन्मतिथि के अवसर पर ‘सर्जनपीठ’, प्रयागराज के तत्त्वावधान मे २० मई को ‘सारस्वत सदन’, अलोपीबाग़, प्रयागराज के सभागार से ‘प्राकृतिक सौन्दर्य और कवि-दृष्टिबोध’ विषय पर एक आन्तर्जालिक राष्ट्रीय बौद्धिक परिसंवाद का […]

‘प्राकृतिक सौन्दर्य और कवि-दृष्टिबोध’ विषय पर परिसंवाद २० मई को

May 19, 2023 0

‘सर्जनपीठ’, प्रयागराज की ओर से आगामी २० मई को पण्डित सुमित्रानन्दन पन्त की जन्मतिथि के अवसर पर अपराह्ण १.३० बजे से ‘प्राकृतिक सौन्दर्य और कवि-दृष्टिबोध’ विषयक एक आन्तर्जालिक राष्ट्रीय बौद्धिक परिसंवाद का आयोजन किया जायेगा, […]

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

May 19, 2023 0

प्रश्न― अधोटंकित शब्दों में से कौन-से शब्द उपयुक्त हैं और क्यों? उपयुक्त शब्दों का वाक्य मे प्रयोग करके बतायें।१– बरात २– बारात ३– बाराती ४– बराती उत्तर―चारों शब्दों मे से दो शब्द उपयुक्त हैं :― […]

ऐतिहासिक टीकाकरण के बाद बिगड़ती सेहत के कारणों पर ध्यान दें

May 18, 2023 0

सन्त समीर जी की फेसबुक वॉल से– सोशल मीडिया के लिए आजकल समय नहीं निकल पा रहा है, पर पिछले कुछ दिनों में हार्ट अटैक की इतनी घटनाएँ सुनीं कि सावधान करना ज़रूरी लगा। ज़्यादा […]

भय-ग्रंथि क्या है?

May 14, 2023 0

अतिमहत्वपूर्ण????चार बातों का आत्मनिरीक्षण कीजिए- यदि ये चारों या इनमें से कोई भी दो या कोई भी एक ग्रंथि आपके हृदय में विद्यमान है तो आप उतनी ही मात्रा में विक्षिप्त रहते हैं..! इन ग्रंथियों/विक्षेपों/रोगों […]

नास्ति सत्य समं तपः

May 12, 2023 0

नास्ति विद्या समं चक्षु नास्ति सत्य समं तपः। नास्ति राग समं दुःखं नास्ति त्याग समं सुखम्॥ विद्या के समान कोई दृष्टि नहीं है। सत्य से बढ़कर कोई तप नहीं है। राग या आसक्ति से बड़ा […]

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

May 11, 2023 0

◆ आचार्य की पाठशाला की ओर से किये गये प्रश्न ‘देखने’ और ‘उत्तर’ देने मे अत्यन्त सरल लगते हैं, जबकि वे होते नहीं हैं; क्योंकि उसके लिए ‘शरसंधान’ की भाँति ‘शब्दसंधान’ करना पड़ता है। १– […]

विद्यार्थियों की गुरु के प्रति श्रद्धा और सीखने की ललक देखते ही बनती थी!

May 8, 2023 0

एक समय था, जब इलाहाबाद का क्षेत्र ‘गोविन्दपुर’ इतना बीहड़ होता था कि लोग-बाग़ वहाँ जाने से डरते थे; परन्तु हमे नहीं भूलना चाहिए कि ‘सभ्यता का विकास’ ऐसे ही बीहड़ और दुर्गम परिवेश मे […]

विद्यार्थी लिखने का अभ्यास आरम्भ कर दें― आचार्य पं० पृथ्वीनाथ

May 6, 2023 0

भाषाविज्ञानी और वैयाकरण आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय ने ६ मई को ‘हिन्दी-संसार ऑन-लाइन’ शैक्षिक संस्थान, सलोरी, प्रयागराज के सभागार मे लगभग ८०० छात्र-छात्राओं को लगातार ८ घण्टे, फिर ऑन-लाइन लगभग २,००० विद्यार्थियों को डेढ़ घण्टे […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला ६ मई को

May 5, 2023 0

‘हिन्दी-संसार ऑन-लाइन’ शैक्षिक संस्थान’, सलोरी, प्रयागराज की ओर से ६ मई को भाषाविज्ञानी और वैयाकरण आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की बहुचर्चित पाठशाला का आयोजन संस्थान के सभागार मे पूर्वाह्ण १० बजे से मध्याह्न १२ बजे […]

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

April 25, 2023 0

■ प्रतिक्रिया करके हमने ‘होने’ का परिचय अवश्य दें; क्योंकि ‘शब्दसर्जन’ और ‘शब्दसंधान’ श्रमसाध्य और ‘कष्टसाध्य’ कर्म है। अभिक्रिया के अभाव मे भविष्य मे इस पाठशाला से आप सभी वंचित रहेंगे। ★ हमारी पाठशाला की […]

सर्जक का मन-मस्तिष्क नितान्त सुकोमल होता है

April 13, 2023 0

सर्जक का मन-मस्तिष्क नितान्त सुकोमल होता है, यदि वह सर्जक है तो; क्योंकि उसकी दृष्टि ‘समय-सत्य’ होती है। वह देश (स्थान), काल तथा पात्र की रचना करता है, जिसमे उसकी भावना, संवेदना, कल्पना तथा विचारशीलता […]

अलोपीदेवी और अलोपशंकरी नहीं, ‘आलोपीदेवी’ और ‘आलोपशंकरी’ कहें― आचार्य पं० पृथ्वीनाथ

April 1, 2023 0

प्रयागराज मे अलोपीबाग़ (शुद्ध और उपयुक्त नाम ‘आलोपीबाग़’ है।) मुहल्ले मे एक प्रसिद्ध मन्दिर है, जिसे ‘सिद्धपीठ’ और ‘शक्तिपीठ’ भी कहा जाता है, जहाँ सुदूर क्षेत्रों से आबाल वृद्ध नर-नारी श्रद्धा-आस्था के साथ अपनी भक्ति […]

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

March 27, 2023 0

● व्याकरण के स्तर पर अधोलिखित वाक्यों में किस-किस प्रकार की अशुद्धियाँ हैं? उन अशुद्धियों को दूर करते हुए, अधोलिखित वाक्यों को शुद्ध करें―१- शान्तनु ने स्पृहा से कहा, शान्तनु अब स्पृहा से वार्ता नहीं […]

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की कर्मशाला सम्पन्न

March 16, 2023 0

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय ने असम के विद्यार्थियों को मूलभूत व्याकरण का ज्ञान कराया ‘राष्ट्रभाषा प्रबोध विद्यालय’, विश्वनाथ (असम) के एक कक्ष मे कल आयोजित शैक्षिक कर्मशाला मे अनेक शिक्षण-संस्थाओं की छात्र-छात्राओं की सहभागिता उपयोगी […]

“भारतीय भाषाओं को हिन्दीभाषा के साथ मिलकर चलना होगा”― आचार्य पं० पृथ्वीनाथ

March 15, 2023 0

सात बहनो के नाम से जाना जानेवाला और अपनी नैसर्गिक समृद्धि के लिए प्रसिद्ध पूर्वोत्तर-राज्यों के एक महत्त्वपूर्ण राज्य ‘असम’-स्थिति विश्वनाथ चारिआलि मे उत्तरप्रदेश हिन्दी-संस्थान एवं विश्वनाथ चारिआलि राष्ट्रभाषा प्रबोध विद्यालय परिचालना समिति के संयुक्त […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की व्याख्यान और कर्मशाला १२-१३-१४ मार्च को असम मे

March 7, 2023 0

भाषाविज्ञानी एवं समीक्षक प्रयागराज के आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय को ‘विश्वनाथ चारिआलि राष्ट्रभाषा प्रबोध विद्यालय, परिचालना समिति’, विश्वनाथ, असम की ओर से आयोजित द्विदिवसीय (१२-१३ मार्च) राष्ट्रीय संगोष्ठी मे सारस्वत अतिथि के रूप मे निमन्त्रित […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय का वर्धा मे व्याख्यान २६ फ़रवरी को

February 25, 2023 0

भाषाविज्ञानी एवं समीक्षक प्रयागराज के आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय को हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग की ओर से आयोजित वर्धा (महाराष्ट्र) के द्विदिवसीय (२५-२६ फ़रवरी) ७४वें राष्ट्रीय अधिवेशन मे विशिष्ट वक्ता के रूप मे आमन्त्रित किया […]

हिन्दी साहित्य सम्मेलन का राष्ट्रीय अधिवेशन महाराष्ट्र मे २५ फ़रवरी से

February 23, 2023 0

हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग का द्विदिवसीय ७४वाँ राष्ट्रीय अधिवेशन २५ फ़रवरी से २६ फ़रवरी तक शान्ती भवन, बापू कुटीर, सेवाग्राम, वर्धा (महाराष्ट्र) मे आयोजित किया जायेगा। उल्लेखनीय है कि सम्मेलन की ओर से यह आयोजन […]

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

February 22, 2023 0

यहाँ एक शब्द है, खेल। इसी शब्द से दो शब्द का सर्जन (‘सृजन’ अशुद्ध शब्द है।) होता है :―१– खिलाड़ी२– खेलाड़ी। इनमे से कौन-सा शब्द उपयुक्त है और क्यों? कहीं ऐसा तो नहीं, दोनो शब्द […]

आइए! उदात्त गुरु-शिष्य परम्परा की वापसी करायें

February 11, 2023 0

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय कभी-कभी प्रतीत होता है, ‘आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला’ अपने उसी पुराकाल की समृद्ध और सात्त्विक परम्परा की देन है, जहाँ कभी गुरु भौतिकता से परे आत्मिक परिवेश का सर्जन […]

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

February 11, 2023 0

‘लड़पोछन’ शब्द की सार्थकता? ‘लड़पोछन’ न तो कोई सार्थक शब्द है और न ही ‘अश्लीलता’ का बोध करानेवाला किसी भी प्रकार का शब्द है। ‘लड़पोछन’ मे दो शब्द दिख रहे हैं :― (१) लड़ (२) […]

कर्मशाला के माध्यम से विद्यार्थी और अध्यापक-वर्ग को शुद्ध हिन्दी-लेखन का बोध करना अपरिहार्य है– आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय

February 10, 2023 0

“हमे आज संदूषित किये जा रहे शब्दों को पकड़कर सारस्वत सुधारगृह मे रखना होगा, ताकि उनका समुचित परिष्कार हो सके और उनका सात्त्विक शब्दनिधि मे प्रवेश हो सके। वास्तविकता यह है कि हमारा अर्द्धशिक्षित-शिक्षित-सुशिक्षित समाज […]

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय का ‘शब्दरथ’ प्रयागराज से लखनऊ प्रस्थान करने के लिए तत्पर/सन्नद्ध

February 7, 2023 0

‘आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला और कर्मशाला’ विगत वर्षों मे देश के अनेक राज्यों मे प्रसार करती गयी है, जिसका एकमात्र उद्देश्य रहा है, सार्थक शब्दपथ से च्युत (पृथक्, अलग) व्यक्ति को सम्यक् शब्द-धारण […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की कर्मशाला का आयोजन लखनऊ मे ९ फ़रवरी को

February 7, 2023 0

प्रयागराज से पधारे भाषाविज्ञानी एवं समीक्षक तथा आयोजन मे मुख्य अतिथि आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की कर्मशाला का आयोजन ९ फ़रवरी को ‘दीनदयाल उपाध्याय राज्य ग्राम्य विकास संस्थान’, बख़्शी का तालाब, लखनऊ के सभागार मे […]

एक बार ‘व्यापमं’ के प्राश्निकों की अयोग्यता सामने आयी!

February 6, 2023 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय हाल ही मे ‘व्यापमं’ की ओर से आयोजित ‘सब-इंस्पेक्टर-परीक्षा’, छत्तीसगढ़ के सामान्य हिन्दी के प्रश्नपत्र मे नीचे दिये गये एक प्रश्न के उत्तर-विकल्प को लेकर इस समय अभ्यर्थी मुझसे लगातार […]

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

January 25, 2023 0

♀ हमे ‘इस पाठशाला’ से पूर्व ऐसा कोई भी स्रोत प्राप्त नहीं हुआ था, जिसमे किसी भी प्रकार के अशुद्ध-शुद्ध वाक्य को इतने विस्तार के साथ समझाते हुए, लेखन हुआ हो और समय-समय पर हमारा […]

‘परीक्षा पे/पर चर्चा’ वाक्यांश-प्रयोग का औचित्य?

January 21, 2023 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय इन दिनो एक वाक्यांश शिक्षाजगत् की शब्द-सम्पदा को खाने के लिए ‘जंगली कुत्ते’ की तरह से छोड़ दिया गया है। आश्चर्य है, उस कुत्ते को लठियाने की हिम्मत मरती हुई […]

शब्दों और अंकों का शुद्ध उच्चारण और लेखन करना सीखें

January 18, 2023 0

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला ♀ प्रथम― प्रत्युत्पन्नमति ♀ द्वितीय― शुश्रूषा ♀ तृतीय― ५९ ♀ चतुर्थ― पोषकतत्त्व ♀ पंचम― ९५ ♀ षष्ठ― वीणापाणि ◆ प्रत्युत्पन्नमति :― प्रथम शब्द है― प्रत्युत्पन्नमति।प्रति+उत्पन्न+मति― इसका शाब्दिक अर्थ है, […]

अटल बिहारी वाजपेयी चयन संग्रह : संसद में अटल जी का लोकार्पण 20 जनवरी 2023 को

January 17, 2023 0

डॉ० नरेन्द्र शुक्ल, प्रमुख नेहरू पुस्तकालय एवं संग्रहालय (प्रख्यात लेखक-इतिहासकार) लगभग तीन साल पहले अटल बिहारी वाजपेयी के अनन्य सहयोगी एन एम घटाटे हमारे तत्कालीन निदेशक श्री शक्ति सिन्हा मिले और उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी […]

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

January 15, 2023 0

◆ यहाँ प्रस्तुत है, एक वाक्य का सम्यक् और अनन्य विश्लेषण। ★ वाक्य है :― पुरुषार्थ से बढ़कर ‘कुछ’ भी नहीं।•••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• सब कुछ विस्मृत के गर्भ मे विलीन हो जाता है, जबकि पुरुषार्थ ‘अजर-अमर’-रूप/अजर-अमर के […]

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

January 6, 2023 0

◆ वे शब्द, जिनका विश्व-समाज अशुद्ध और अनुपयुक्त व्यवहार करता आ रहा है।■ शब्दप्रयोग― आभार; शुक्रिय:/शुक्रिया, धन्यवाद, साधुवाद तथा थैंक यू। आइए! ‘आभार’ शब्द को समझते हैं। ‘आभारी’ का समानार्थी शब्द ‘कृतज्ञता’ है। पढ़े-लिखे लोग […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

January 2, 2023 0

एक वाक्य के आधार पर व्याकरणीय सम्बोध/संज्ञान करें। वाक्य है :–★ हमारे जीवन मे एक ‘तिनके’ की उपयोगिता है और महत्ता भी। ◆ यह वाक्य ‘अनिश्चित वर्त्तमान/वर्तमानकाल/वर्त्तमान/वर्तमान-काल/ वर्तमान का काल/समय (‘वर्त्तमान/वर्तमान काल’ अशुद्ध है।) का […]

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

December 29, 2022 0

■ यदि आपको इसमे से किसी भी प्रकार की अशुद्धि दिखे तो हमारा समुचित मार्गदर्शन करें, स्वागत है।◆ यहाँ वे शब्द हैं, जिनका विश्व-समाज जाने-अनजाने (‘अंजाने’ और ‘अन्जाने’ अशुद्ध हैं।) अशुद्ध और अनुपयुक्त व्यवहार करता […]

विरामचिह्नो के अभाव मे भाषा और साहित्य गतिहीन हैं– विभूति मिश्र

December 21, 2022 0

‘सर्जनपीठ’ की ओर से ‘सारस्वत सभागार’, लूकरगंज, प्रयागराज मे २१ दिसम्बर को ‘शब्द-शब्द संधान’ के अन्तर्गत ‘मौखिक और लिखित भाषाओं मे विराम-चिह्नो की उपयोगिता’ पर चर्चा-परिचर्चा और कर्मशाला का आयोजन किया गया। अध्यक्ष और मुख्य […]

‘शब्द-शब्द संधान’ का आयोजन २१ दिसम्बर को

December 18, 2022 0

‘सर्जनपीठ’ के तत्त्वावधान मे हिन्दी-साहित्य के युगप्रवर्तक (द्विवेदी-युग) आचार्य महावीरप्रसाद द्विवेदी की पुण्यतिथि के अवसर पर ‘शब्द-शब्द संधान’ के अन्तर्गत ‘मौखिक और लिखित भाषाओं मे विराम और विरामेतर-चिह्नो की उपयोगिता’ विषय पर एक व्याकरणिक परिसंवाद […]

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

December 17, 2022 0

भाषासंस्कार/भाषा-संस्कार/भाषा का संस्कार (‘भाषा संस्कार’ अशुद्ध है।) विकसित करें प्रतिभाशाली/प्रतिभावान्/प्रतिसम्पन्न/प्रतिभायुक्त विद्यार्थी वही होता है, जो शब्दानुशासन को सम्यक् रूपेण (भलीभाँति) धारण करता हो। जिसके पास विद्या होती है, वही विद्यार्थी कहलाने का अधिकारी होता है; […]

शासकीय महाविद्यालय जयसिंहनगर, शहडोल मे राष्ट्रीय कार्यशाला का प्रथम दिवस

December 7, 2022 0

शिक्षाजगत् मे भाषा-व्याकरण के प्रति उदासीनता समाप्त हो– आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय मध्यप्रदेश उच्च शिक्षा गुणवत्ता परियोजना प्रकोष्ठ के तत्त्वावधान मे ७ दिसम्बर, २०२२ ई० को शासकीय महाविद्यालय जयसिंहनगर के हिन्दी एवं समाजशास्त्र-विभाग की ओर […]

अज्ञेय के निबन्ध ‘संवत्सर’ पर दो टूक टिप्पणी

December 6, 2022 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय नीचे अज्ञेय के निबन्ध ‘संवत्सर’ का एक अंश दिया गया है, जिसमे वे ‘अतिरिक्त’ बुद्धिवाद बघारते हुए दिखते हैं। अज्ञेय अपने शब्दजाल मे पाठकवर्ग को ऐसे फँसाते हैं कि वह […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय-द्वारा मध्यप्रदेश मे व्याख्यान और प्रशिक्षण ७-८ दिसम्बर को

December 4, 2022 0

‘मध्यप्रदेश उच्च शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन परियोजना एवं आन्तरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ’ के तत्त्वावधान मे शासकीय महाविद्यालय, जयसिंह नगर, शहडोल (म० प्र०) मे भाषाविज्ञानी और समीक्षक आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय (प्रयागराज) की अध्यक्षता मे द्विदिवसीय राष्ट्रीय […]

‘सृजन’ शब्द शुद्ध है अथवा ‘सर्जन’ शब्द?

December 3, 2022 0

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला ‘सृजन’ शब्द शैक्षिक और साहित्यिक वातावरण मे ऐसे घुल-मिल गया है, जैसे ‘दूध मे पानी’। उस दूध मे कितना पानी (पानी का भिन्नार्थक :– जल; चमक; प्रतिष्ठा) है, इसे […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

December 1, 2022 0

व्याकरण-बन्धन का समादर करना सीखें– दो•••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••[२५ नवम्बर, २०२२ ई० से आगे की पाठशाला-सामग्री का अध्ययन-अनुशीलन करें।] हिन्दी-भाषा निश्चित रूप से क्लिष्ट है; परन्तु उनके लिए जो देवनागरी लिपि और हिन्दी-भाषा को पढ़ने-समझने से कतराते आ […]

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