विरामचिह्नो की उपयोगिता और महत्ता

December 5, 2024 0

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला•••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• इसी परिप्रेक्ष्य मे नीचे दिये गये कुछ उदाहरणो को देखा-समझा और अनुभव किया जा सकता है :–★ पूर्ण, अल्प तथा सम्बोधन विरामचिह्नो के प्रयोग१– उसे रोको मत जाने दो।२– […]

सीखिए और सिखाइए; जीवन व्यर्थ न गँवाइए!

November 26, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय•••••••••••••••••••••••••••••••••••••• आत्मीय आभासी-अनाभासी मित्रवृन्द! आपमे से बहुसंख्य मित्र (शाब्दिक) ऐसे हैँ, जो भयवश मेरे सम्प्रेषण पर कोई टिप्पणी नहीँ करते। उन्हेँ आशंका रहती है कि उनके अशुद्ध लेखन पर सीधे अँगुली […]

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

November 16, 2024 0

अध: टंकित शब्दोँ मे से कौन-सा शब्द उपयुक्त है?१– बँटाधार२– बण्टाधार३– बण्टाढार४– बँटाढार५– इनमे से कोई नहीँ। (फिर कौन-सा शब्द है?) उत्तर– १– बँटाधार शब्द-विवेचन– जो शब्द सर्वत्र प्रचलित है, वह ‘बंटाधार’ और ‘बण्टाधार’ है। […]

‘परिक्षा’ शुद्ध शब्द है और परीक्षा भी

November 8, 2024 0

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला•••••••••••••••••••••••••• ★ परिक्षा– इस ‘परिक्षा’ शब्द की वर्तनी (अक्षरी) देखते ही कोई भी सुस्पष्ट शब्दोँ मे कह देगा– यह जो ‘परिक्षा’ शब्द दिख रहा है, पूरी तरह से ग़लत है; […]

शुद्ध शब्दप्रयोग के साथ शुचितापूर्वक ‘दीपमाला-उत्सव’ का आयोजन करेँ!

October 31, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय••••••••••••••••••••••••••••••••••••• हम दीर्घकाल से देखते-समझते आ रहे हैँ कि दीप-उत्सव ‘दीपावली’ के अवसर पर भारतीय समाज आज भी भ्रम की स्थिति मे बना हुआ है। इसका मुख्य कारण है, ‘दीपावली’ त्योहार […]

कानपुर, दैनिक जागरण-कार्यालय मे ‘पत्रकारीय शब्दबोध-कर्मशाला’ का आयोजन प्रेरक रहा

October 27, 2024 0

कानपुर-प्रवास की अवधि मे मेरे समय का सदुपयोग होता रहा। विगत २४ अक्तूबर को दैनिक जागरण के राष्ट्रीय सम्पादक विष्णुप्रकाश त्रिपाठी जी के सौजन्य से दैनिक जागरण, कानपुर-कार्यालय के एक सभागार मे समाचारपत्रोँ मे व्यवहृत […]

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

October 24, 2024 0

अध: टंकित वाक्य को सकारण शुद्ध करेँ :–● मैं दो दिन से गांव पर/पे है।सकारण उत्तर–सर्वप्रथम हम अपने प्रश्नात्मक वाक्य पर विचार करेँगे। यह वाक्य अशुद्ध है; क्योँकि वाक्य से निर्देश की ध्वनि आ रही […]

न तो ‘मूसलधार’ शब्द शुद्ध है और न ही ‘मूसलाधार’

October 1, 2024 0

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला •••••••••••••••••••••••••••••• – आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय•••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• प्रश्न– अध: टंकित शब्दोँ मे से कौन-सा शब्द शुद्ध है और क्योँ?(क) मुसलधार (ख) मुसलाधार(ग) मूसलधार (घ) मूसलाधार ◆ यह ऐसा प्रश्न है, […]

वैल्हम गर्ल्स स्कूल मे राष्ट्रीय भाषिक कर्मशाला

September 19, 2024 0

देहरादून मे शुद्ध भाषा का अलख जगाते, आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय देश के शीर्षस्थ निजी शिक्षण-संस्थानो मे से एक देहरादून (उत्तराखण्ड) मे स्थित अँगरेज़ी-माध्यम के विद्यालय वैल्हम गर्ल्स स्कूल की ओर से गत दिवस उसके […]

‘केंद्रीय हिंदी निदेशालय’ अपनी ही मानकता को झुठलाता हुआ!..? (भाग– दो)

September 4, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय प्रिय पाठकवृन्द! आपने ‘केंद्रीय हिंदी निदेशालय’-द्वारा मानक शब्द, वर्तनी, विरामादिक चिह्नो से सम्बन्धित जारी की गयी लघु पुस्तिका मे अशुद्धियोँ और भ्रामक मानकीकरण को लेकर पहले भाग मे विरामचिह्नादिक से […]

‘केंद्रीय हिंदी निदेशालय’ अपनी ही मानकता को झुठलाता हुआ!..? (भाग– एक)

September 3, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय देश के जाने-माने सरकारी संस्थान ‘केंद्रीय हिंदी निदेशालय’, दिल्ली की ओर से हाल ही मे एक लघु पुस्तक जारी की गयी है, जिसमे किस शब्द, वर्तनी, विरामादिक चिह्नो को मानक […]

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

August 27, 2024 0

■ अधोटंकित वाक्य मे किसप्रकार की अशुद्धि/अशुद्धता है? आप इसे शुद्ध करते हुए, प्रस्तुत करेँ–● असफलताऐँ हमारे सोच को मन्द करता हो।■ हम ‘अधोटंकित’ शब्द का प्रयोग जाने कब से करते आ रहे हैँ, जोकि […]

हिन्दीभाषा/हिन्दी-भाषा-व्याकरण सीखने के प्रति ललक हो तो ऐसी!

August 17, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय हिन्दी-भाषा-व्याकरण एवं संरचना-खण्ड की समझ विकसित करने के प्रति तत्पर देश का एक ऐसा शिक्षण-संस्थान है, जिसने मेरी सहमति प्राप्त करने के अनन्तर शीघ्र ही ‘एलायंस एअर’ के गमनागमन (‘आवागगमन’) […]

यह रही, हमारी पाठशाला– दो सौ एक (समापन)

August 15, 2024 0

यह पाठशाला प्रकाशन की दृष्टि से यहीँ पर विराम लेती है; परन्तु इसका टंकण होता रहेगा; क्योँकि अभी एक सहस्र पाठशाला-प्रणयन करनेका लक्ष्य है, जो हमारे सुविधानुसार लक्ष्य की ओर अग्रसर रहेगा। दो सौ एक […]

साहित्य क्या है?

August 6, 2024 0

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला साहित्य क्या है? जिसमे जड़-चेतन का हित हो; कल्याण हो तथा भला हो, वह ‘साहित्य’ है। साहित्य जीवन का व्याख्याता है। साहित्य के परिशीलन से हृदय का परिष्कार होता […]

आइए! शब्दसंधान कर, भाषा को परिष्कृत करेँ

July 25, 2024 0

सम्मानित शुभेच्छुवृन्द! यह हमारी ‘आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला’ नामक प्रकाशनाधीन पुस्तक की भूमिका का आरम्भिक (अपूर्ण) अंश है। हमने इसे यहाँ इसलिए प्रस्तुत की है, जिससे आप सब बता सकेँ कि भूमिका कहीँ […]

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

July 8, 2024 0

निर्देश– शुद्धता की दृष्टि से अधोटंकित वाक्योँ पर विचार करेँ :– एक– एक से सौ तक की गिनती हमने सीख लीं हैं।दो– हमने एक से सौ तक की गिनतियाँ सीख ली है। विवेचन-विश्लेषण– दोनो वाक्य […]

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

July 5, 2024 0

◆ हमने समयाभाव के कारण सविस्तार नहीँ बताया है; क्योँकि इसकी विस्तृत जानकारी कराने मे लगभग एक हज़ार शब्द टंकित करने पड़ते। इसका पाठशाला-विषयक पुस्तक मे विश्लेषण किया जायेगा। ◆ जहाँ संशय वा भ्रम हो, […]

‘देवनागरी लिपि’ और ‘हिन्दीभाषा’ का समादर करना सीखेँ

May 12, 2024 0

● आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• भले ही किसी ने वा एक समूह ने उच्चकोटि की उपाधियाँ :– डी० फ़िल्, पीएच्० डी०, डी० लिट्०, विद्यावारिधि, महामहोपाध्याय, शिक्षा-विशारद, विद्यावाचस्पति इत्यादिक उपाधियाँ अर्जित कर ली होँ; उच्चपदस्थ होँ; […]

समझेँ ‘संघटन’ और ‘संगठन’ को

April 26, 2024 0

◆ हमारी ‘पाठशाला’ की किसी भी सामग्री को कोई भी व्यक्ति स्वतन्त्र और स्वच्छन्द होकर उपयोग करने का अधिकारी नहीँ है। यदि वह उपयोग करता है तो उसे सुस्पष्टत: उल्लेख करना होगा कि वह ‘किसके […]

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

March 19, 2024 0

अधोटंकित वाक्य को सकारण शुद्ध करें– ● उस जंगलों के भीतरी हिस्सों मे प्रवेश नहीं करें।जब भी इस प्रकार का वा इससे मिलता-जुलता वाक्य शुद्ध करने के लिए प्रस्तुत किया जाये तब आप उसे समझते […]

आइए! अति संक्षेप मे ‘उर्दू’ शब्द की वास्तविकता से अवगत हों

February 8, 2024 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय•••••••••••••••••••••••••••••••••••••• जो लोग उर्दू को भारत की भाषा मानते हैं, उन्हें पहले ‘उर्दू’ शब्द का अर्थ समझ लेना चाहिए और यह भी कि उर्दू की उत्पत्ति किस शब्द से होती है […]

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

February 3, 2024 0

शब्द हैं :– रचयिता-रचयित्री। ★ रचयिता– ‘रचयिता’ पुंल्लिंग-शब्द है, जो किसी भी प्रकार की मौलिक रचना के लिए प्रयुक्त होता है। ‘रचयिता’ का अर्थ है, रचना/सर्जन करनेवाला वा रचनेवाला। ‘रचना’ करने के अर्थ मे ‘रच्’ […]

सहकल-बहकल-दहकल बबुनी

January 23, 2024 0

बाबू! इहे ह असलिका भोजपुरी– भोजपुरी-विशेषण आ क्रिया के बिस्तार से समझे के बा। ● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

January 20, 2024 0

हमने ऊपर दिख रही सामग्री मे अशुद्ध शब्द-व्यवहार को यथाशक्य सकारण शुद्ध किया है। इसमे जिसकी रुचि हो, वे ग्रहण कर सकते हैं; किसी प्रकार की कोई बाध्यता नहीं। वैसे भी शब्द मे शक्ति होती […]

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

January 19, 2024 0

शब्द हैं :– संकीर्ण, आकीर्ण, विस्तीर्ण, प्रकीर्ण तथा विकीर्ण। संकीर्ण– मूल शब्द ‘कीर्ण’ है, जिसका अर्थ ‘बिखरा हुआ’, ‘ढका हुआ’ तथा ‘ठहरा हुआ’ है। हम प्रयोग के आधार पर शब्दार्थ-चयन करेंगे। हम ‘संकीर्ण’ के अर्थ […]

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

January 3, 2024 0

अब हमें देवनागरी लिपि के अन्तर्गत हिन्दीभाषा मे प्रयुक्त किये जानेवाले उन शब्दों पर विचार करना होगा, जो लुप्तप्राय हो चुके हैं तथा जो यदा-कदा व्यवहार मे लक्षित होते रहते हैं; और वह भी अशुद्धि-रूप […]

‘पनौती’ शब्द का यथार्थ

November 29, 2023 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय (सर्वाधिकार सुरक्षित― आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय, प्रयागराज; २८ नवम्बर, २०२३ ईसवी।)

विद्यार्थी और अध्यापकों के लिए देशस्तर पर हिन्दी-भाषा की कर्मशाला हो― आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय

November 20, 2023 0

जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, बीसलपुर, पीलीभीत द्वारा ‘नयी शिक्षा-नीति एवं मातृभाषा के आलोक में शब्दसंधान’ विषय पर त्रि- दिवसीय (दिनांक २०, २१ तथा २२ नवम्बर) राष्ट्रीय कर्मशाला के प्रथम दिन का आयोजन किया गया। […]

‘आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला’ ‘गर्रा नदी’-तटप्रान्त की ओर

October 27, 2023 0

हमारी पाठशाला निकट भविष्य मे उत्तरप्रदेश मे रोहिलखण्ड-मण्डल के दक्षिण-पूर्व मे स्थित एक ‘जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण-संस्थान’ (‘डाइट) मे आयोजित की जानेवाली त्रिदिवसीय कर्मशाला मे अपनी भाषाशुचिता के साथ संलक्षित होगी। वह मण्डल ‘रुहेलखण्ड’ के […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

August 31, 2023 0

शब्दों मे (‘शब्दों के’ अशुद्ध है।) अन्तर को समझें― ◆ कोश और कोष‘कोश’ नैसर्गिक, स्वाभाविक तथा प्राकृतिक है, जबकि ‘कोष’ अनैसर्गिक, कृत्रिम तथा अस्वाभाविक है।आप ‘कोशिका’ का प्रयोग करते हैं; क्योंकि वह निसर्ग/ प्रकृति-जन्य है। […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय का ‘निबन्ध’ के प्रति दृष्टिबोध

May 24, 2023 0

◆ ‘निबन्ध-विषयक’ अवधारणा प्रकट करने से पूर्व यह अवश्य बलपूर्वक कहना चाहता हूँ कि ‘रचना’ और ‘लेखन’ एक सारस्वत तपस्वी का कर्म है। बहुसंख्य लोग प्रकाशकों को रुपये देकर दो-चार पुस्तकें प्रकाशित करा लेते हैं […]

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

May 19, 2023 0

प्रश्न― अधोटंकित शब्दों में से कौन-से शब्द उपयुक्त हैं और क्यों? उपयुक्त शब्दों का वाक्य मे प्रयोग करके बतायें।१– बरात २– बारात ३– बाराती ४– बराती उत्तर―चारों शब्दों मे से दो शब्द उपयुक्त हैं :― […]

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

May 11, 2023 0

◆ आचार्य की पाठशाला की ओर से किये गये प्रश्न ‘देखने’ और ‘उत्तर’ देने मे अत्यन्त सरल लगते हैं, जबकि वे होते नहीं हैं; क्योंकि उसके लिए ‘शरसंधान’ की भाँति ‘शब्दसंधान’ करना पड़ता है। १– […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला ६ मई को

May 5, 2023 0

‘हिन्दी-संसार ऑन-लाइन’ शैक्षिक संस्थान’, सलोरी, प्रयागराज की ओर से ६ मई को भाषाविज्ञानी और वैयाकरण आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की बहुचर्चित पाठशाला का आयोजन संस्थान के सभागार मे पूर्वाह्ण १० बजे से मध्याह्न १२ बजे […]

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

April 25, 2023 0

■ प्रतिक्रिया करके हमने ‘होने’ का परिचय अवश्य दें; क्योंकि ‘शब्दसर्जन’ और ‘शब्दसंधान’ श्रमसाध्य और ‘कष्टसाध्य’ कर्म है। अभिक्रिया के अभाव मे भविष्य मे इस पाठशाला से आप सभी वंचित रहेंगे। ★ हमारी पाठशाला की […]

अलोपीदेवी और अलोपशंकरी नहीं, ‘आलोपीदेवी’ और ‘आलोपशंकरी’ कहें― आचार्य पं० पृथ्वीनाथ

April 1, 2023 0

प्रयागराज मे अलोपीबाग़ (शुद्ध और उपयुक्त नाम ‘आलोपीबाग़’ है।) मुहल्ले मे एक प्रसिद्ध मन्दिर है, जिसे ‘सिद्धपीठ’ और ‘शक्तिपीठ’ भी कहा जाता है, जहाँ सुदूर क्षेत्रों से आबाल वृद्ध नर-नारी श्रद्धा-आस्था के साथ अपनी भक्ति […]

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

March 27, 2023 0

● व्याकरण के स्तर पर अधोलिखित वाक्यों में किस-किस प्रकार की अशुद्धियाँ हैं? उन अशुद्धियों को दूर करते हुए, अधोलिखित वाक्यों को शुद्ध करें―१- शान्तनु ने स्पृहा से कहा, शान्तनु अब स्पृहा से वार्ता नहीं […]

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की कर्मशाला सम्पन्न

March 16, 2023 0

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय ने असम के विद्यार्थियों को मूलभूत व्याकरण का ज्ञान कराया ‘राष्ट्रभाषा प्रबोध विद्यालय’, विश्वनाथ (असम) के एक कक्ष मे कल आयोजित शैक्षिक कर्मशाला मे अनेक शिक्षण-संस्थाओं की छात्र-छात्राओं की सहभागिता उपयोगी […]

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

February 22, 2023 0

यहाँ एक शब्द है, खेल। इसी शब्द से दो शब्द का सर्जन (‘सृजन’ अशुद्ध शब्द है।) होता है :―१– खिलाड़ी२– खेलाड़ी। इनमे से कौन-सा शब्द उपयुक्त है और क्यों? कहीं ऐसा तो नहीं, दोनो शब्द […]

आइए! उदात्त गुरु-शिष्य परम्परा की वापसी करायें

February 11, 2023 0

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय कभी-कभी प्रतीत होता है, ‘आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला’ अपने उसी पुराकाल की समृद्ध और सात्त्विक परम्परा की देन है, जहाँ कभी गुरु भौतिकता से परे आत्मिक परिवेश का सर्जन […]

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

February 11, 2023 0

‘लड़पोछन’ शब्द की सार्थकता? ‘लड़पोछन’ न तो कोई सार्थक शब्द है और न ही ‘अश्लीलता’ का बोध करानेवाला किसी भी प्रकार का शब्द है। ‘लड़पोछन’ मे दो शब्द दिख रहे हैं :― (१) लड़ (२) […]

कर्मशाला के माध्यम से विद्यार्थी और अध्यापक-वर्ग को शुद्ध हिन्दी-लेखन का बोध करना अपरिहार्य है– आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय

February 10, 2023 0

“हमे आज संदूषित किये जा रहे शब्दों को पकड़कर सारस्वत सुधारगृह मे रखना होगा, ताकि उनका समुचित परिष्कार हो सके और उनका सात्त्विक शब्दनिधि मे प्रवेश हो सके। वास्तविकता यह है कि हमारा अर्द्धशिक्षित-शिक्षित-सुशिक्षित समाज […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की कर्मशाला का आयोजन लखनऊ मे ९ फ़रवरी को

February 7, 2023 0

प्रयागराज से पधारे भाषाविज्ञानी एवं समीक्षक तथा आयोजन मे मुख्य अतिथि आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की कर्मशाला का आयोजन ९ फ़रवरी को ‘दीनदयाल उपाध्याय राज्य ग्राम्य विकास संस्थान’, बख़्शी का तालाब, लखनऊ के सभागार मे […]

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

January 25, 2023 0

♀ हमे ‘इस पाठशाला’ से पूर्व ऐसा कोई भी स्रोत प्राप्त नहीं हुआ था, जिसमे किसी भी प्रकार के अशुद्ध-शुद्ध वाक्य को इतने विस्तार के साथ समझाते हुए, लेखन हुआ हो और समय-समय पर हमारा […]

‘परीक्षा पे/पर चर्चा’ वाक्यांश-प्रयोग का औचित्य?

January 21, 2023 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय इन दिनो एक वाक्यांश शिक्षाजगत् की शब्द-सम्पदा को खाने के लिए ‘जंगली कुत्ते’ की तरह से छोड़ दिया गया है। आश्चर्य है, उस कुत्ते को लठियाने की हिम्मत मरती हुई […]

शब्दों और अंकों का शुद्ध उच्चारण और लेखन करना सीखें

January 18, 2023 0

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला ♀ प्रथम― प्रत्युत्पन्नमति ♀ द्वितीय― शुश्रूषा ♀ तृतीय― ५९ ♀ चतुर्थ― पोषकतत्त्व ♀ पंचम― ९५ ♀ षष्ठ― वीणापाणि ◆ प्रत्युत्पन्नमति :― प्रथम शब्द है― प्रत्युत्पन्नमति।प्रति+उत्पन्न+मति― इसका शाब्दिक अर्थ है, […]

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

January 15, 2023 0

◆ यहाँ प्रस्तुत है, एक वाक्य का सम्यक् और अनन्य विश्लेषण। ★ वाक्य है :― पुरुषार्थ से बढ़कर ‘कुछ’ भी नहीं।•••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• सब कुछ विस्मृत के गर्भ मे विलीन हो जाता है, जबकि पुरुषार्थ ‘अजर-अमर’-रूप/अजर-अमर के […]

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

January 6, 2023 0

◆ वे शब्द, जिनका विश्व-समाज अशुद्ध और अनुपयुक्त व्यवहार करता आ रहा है।■ शब्दप्रयोग― आभार; शुक्रिय:/शुक्रिया, धन्यवाद, साधुवाद तथा थैंक यू। आइए! ‘आभार’ शब्द को समझते हैं। ‘आभारी’ का समानार्थी शब्द ‘कृतज्ञता’ है। पढ़े-लिखे लोग […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

January 2, 2023 0

एक वाक्य के आधार पर व्याकरणीय सम्बोध/संज्ञान करें। वाक्य है :–★ हमारे जीवन मे एक ‘तिनके’ की उपयोगिता है और महत्ता भी। ◆ यह वाक्य ‘अनिश्चित वर्त्तमान/वर्तमानकाल/वर्त्तमान/वर्तमान-काल/ वर्तमान का काल/समय (‘वर्त्तमान/वर्तमान काल’ अशुद्ध है।) का […]

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

December 29, 2022 0

■ यदि आपको इसमे से किसी भी प्रकार की अशुद्धि दिखे तो हमारा समुचित मार्गदर्शन करें, स्वागत है।◆ यहाँ वे शब्द हैं, जिनका विश्व-समाज जाने-अनजाने (‘अंजाने’ और ‘अन्जाने’ अशुद्ध हैं।) अशुद्ध और अनुपयुक्त व्यवहार करता […]

‘शब्द-शब्द संधान’ का आयोजन २१ दिसम्बर को

December 18, 2022 0

‘सर्जनपीठ’ के तत्त्वावधान मे हिन्दी-साहित्य के युगप्रवर्तक (द्विवेदी-युग) आचार्य महावीरप्रसाद द्विवेदी की पुण्यतिथि के अवसर पर ‘शब्द-शब्द संधान’ के अन्तर्गत ‘मौखिक और लिखित भाषाओं मे विराम और विरामेतर-चिह्नो की उपयोगिता’ विषय पर एक व्याकरणिक परिसंवाद […]

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

December 17, 2022 0

भाषासंस्कार/भाषा-संस्कार/भाषा का संस्कार (‘भाषा संस्कार’ अशुद्ध है।) विकसित करें प्रतिभाशाली/प्रतिभावान्/प्रतिसम्पन्न/प्रतिभायुक्त विद्यार्थी वही होता है, जो शब्दानुशासन को सम्यक् रूपेण (भलीभाँति) धारण करता हो। जिसके पास विद्या होती है, वही विद्यार्थी कहलाने का अधिकारी होता है; […]

शासकीय महाविद्यालय जयसिंहनगर, शहडोल मे राष्ट्रीय कार्यशाला का प्रथम दिवस

December 7, 2022 0

शिक्षाजगत् मे भाषा-व्याकरण के प्रति उदासीनता समाप्त हो– आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय मध्यप्रदेश उच्च शिक्षा गुणवत्ता परियोजना प्रकोष्ठ के तत्त्वावधान मे ७ दिसम्बर, २०२२ ई० को शासकीय महाविद्यालय जयसिंहनगर के हिन्दी एवं समाजशास्त्र-विभाग की ओर […]

अज्ञेय के निबन्ध ‘संवत्सर’ पर दो टूक टिप्पणी

December 6, 2022 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय नीचे अज्ञेय के निबन्ध ‘संवत्सर’ का एक अंश दिया गया है, जिसमे वे ‘अतिरिक्त’ बुद्धिवाद बघारते हुए दिखते हैं। अज्ञेय अपने शब्दजाल मे पाठकवर्ग को ऐसे फँसाते हैं कि वह […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय-द्वारा मध्यप्रदेश मे व्याख्यान और प्रशिक्षण ७-८ दिसम्बर को

December 4, 2022 0

‘मध्यप्रदेश उच्च शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन परियोजना एवं आन्तरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ’ के तत्त्वावधान मे शासकीय महाविद्यालय, जयसिंह नगर, शहडोल (म० प्र०) मे भाषाविज्ञानी और समीक्षक आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय (प्रयागराज) की अध्यक्षता मे द्विदिवसीय राष्ट्रीय […]

‘सृजन’ शब्द शुद्ध है अथवा ‘सर्जन’ शब्द?

December 3, 2022 0

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला ‘सृजन’ शब्द शैक्षिक और साहित्यिक वातावरण मे ऐसे घुल-मिल गया है, जैसे ‘दूध मे पानी’। उस दूध मे कितना पानी (पानी का भिन्नार्थक :– जल; चमक; प्रतिष्ठा) है, इसे […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

December 1, 2022 0

व्याकरण-बन्धन का समादर करना सीखें– दो•••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••[२५ नवम्बर, २०२२ ई० से आगे की पाठशाला-सामग्री का अध्ययन-अनुशीलन करें।] हिन्दी-भाषा निश्चित रूप से क्लिष्ट है; परन्तु उनके लिए जो देवनागरी लिपि और हिन्दी-भाषा को पढ़ने-समझने से कतराते आ […]

सीखिए और सिखाइए; जीवन व्यर्थ न गँवाइए

November 25, 2022 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय आत्मीय मित्रवृन्द!आपमे से बहुसंख्य आभासी मित्र ऐसे हैं, जो भयवश मेरे सम्प्रेषण पर कोई भी टिप्पणी नहीं करते। उन्हें आशंका रहती है कि उनके अशुद्ध लेखन पर सीधे अँगुली (‘अंगुली’ […]

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

November 25, 2022 0

व्याकरण-बन्धन का समादर करना सीखें– एक आत्मीय विद्यार्थिवृन्द! (‘विद्यार्थीवृन्द’ अशुद्ध है।)‘सामान्य हिन्दी’ अथवा ‘हिन्दी-भाषा’, ‘हिन्दी-साहित्य’ तथा अन्य किसी भी विषय के प्रश्नपत्रों मे (‘में’ अशुद्ध है।) अंकित प्रश्नों के उत्तरों को लिखते समय आप यदि […]

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

November 22, 2022 0

◆ शब्द– अल्ला और अल्लाह। ★ अल्ला– बहुसंख्य जन नहीं जानते कि ‘अल्ला’ संस्कृतभाषा (यहाँ ‘षष्ठी तत्पुरुष’ समास है।) ‘संस्कृत-भाषा’ (संस्कृत की भाषा; यह सामासिक विग्रह है। ‘संस्कृत भाषा’ का प्रयोग अशुद्ध है; क्योंकि दोनो […]

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

November 18, 2022 0

◆ निम्नलिखित वाक्यों को सकारण शुद्ध करें :–१- वह ब्याख्यान दी थी।२- रेलगाड़ी देर से रेलवेस्टेशन में आयेगा।ध्यानपूर्वक शुद्ध और उपयुक्त उत्तर टिप्पणी-सहित ग्रहण करें। (इस आशय का उत्तर किसी भी पुस्तक मे उपलब्ध नहीं […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

November 11, 2022 0

शुद्ध और उपयुक्त शब्द :– वर्णो-पर्णो, कारणो, दोनो-तीनो, अपनो, नोक, नीवँ, मानो, मुन्नो, मा, मुझमे,मे, मै, मैने, हमे तथा कर्मो। आज की पाठशाला मे हम ऐसे शब्दों पर गम्भीरतापूर्वक विचार करेंगे, जिन्हें हम जाने-अनजाने (‘जाने-अंजाने/अन्जाने’ […]

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

November 10, 2022 0

◆ साग्रह अनुरोध–आप सभी इस टिप्पणी मे से किसी भी प्रकार की सकारण अशुद्धि/अशुद्धियाँ निकालें और मेरा मार्गदर्शन करें।••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••आत्मीय विद्यार्थिवृन्द!किसी भी स्तर की परीक्षा के हिन्दीभाषा/हिन्दी-भाषा (‘हिन्दी भाषा’ अशुद्ध है।) /सामान्य हिन्दी और हिन्दीसाहित्य/ हिन्दी-साहित्य […]

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

November 8, 2022 0

शुद्ध और उपयुक्त शब्द :– परिक्षा और परीक्षा। ★ परिक्षा– इस ‘परिक्षा’ शब्द की वर्तनी (अक्षरी) देखते ही कोई भी सुस्पष्ट शब्दों मे कह देगा– यह जो ‘परिक्षा’ शब्द दिख रहा है, पूरी तरह से […]

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

November 4, 2022 0

अधोटंकित वाक्यों मे से कौन-सा वाक्य शुद्ध है?१- अन्विता घर से अस्पताल वापस लौट आयी है।२- अन्विता अस्पताल से वापस घर लौट आयी है।३- अस्पताल से घर अन्विता वापस आयी है।४- अन्विता लौट आयी है […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

October 30, 2022 0

◆ अशुद्ध और अनुपयुक्त शब्दप्रयोग :– शुभ कामना, शुभकामनाएं, शुभकामनाएँ, शुभ कामनाएँ, हार्दिक शुभकामना, हार्दिक शुभ कामना, हार्दिक शुभकामनाएं/हार्दिक शुभकामनाएँ तथा हार्दिक शुभ कामनाएं तथा हार्दिक शुभ कामनाएँ। ऊपर अशुद्ध और अनुपयुक्त शब्दप्रयोग के अन्तर्गत […]

‘साभार’ और ‘सौजन्य’ का समादर करें

October 26, 2022 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय जो भी जन ‘आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला’ और ‘आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय-द्वारा प्रकाशित’ उन शब्दों का प्रयोग अपने सम्प्रेषण मे करते आ/दिख रहे हैं, जिनका व्यवहार उनके (आचार्य […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

October 24, 2022 0

● आपने २३ अक्तूबर की विलम्ब रात्रि मे ‘दीपावली-दीवाली’, ‘दीया-दिया’ तथा ‘प्रज्वलन’ शब्दप्रयोग की जानकारी अर्जित की थी। आज आप (२४ अक्तूबर) ‘वर्तिका’ (बाती) और ‘तैल-घृत’ शब्दों को समझें। शुद्ध और उपयुक्त शब्द :–वर्तिका और […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

October 21, 2022 0

अधोटंकित मे से शुद्ध उत्तर का चयन करें :–◆ यहाँ किये गये प्रश्नो के कारणसहित उत्तर दिये गये हैं। १– परीक्षक उत्तर-पुस्तिका का क्या करता है?(क) मूल्यांकन (ख) चेक(ग) दृष्टिपात (घ) इनमे से कोई नहीं।उत्तर– […]

हिन्दीव्याकरण-भाषाविज्ञान के विरोधियों को ‘स्वघोषित’ भाषाविज्ञानी, आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की खुले रूप मे ललकार

October 19, 2022 0

हिन्दी-व्याकरण/शब्दानुशासन का विरोध करनेवालो-वालियो! कई दशक से तुम सभी की कलुषित-कुत्सित मानसिकता को पढ़ता आ रहा था; सोचता था, शायद सुधर जाओ; परन्तु वस्तुस्थिति ‘अन्यथा’ दिखती आ रही है। जब ‘एक व्यक्ति’ इस देश मे […]

शुद्ध और उपयुक्त शब्दप्रयोग :– आभार, कृतज्ञता, धन्यवाद तथा साधुवाद

October 14, 2022 0

★ आभार– यह ऐसा शब्द है, जिसका लोग एक पारम्परिक शब्दार्थ के रूप मे प्रयोग करते आ रहे हैं। जब कोई किसी पर उपकार करता है तब उस उपकारी व्यक्ति के प्रति उपकृत व्यक्ति ‘आभार’ […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

October 4, 2022 0

■ आप सभी सीखिए (यहाँ ‘सिखिए’ अशुद्ध है।), ‘शुद्ध हिन्दी’ कैसे लिखी जाती है? (सर्वाधिकार सुरक्षित– आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय, प्रयागराज; ४ अक्तूबर, २०२२ ईसवी।)

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की शैक्षिक कर्मशाला का समापन हुआ

September 27, 2022 0

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की हिन्दी-पाठशाला की ओर से आयोजित कर्मशाला २७ सितम्बर को सम्पन्न हो गयी। अन्तिम दिन राजर्षि साहू महाविद्यालय, लातूर (महाराष्ट्र) के सभागार मे सारस्वत भेंटवार्त्ता का आयोजन किया गया था। महाविद्यालय […]

किसी भी पंचमाक्षर पर अनुस्वार का प्रयोग नहीं होता– आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय

September 26, 2022 0

राजर्षि शाहू महाविद्यालय, लातूर (महाराष्ट्र) के हिन्दी-विभाग की ओर से राष्ट्रीय स्तर पर प्रयागराज की ‘आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की हिन्दी-पाठशाला’ के अन्तर्गत ‘उच्चारण और लेखन-स्तर पर अशुद्धियाँ’ विषयक द्विदिवसीय कर्मशाला का आयोजन महाविद्यालय-सभागार मे […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की शैक्षिक राष्ट्रीय कर्मशाला लातूर मे २६ सितम्बर से

September 24, 2022 0

भाषाविज्ञानी एवं समीक्षक आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की शैक्षिक राष्ट्रीय कर्मशाला का आयोजन शिव छत्रपति शिक्षणसंस्था-द्वारा संचालित राजर्षि साहू महाविद्यालय (स्वायत्त), लातूर (महाराष्ट्र) के हिन्दी-विभाग की ओर से किया जायेगा। वहाँ की हिन्दीविभाग-प्रमुख डॉ० पल्लवी […]

विद्यार्थी और अध्यापक शुद्ध शब्द बोलने-लिखने के प्रति सजग रहें– आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय

September 23, 2022 0

२३ सितम्बर को धर्मादेवी इण्टरमीडिएट कॉलेज, केन (कौशाम्बी) के सभागार मे आयोजित ‘आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला’ मे सैकड़ों विद्यार्थियों और अध्यापकों को मौखिक, लिखित तथा सांकेतिक भाषा का सोदाहरण बोध कराया गया। लगातार […]

पाठशाला– एक दृष्टि मे

September 21, 2022 0

◆ पाठशाला उचित-अनुचित का ज्ञान और भान कराती है।◆ पाठशाला मनुष्यता सिखाती है।◆ पाठशाला अक्षरज्ञान से परिचित कराती है।◆ पाठशाला ‘सामान्य’ शिक्षा से लेकर ‘विशेष’ शिक्षा तक का बोध कराती है।◆ पाठशाला जीवन-अनुभव का विस्तार […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की कर्मशाला ‘रायबरेली से लातूर तक’

September 20, 2022 0

भाषाविज्ञानी एवं समीक्षक, प्रयागराज के आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की शैक्षिक कर्मशाला का आरम्भ हो चुका है। विद्यार्थियों, अध्यापकों तथा मीडियाकर्मियों को कई दशक से शुद्ध हिन्दी बोलने और लिखने के प्रति आग्रहशील आचार्य पाण्डेय […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की कर्मशाला रायबरेली (उत्तरप्रदेश) से लातूर (महाराष्ट्र) की ओर

September 20, 2022 0

२५ सितम्बर से २८ सितम्बर तक की अवधि एक शैक्षिक, किन्तु कलात्मक संस्मरण की रचना कराने के प्रति आग्रहशील है। प्रयागराज से इन्दौर और इन्दौर से हैदराबाद, तदनन्तर (‘तद्न्तर’, ‘तद्नन्तर’, ‘तदन्तर’ अशुद्ध हैं।) गन्तव्य लातूर […]

आइए! ‘कविता और कवि’ का परीक्षण करें और समीक्षण भी

August 23, 2022 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय सम्भवत: कोई पारंगत कवि हो, जो समग्र मे अपने गीतात्मक रचना और अन्य छन्दबद्ध सर्जन करते समय भाषा और छन्द के साथ न्याय कर पाता हो। वैसे सर्जक की पीठ […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

August 18, 2022 0

अधोटंकित शब्दों मे से कौन-सा/कौन-से शब्दप्रयोग शुद्ध है/हैं? ● आचार्य की पाठशाला के प्रश्न देखने मे बहुत सरल लगते और दिखते हैं; किन्तु उतने होते नहीं हैं, इसलिए उत्तर टंकित करते समय ‘त्वरा’ का परिचय […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

July 29, 2022 0

यह पूरी पारदर्शी प्रतिक्रिया नीचे दिखाये गये प्रचारपत्र मे प्रयुक्त शब्दों और विराम-विरामेतर (‘विरामेत्तर’ अशुद्ध है।) चिह्नो के संदर्भ मे की गयी है। यह पढ़े-लिखे लोग का ‘विश्व हिन्दी संगठन’ है; परन्तु भाषाबोध के नाम […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय का संदेश

July 17, 2022 0

शब्द :– भारी बहुमत से; प्रचण्ड बहुमत से; बहुत भारी बहुमत से; भयंकर बहुमत से। ये सभी शब्द अब सार्वजनिक सम्पत्ति हो चुके हैं; ज़ाहिर है, इन्हें पंचायती माल बना दिया गया है; यों (‘यूँ’ […]

तत्सम, तद्भव, देशज तथा विदेशज शब्दावली का मनोहारी दर्शन

July 10, 2022 0

—-इसे कहते हैं ‘शब्दचित्र’ ● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय मै अपलक उसे निहार रहा था। राजहंस-सा गौर वर्ण, द्रुत विलम्बित-सी गति, अभिधावाणी, उपनागरिका वृत्ति-सी प्रकृति, प्रसाद गुण-सा शील, मासूम चेहरे पर खिलता शृंगार-रस, अंग-अंग से […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

July 1, 2022 0

विषय– जन्मदिन बनाम जन्मतिथि/जन्मदिनांक ऐसा ज्ञान, जो आपको इस पाठशाला के अतिरिक्त कहीं नहीं मिलनेवाला है। इसे हम वर्षों से बताते-समझाते आ रहे हैं; परन्तु प्रत्येक कुएँ मे डाली गयी भाँग को बाहर लाकर उस […]

साहित्य क्या है?

July 1, 2022 0

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला— जिसमे जड़-चेतन का हित हो; कल्याण हो तथा भला हो, वह ‘साहित्य’ है। साहित्य जीवन का व्याख्याता है। साहित्य के परिशीलन से हृदय का परिष्कार होता है। उसमें प्रकृति […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

June 20, 2022 0

■ अरबी-फ़ारसी शब्दों का शुद्ध प्रयोग करना सीखेंआज हम लीक से हटकर उस मार्ग पर चलेंगे, जिस पर चलने का साहस हमारे ‘विद्वज्जन’ नहीं कर पाते हैं; और वह मार्ग है, ‘विलक्षण ज्ञानमार्ग’। हम जब […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

June 17, 2022 0

शब्द :— आरोपी-आरोपित आरोपी (वादी)– जो व्यक्ति किसी पर आरोप मढ़ता हो; जैसे– उसने मेरे घर चोरी की थी। आरोपित (प्रतिवादी)– जिस व्यक्ति पर आरोप मढ़ा जाये; जैसे– यही वह चोर है, जिसने चोरी की […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

June 16, 2022 0

● शब्द-विचार– ज़िम्म:दार-ज़िम्म:वार/ज़िम्मादार-ज़िम्मावार ● शुद्ध शब्द ‘ज़िम्म:दार’ और ‘ज़िम्म:वार’ हैं। अब प्रयोग के धरातल पर यही दोनो शब्द क्रमश: ‘ज़िम्मेदार’ और ‘ज़िम्मेवार’ बन गये हैं, जो कि अशुद्ध और अनुपयुक्त हैं। हम इसका ‘ज़िम्मादार’ और […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

June 16, 2022 0

■ निम्नलिखित वाक्य को शुद्ध करें–(यह वाक्य निर्देशात्मक है, इसलिए यहाँ ‘निर्देशक- चिह्न’ (–) प्रयुक्त हुआ है।)वाक्य– कल रुई(रूई) की खेती होती है। सकारण उत्तर•••••••••••••••यह प्रश्न देखने में सहज लग रहा है, जबकि है नहीं। […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

June 14, 2022 0

विषय– एक सामान्य प्रकार का पत्रलेखन ‘यू ट्यूब’ पर ऐसे-ऐसे जानकारशास्त्री अवतरित होते आ रहे हैं, जिनका बुद्धि-वैभव देख-समझकर विद्रूपतापूर्ण हँसी आती है। ऐसी-ऐसी पुरुष-महिलाएँ भाषाज्ञान कराने और अन्य विषयों पर ज्ञान बघारने के लिए […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

June 13, 2022 0

शब्द– एहसास-एहसान, दम्पती, नवरात्र, ब्रह्मा तथा मनोरंजन। ★ एहसास– प्राय: जनसामान्य इस शब्द को ‘अहसास’ बोलता-लिखता आ रहा है, जो कि पूरी तरह से ग़लत है। कुछ लोग तो एहसास का हिन्दीकरण ‘अहसास’ समझते और […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

June 13, 2022 0

शब्द– परिवेश और परिवेष। ★ परिवेश– यह ‘संस्कृत-भाषा’ का शब्द है। शब्दभेद की दृष्टि से यह विकारी ‘संज्ञा-शब्द’ है। लिंगानुशासन इसे ‘पुंल्लिंग’ (‘पुंलिंग’, ‘पुल्लिंग’ अशुद्ध हैं।) के रूप मे स्वीकार (‘स्वीकारता’ अशुद्ध है।) करता है। […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

May 8, 2022 0

निर्देश– एक शब्द मे प्रयुक्त अक्षरों की सहायता से सार्थक शब्द बनायें (‘बनाएँ’ अशुद्ध है।) और उसका अर्थ भी बतायें—जैसे— आराधना = पूजा-अर्चना-उपासना।आराधना मे चार अक्षर हैं। इस शब्द के अन्तर्गत इन्हीं चार अक्षरों की […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

May 3, 2022 0

एक आभासी मित्र के लेखन पर मैने एक टिप्पणी की थी :—“ध्यातव्य– व्यक्ति का निर्माण कोई नहीं कर सकता; निर्माण केवल ‘कृत्रिम वस्तु’ का होता है। आप कर सकते हैं– व्यक्तित्व का विकास/संवर्द्धन।”इस पर उनकी […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

April 25, 2022 0

यहाँ उन शब्दों के प्रयोग पर सम्यक् विचार किया गया है, जो शुद्ध हैं और उपयुक्त भी। आप उच्चारण और लेखन-स्तर पर उन शुद्ध शब्दों को भक्तिभाव के साथ ग्रहण करते हुए, समाज का भाषिक […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय का संदेश

April 13, 2022 0

आइए! सत्य-संधान करें। प्राय: सत्य स्वयं मे नितान्त कटु होता है। इसका आयाम बृहद् है— कहीं मृदु अनुभव होता है तो कहीं कठोर। यहीं पर सत्य की प्रियता-अप्रियता की यापित काल-खण्डों मे गहन अनुभूति होती […]

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